राजस्व प्रकरणों में आदेश के अमल की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाएगी: एडवोकेट रमेश मिश्रा

 

शिवपुरी। जिले के राजस्व न्यायालयों में भूमि आवंटन, नामांतरण, बंटवारा और बटंकन जैसे मामलों में अंतिम आदेश के बाद उनका क्रियान्वयन (अमल) सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। एडवोकेट श्री रमेश मिश्रा ने कलेक्टर शिवपुरी को पत्र लिखकर यह मांग की थी कि तहसीलदार और नायब तहसीलदार न्यायालयों द्वारा पारित आदेशों का पालन राजस्व अभिलेखों, खसरा, खतौनी और कंप्यूटर रिकॉर्ड में अनिवार्य रूप से दर्ज कराया जाए।


कलेक्टर कार्यालय की त्वरित कार्रवाई

मध्य प्रदेश राजस्व विभाग, मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के निर्देशानुसार, कलेक्टर कार्यालय शिवपुरी ने जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व और तहसीलदारों को निर्देशित किया है कि वे तीन दिवस के भीतर प्रकरणों के अमल की रिपोर्ट प्रस्तुत करें।


आमजन को हो रही समस्याओं पर चिंता व्यक्त

एडवोकेट मिश्रा ने पत्र में कहा कि न्यायालय द्वारा पारित आदेशों का क्रियान्वयन नहीं होने से आम जनता को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। आदेश पारित होने के बाद भी पटवारी और कंप्यूटर लिपिक के चक्कर काटने पड़ते हैं, जिससे जनता को समय और धन की हानि होती है। कई मामलों में तो आदेश का पालन होता ही नहीं, जिससे न्यायालय के आदेश का उद्देश्य विफल हो जाता है।


आधुनिक योजनाओं का लाभ बाधित

श्री मिश्रा ने यह भी कहा कि राज्य सरकार द्वारा जनहित में प्रारंभ की गई आधुनिक योजनाओं का लाभ कर्मचारियों की लापरवाही और उदासीनता के कारण जनता तक नहीं पहुंच पा रहा है। उन्होंने मांग की है कि आदेशों का अमल सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए जाएं और उसकी प्रति संबंधित प्रकरण में संलग्न की जाए।


प्रकरणों के रिकॉर्ड में सुरक्षित रखने के निर्देश

कलेक्टर कार्यालय द्वारा यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि आदेश का पालन कर उसकी प्रमाणित प्रति प्रकरण में संलग्न की जाए। इसके बाद ही संबंधित प्रकरण को रिकॉर्ड में सुरक्षित रखा जाए।


यह कदम राजस्व न्यायालयों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के साथ-साथ आमजन की समस्याओं को दूर करने में सहायक साबित होगा।

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