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अर्जुन सिंह को हराने वाले सुखलाल की कहानी,पत्रकार की जुबानी।

यह कहानी है एक साधारण व्यक्ति की जो अपने घर के लोगों को जलील होते देख कर प्रतिकार कर बैठा और फिर परिस्थितियों…

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मोहन भागवत जी, क्या यह हिन्दू समाज की अपेक्षाओं से विमुख होने का संकेत है?

मोहन भागवत जी, आपने हाल ही में जो बयान दिया है कि राम मंदिर हिन्दुओं की आस्था का विषय था और अब जब यह बन चुक…

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विकास लक्ष्यों को पर्यावरणीय उद्देश्यों के साथ जोड़ना अत्यन्त आवश्यक - डॉ.सत्यवान सौरभ

जलवायु परिवर्तन के प्रति भारत का सह-लाभ दृष्टिकोण विकास लक्ष्यों को पर्यावरणीय उद्देश्यों के साथ संरेखित कर…

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लाड़ली बहना योजना: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश या राजनीतिक खेल?

मध्य प्रदेश में महिलाओं की आर्थिक स्थिति को सुधारने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से लाड़ली बहना य…

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हरियाणा ने जातिवाद को नकारा, क्षेत्रीय पार्टियां पूरी तरह साफ़ - प्रियंका सौरभ

2019 की तरह हरियाणा में एग्जिट पोल फिर फेल। साल 2019 के हरियाणा चुनावों में एग्जिट पोल ने अनुमान लगाया था क…

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एंटीबायोटिक प्रतिरोध 21वीं सदी का एक नया महामारी खतरा - डॉ. सत्यवान सौरभ

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने वैश्विक स्वास्थ्य के लिए शीर्ष 10 खतरों को जारी किया, जिनमें से एंटीम…

दिवाकर की दुनाली से

फूलन देवी : नायकत्व का मिथक और असलियत की त्रासदी - दिवाकर शर्मा

फूलन देवी का नाम सुनते ही एक ऐसे विद्रोही महिला की छवि उभरती है, जिसने अत्याचार के खिलाफ बंदूक उठाई और बदले…

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चोरी और सीनाजोरी - भ्रष्टाचार का कीर्तिमान स्थापित करने वाले केंद्रीय सहकारी बैंक शिवपुरी का अग्निकांड - आशुतोष शर्मा

शिवपुरी: कठिन कार्यो को हल करने की अपनी विशिष्ठ कार्यपद्धति के कारण देश के गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह म…

दिवाकर की दुनाली से

"जीवन की तीन संतुष्टियाँ: कार्य संतुष्टि के अभाव में अवसाद का खतरा" - दिवाकर शर्मा

हर मनुष्य के जीवन में संतुष्टि का बहुत बड़ा महत्व है। यह संतुष्टि उसकी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य, रिश्तों…

अमरीक विचार

सरकारी धर्मनिरपेक्ष नियंत्रण से हिंदू मंदिरों की स्वतंत्रता - डॉ. अमरीक सिंह ठाकुर

हिंदू मंदिरों का "सरकारीकरण नहीं समाजीकरण" ही हिंदुओ की आस्था का सम्मान होगा। ‘‘स्वतंत्र हिंदू मंदि…

अमरीक विचार

तिब्बती मानवाधिकार और तिब्बत में जलवायु परिवर्तन विशुद्ध चीनी साम्राज्यवादी साजिश - डॉ. अमरीक सिंह ठाकुर

मौन संघर्ष : तिब्बत पर चीन का कब्जा और इसकी सांस्कृतिक पहचान का व्यवस्थित उन्मूलन, सात दशकों से अधिक समय स…

दिवाकर की दुनाली से

लेखन की गहराई: भाषा में अनुभव की परिपक्वता का प्रतिबिंब – दिवाकर शर्मा

लेखन एक साधना है, जो वर्षों की निरंतर मेहनत और अनुभव से विकसित होती है। लेखन के क्षेत्र में किसी की वरिष्ठत…

दिवाकर की दुनाली से

पत्रकारिता और साहित्यिक सम्मान: वास्तविकता से दूर, एक ढोंग का खेल – दिवाकर शर्मा

समय के साथ पत्रकारिता और साहित्य का रिश्ता बदलता गया है। कभी ये माध्यम सामाजिक और सांस्कृतिक बदलाव का वाहक …

दिवाकर की दुनाली से

सोशल मीडिया पर पारिवारिक घटनाओं का प्रदर्शन: एक चिंताजनक प्रवृत्ति - दिवाकर शर्मा

आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया केवल व्यक्तिगत अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं रह गया है, बल्कि यह परिवारिक जीवन औ…

ज़्यादा पोस्ट लोड हो रहा है… That's All