माधव चौक पर नियमों की अनदेखी: क्या प्रशासन जागेगा?

 

शिवपुरी के माधव चौक चौराहे पर नगर पालिका द्वारा स्पष्ट आदेश है कि इस स्थान पर बिना अनुमति के कोई भी बैनर या पोस्टर लगाना कानूनन अपराध है। इसके बावजूद, वहां लगे पोस्टर-बैनर प्रशासन के आदेशों और नगर पालिका के नियमों का खुला उल्लंघन प्रतीत हो रहे हैं। यह स्थिति केवल प्रशासनिक अक्षमता को नहीं दर्शाती, बल्कि यह सवाल भी खड़ा करती है कि क्या नियम केवल आम जनता के लिए हैं, जबकि कुछ लोगों को छूट दी जाती है?

इन पोस्टरों और बैनरों को देखकर कई महत्वपूर्ण सवाल उठते हैं। क्या इन्हें नगर पालिका से स्वीकृति मिली है? यदि नहीं, तो क्या नगर पालिका सीएमओ, नगर पालिका अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, और इस वार्ड के पार्षद इस मामले पर कोई जवाब देंगे? 



यह विषय स्थानीय विधायक और सांसद की जिम्मेदारी पर भी प्रश्नचिन्ह लगाता है। क्या वे इस मुद्दे पर ध्यान देंगे और सुनिश्चित करेंगे कि नगर पालिका के आदेशों का पालन हो? यदि इन पोस्टरों और बैनरों को बिना अनुमति लगाया गया है, तो क्या नगर पालिका उन व्यक्तियों और कंपनियों पर कानूनी कार्रवाई करेगी, जिनके नाम इन बैनरों पर प्रकाशित हैं?

यह घटना न केवल नगर पालिका के आदेशों की अनदेखी का मामला है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कानून लागू करने में प्रशासन की निष्क्रियता कितनी गहरी है। जनता यह जानना चाहती है कि क्या प्रशासन में इतना साहस है कि वह अपने ही आदेशों का पालन सुनिश्चित कर सके।



यदि इन पोस्टरों और बैनरों के लिए अनुमति नहीं ली गई है, तो यह प्रशासन के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाने का एक बड़ा अवसर है। इस विषय पर सख्त कार्रवाई करते हुए यह संदेश दिया जाना चाहिए कि कानून सभी के लिए समान है और इसका उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

जनता के विश्वास को बहाल करने के लिए यह जरूरी है कि इस मुद्दे पर शीघ्र और सख्त कदम उठाए जाएं। सवाल यह है कि क्या प्रशासन, जनप्रतिनिधि और नगर पालिका इस विषय पर सक्रियता दिखाएंगे, या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह अनदेखा कर दिया जाएगा?

एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें