धर्म और अध्यात्म

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शरद पूर्णिमा 2024: आध्यात्मिक और स्वास्थ्यवर्धक लाभ का विशेष दिन - पं. विकसदीप शर्मा

शरद पूर्णिमा कब है?  इस साल, शरद पूर्णिमा का पावन पर्व 16 अक्टूबर 2024, बुधवार को मनाया जाएगा। पंचांग के अन…

दिवाकर की दुनाली से

नवरात्रि उत्सव में भक्ति संगीत का महत्व: भड़कीले गीतों से बढ़ता ध्वनि प्रदूषण और सांस्कृतिक ह्रास - दिवाकर शर्मा

नवरात्रि और देवी स्थापना जैसे पवित्र उत्सवों का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक गहरा है। यह समय देवी दु…

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कावड़ यात्रा का ऐतिहासिक विवेचन - आचार्य डॉ राधेश्याम द्विवेदी

सावन माह में शिव भक्त गंगा या अन्य किसी पवित्र नदी जलाशय के तट पर कलश में गंगाजल भरते हैं और उसको कांवड़ पर…

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कौन हैं काल भैरव? क्यूँ कहे जाते हैं लोक पाल देवता? कितने होते हैं काल भैरव के प्रकार ?

भैरव का अर्थ होता है भय का हरण कर जगत का भरण करने वाला। ऐसा भी कहा जाता है कि भैरव शब्द के तीन अक्षरों में …

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अब बागेश्वर धाम महाराज बहायेंगे सनातन धर्म की बयार विदेश में

बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर और कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री सनातन धर्म की बयार विदेश में बहाने के उ…

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कपिल भगवान और गंगा सागर - आचार्य डॉ. राधेश्याम द्विवेदी

कर्दम ऋषि ब्रह्मा जी के पुत्र थे, ब्रह्मा जी ने इनको आदेश दिया सृष्टि का कार्य आगे बढाओ। कर्दम ऋषि जन्मजात …

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क्या है बागेश्वर धाम महाराज की अपने भक्तों से आवश्यक अपील, जानिए |

विश्व प्रसिद्ध बागेश्वर धाम के महाराज धीरेन्द्र शास्त्री जी के द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से अपने समस्त भ…

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सिद्धपीठ हथियाराम - संघ प्रमुख श्री मोहन भागवत को पसंद है जहाँ ध्यान करना - श्री संजय तिवारी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत जी आज सिद्धपीठ हथियाराम पहुँच रहे हैं। यह संघ प्रमुख की इस …

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भारतीय तत्व चिंतन - डॉ. मुरली मनोहर जोशी (एक भाषण का लघु अंश)

वैश्विकरण एवं नवउदारवाद युग में राष्ट्रीयता का क्या महत्व है , इसे लेकर विगत अनेक वर्षों से विश्व में विवाद…

धर्म और अध्यात्म

कुण्डलिनी जागरण और मानवशरीर में सप्तचक्रों का प्रभाव ☀️

प्रत्येक व्यक्ति जिस शक्ति के साथ जन्म लेता है, उसका बहुत थोड़ा अंश ही उपयोग करता है, फिर चाहे बौद्धिक कार्य ह…

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हर हिन्दू को समझने योग्य - देवी कवच के एक श्लोक में छुपा संस्कृति का सार तत्व।

देवी कवच का एक श्लोक है - रसे रूपे च गंधे च शब्दे स्पर्शे च योगिनी | सत्वं रजस्तमश्चैव रक्षेन्नारायणी सदा || …

ज़्यादा पोस्ट लोड हो रहा है… That's All