भोपाल: नगर पालिका एक्ट में बड़ा बदलाव, अध्यक्षों का चुनाव अब सीधे जनता करेगी
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मध्य प्रदेश सरकार ने नगर पालिका और नगर परिषद के चुनावी प्रक्रिया में ऐतिहासिक बदलाव का फैसला लिया है। 1961 में लागू हुए मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम में फिर संशोधन की तैयारी हो रही है। अब 2027 में होने वाले चुनाव में नगर पालिका अध्यक्षों को पार्षद नहीं, बल्कि जनता सीधे चुनेगी।
यह चौथी बार है जब सरकार इस कानून में बदलाव करने जा रही है। इस फैसले का श्रेय मोहन यादव सरकार को दिया जा रहा है, जो स्थानीय शासन प्रणाली में जनता की भागीदारी बढ़ाने के प्रयास में जुटी है। पहले जहां पार्षदों के मत से अध्यक्ष चुने जाते थे, अब इस बदलाव से जनता का सीधा अधिकार बढ़ेगा।
राजनीतिक गलियारों में इस निर्णय को लेकर हलचल है। कुछ इसे लोकतंत्र को मजबूत करने वाला कदम मान रहे हैं, तो कुछ इसे चुनावी राजनीति का हिस्सा कह रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला जनता के प्रतिनिधित्व को सीधे तौर पर प्रभावित करेगा और स्थानीय प्रशासन की जवाबदेही भी बढ़ेगी।
बदलाव के इस प्रस्ताव पर अंतिम मुहर कब लगेगी, यह तो समय बताएगा, लेकिन इसके दूरगामी राजनीतिक और प्रशासनिक प्रभावों पर चर्चा अभी से शुरू हो गई है।
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