पिछोर एसडीएम कार्यालय पर किसानों का अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जारी

 



यदि मांगे नहीं मानी गई तो 07 जनवरी 2025 से होगा जिला प्रशासन के खिलाफ आक्रोश प्रदर्शन----- मनीराम लोधी


किसानों की समस्याओं को लेकर शासन/प्रशासन मौन


पिछोर एसडीएम कार्यालय के बाहर सैकड़ो की संख्या में किसानों का अपनी मांगों तथा समस्याओं को लेकर 23 दिसंबर 2024 से आज दिनांक तक अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जारी है!

जानकारी के अनुसार जिला पंचायत सदस्य मनीराम लोधी द्वारा बताया गया की पिछोर तहसील में वर्षों से पड़े लंबित प्रकरण नामांतरण, सीमांकन, दुरुस्ती,नामसुधार, बटवारा, आदि प्रकरणो के निराकरण को लेकर मेरे द्वारा एसडीएम पिछोर को गरीब अन्नदाता किसानों की समस्याओं को लेकर 26 नवंबर 2024 तथा 16 दिसंबर 2024 को समस्याओं के निराकरण के लिए आवेदन पत्र दिए थे किंतु उसका कोई भी निराकरण नहीं किया गया जिस कारण से मजबूर होकर पिछोर विधानसभा क्षेत्र के समस्त अन्नदाता किसानों द्वारा 23 दिसंबर 2024 (किसान दिवस) को समस्याओं को लेकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन रखना पड़ा! धरने के दौरान सैकड़ो किसान टेंट के नीचे अपनी रात बिता रहे हैं किंतु प्रशासन का इस और कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है ना ही प्रशासन की ओर से कोई आश्वासन दिया जा रहा है! उन्होंने कहा है कि जिला प्रशासन ने अगर किसानों की मांगों को लेकर कोई कार्यबाही नहीं की तो जिला प्रशासन के खिलाफ आक्रोश प्रदर्शन किया जाएगा जिसमें 07 जनवरी को किसानों द्वारा जिला प्रशासन की अर्थी निकाली जाएगी एवं जलाई जाएगी, 11 जनवरी को किसान भाइयों के साथ मिलकर मुंडन किया जाएगा तथा 17 जनवरी को शोक संवेदना व्यक्तकर, कन्या भोज कराया जाएगा इसके साथ ही 28 जनवरी 2025 को आवारा जानवरों को लेकर सरकारी दफ्तरों में खूंटे से बांधे जाएंगे! इस हेतु एसडीएम कार्यालय में सूचना देकर परमिशन ले ली गई है!

आंदोलन में बैठे किसानो की व्यथा कथा 

रिटायर्ड सूबेदार हजारीलाल लोधी का कहना है कि मेरी जो जमीन थी वह दूसरे व्यक्ति के नाम से कर दी, इस संबंध में जब फाइल तैयार कराई गई तो उस फाइल का भी अता-पता नहीं, अब जब दूसरी फाइल तैयार कराई गई तो बह एडीएम ऑफिस में भेज दी, उसकी भी कोई जानकारी नहीं हो रही है!

वही कंचनपुर के गिरवर लोधी का कहना है कि मेरी 2018 से दुरुस्ती की फाइल लगी हुई है जिसका निराकरण आज तक नहीं हुआ है, वह फाइल गुम हो गई है, जो आज तक नहीं मिली! मै 23 दिसंबर से धरने पर बैठा हूं कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है!

हरीराम पुरेनी का कहना है कि हम तहसील से 2014 से अभी तक परेशान है हमने फौती नामांतरण की दो-दो बार फाइलें लगा दी अधिकारी कहते हैं हो जाएगा तुम्हारा काम लेकिन हम अभी तक चक्कर काट रहे हैं फिर भी काम नहीं हुआ!

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