शिवपुरी, म.प्र. – शहर के ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल भदैया कुंड पर 2 नवंबर को प्रस्तावित 'शाम-ए-दिवाली' मुशायरे का आयोजन हिंदू समाज के बीच विवाद का कारण बनता दिख रहा है। बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने इस आयोजन को हिंदू धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ और पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन बताते हुए जिला कलेक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक से तत्काल रोक लगाने की मांग की है।
धार्मिक भावनाओं पर आघात
आवेदन में संगठन के प्रतिनिधियों ने दिवाली जैसे पवित्र हिंदू त्यौहार के महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि "शाम-ए-दिवाली" जैसे शब्दों का प्रयोग हिंदू समाज की आस्थाओं का अपमान है। उनका मानना है कि इस प्रकार का आयोजन समाज में सांप्रदायिक सौहार्द्र को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
आयोजन स्थल पर आपत्ति
भदैया कुंड, जो शिवपुरी के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, पर इस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन अनुचित बताया गया है। संगठनों ने कहा कि इस स्थल का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है, और यहां कोई भी ऐसी गतिविधि नहीं होनी चाहिए जो धार्मिक भावनाओं को आहत करे।
पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन
भदैया कुंड के पर्यटन बोर्ड और एनजीटी के अधीन होने की वजह से यहां किसी भी कार्यक्रम के लिए सख्त पर्यावरणीय दिशा-निर्देश हैं। ऐसे में म्यूजिकल या ध्वनि प्रदूषण पैदा करने वाले कार्यक्रमों के लिए विशेष अनुमति आवश्यक है। संगठनों ने आरोप लगाया कि 'शाम-ए-दिवाली' मुशायरा आयोजन बिना किसी अनुमति के ही आयोजित हो रहा है, जो कानून का उल्लंघन है।
मांगें
संगठनों ने कलेक्टर एवं जिला अधीक्षक से मांग की है कि आयोजन को रोकने के साथ-साथ भविष्य में इस प्रकार की गतिविधियों पर पाबंदी लगाई जाए ताकि शिवपुरी के धार्मिक और पर्यावरणीय स्थलों का संरक्षण हो सके। उनका आग्रह है कि आयोजकों की पहचान कर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, जिससे कि दिवाली जैसे धार्मिक पर्वों पर किसी प्रकार की अशांति या असंतोष न फैल सके।
ज्ञापन सौंपने में शामिल कार्यकर्ता
इस ज्ञापन को सौंपने वालों में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता नरेश ओझा, विनोद पुरी गोस्वामी, उपेंद्र यादव, मनोज शर्मा, उदय राजपूत आदि शामिल थे। शिवपुरी में इस आयोजन को लेकर सामाजिक और धार्मिक संगठनों की ओर से विरोध दर्ज करवाया जा रहा है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस विषय पर क्या कदम उठाता है।
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