जबलपुर, 20 दिसंबर 2024: सीधी जिले के एक ऑर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज के गेस्ट फैकल्टी डॉ. रामजस चौधरी द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर लगाए गए गंभीर आरोपों ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। डॉ. चौधरी ने दावा किया कि उन्हें आरएसएस से जुड़ने के लिए दबाव डाला गया और मना करने पर उनकी पिटाई की गई।
हालांकि, इस मामले में आरएसएस महाकौशल प्रांत की ओर से प्रांत संघचालक डॉ. प्रदीप दुबे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इन आरोपों को पूरी तरह निराधार करार दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिस व्यक्ति पर संघ से जोड़ने का आरोप लगाया गया है, वह संघ का स्वयंसेवक ही नहीं है और न ही उसने कभी संघ के किसी कार्यक्रम में हिस्सा लिया है।
"संघ हिंसा का समर्थन नहीं करता"
डॉ. प्रदीप दुबे ने डॉ. रामजस चौधरी के साथ हुई हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए कहा, "संघ ऐसी किसी भी घटना का समर्थन नहीं करता। जिन्होंने भी डॉ. चौधरी की पिटाई की है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।"
संघ को बदनाम करने की साजिश?
डॉ. दुबे ने इस मामले को संघ की छवि धूमिल करने का कुत्सित प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि यह संघ को बदनाम करने के उद्देश्य से गढ़ी गई कहानी प्रतीत होती है।
प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मांग की है कि प्रशासन मामले की निष्पक्ष जांच करे और दोषियों पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।
मामला गंभीर, साजिश के संकेत
यह प्रकरण सिर्फ एक हिंसा का मामला नहीं है, बल्कि इसके पीछे संघ के खिलाफ एक संगठित साजिश की बू आ रही है। क्या यह प्रयास संघ की बढ़ती लोकप्रियता को रोकने का है? या फिर यह किसी विशेष एजेंडे का हिस्सा है?
मामले की सच्चाई तो जांच के बाद ही सामने आएगी, लेकिन फिलहाल यह विवाद न केवल संघ के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए चर्चा का विषय बन गया है।
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