मदरसा के आड़ में करोड़ों की ठगी का खुलासा: पिता-पुत्र गिरफ्तार

 

इंदौर। ठगी के मामलों में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। कन्नौज में मदरसा संचालित करने वाले पिता-पुत्र ने धार्मिक संस्था के नाम पर बैंक खाता खोलकर ठगों को 50% हिस्सेदारी पर सौंप दिया। क्राइम ब्रांच ने 69 वर्षीय अली अहमद खान और उनके 36 वर्षीय बेटे असद अहमद खान को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी फलाह दारेन मदरसा समिति के संचालक हैं और इस खाते का उपयोग ठगी के करोड़ों रुपए के ट्रांजेक्शन के लिए किया गया।

ठगी की खौफनाक साजिश

यह मामला इंदौर की एक वृद्धा से 46 लाख रुपए की ठगी के बाद सामने आया। आरोपियों ने घटना से महज दो दिन पहले समिति के नाम पर करंट अकाउंट खुलवाया था। डिजिटल अरेस्ट गैंग ने इस खाते का इस्तेमाल करते हुए ठगी की रकम ट्रांसफर की। जांच के दौरान पता चला कि ठगी के 40 लाख रुपए सीधे इस खाते में जमा किए गए थे।

करोड़ों का लेनदेन, कई खातों की पड़ताल

क्राइम ब्रांच की टीम ने जब मदरसा समिति के 9 बैंक खातों और अन्य 33 अकाउंट की जांच की, तो उनमें करोड़ों रुपए का लेनदेन उजागर हुआ। डीसीपी राजेश त्रिपाठी के अनुसार, आरोपियों ने कबूल किया है कि वे ठगों को 50% कमीशन पर अपने खाते उपलब्ध कराते थे। यह खुलासा न केवल ठगी के बड़े नेटवर्क को उजागर करता है, बल्कि धार्मिक संस्थाओं के दुरुपयोग की ओर भी इशारा करता है।

रिटायर्ड शिक्षक और B.Ed डिग्रीधारी का अपराधी चेहरा

पिता अली अहमद खान रिटायर्ड शिक्षक हैं और बेटा असद B.Ed डिग्रीधारी है। दोनों ने मिलकर मदरसा समिति को ठगी के कारोबार का मुखौटा बना रखा था। समाज में प्रतिष्ठा का लाभ उठाते हुए उन्होंने गैंग के लिए अपना बैंक खाता खोलने और उपयोग करने की अनुमति दी।

समाज में गुस्सा, प्रशासन पर सवाल

इस घटना ने समाज में आक्रोश फैला दिया है। धार्मिक और शैक्षणिक संस्थाओं के नाम पर इस तरह के अपराधों ने प्रशासन की निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस की अब तक की कार्रवाई केवल शुरुआत मानी जा रही है। आने वाले समय में इस मामले से जुड़े अन्य आरोपियों और संस्थाओं का भी पर्दाफाश हो सकता है।

ठगी के खिलाफ सख्त कदम जरूरी

यह घटना देशभर में तेजी से बढ़ रही ऑनलाइन ठगी और बैंक खातों के दुरुपयोग की गंभीरता को रेखांकित करती है। ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई न की गई तो अपराधी इस तरह के धार्मिक संस्थानों की आड़ में लोगों को ठगते रहेंगे। प्रशासन को अब ऐसे संगठनों और उनकी वित्तीय गतिविधियों पर सख्त निगरानी रखनी होगी।

इंदौर क्राइम ब्रांच ने इस खुलासे से न केवल एक बड़े ठगी नेटवर्क को बेनकाब किया है, बल्कि समाज को सचेत भी किया है।

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