शिवपुरी की वरिष्ठ नागरिक ने सहारा ग्रुप के खिलाफ किया भुगतान का आवेदन, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से की न्याय की गुहार

 

शिवपुरी। अग्रवाल धर्मशाला रोड निवासी 66 वर्षीय श्रीमती कामिनी सक्सेना ने सहारा ग्रुप की विभिन्न योजनाओं में जमा की गई कुल राशि ₹3,91,800/- (तीन लाख इक्यानवे हजार आठ सौ रुपये) ब्याज सहित वापस दिलाने की मांग करते हुए जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को आवेदन दिया है।

मामले का विवरण: श्रीमती सक्सेना ने बताया कि उन्होंने सहारा इंडिया की कई योजनाओं में अपनी जमापूंजी निवेश की थी। इन योजनाओं में सहारा केडिट कॉपरेटिव सोसायटी, सहारा क्यू शॉप यूनिक प्रॉडक्ट रेन्ज लिमिटेड, और सहारा गोल्डन 24 जैसी स्कीमें शामिल हैं। उन्होंने साल 2010, 2012, और 2018 में लगभग ₹3,91,800/- रुपये विभिन्न स्कीमों में निवेश किए, जिनकी भुगतान की नियत समय सीमा बीत चुकी है, लेकिन उन्हें अब तक उनकी जमा राशि नहीं लौटाई गई है।

श्रीमती सक्सेना का कहना है कि उन्हें सहारा इंडिया के एजेंट ने आश्वासन दिया था कि उनकी जमा राशि सुरक्षित रहेगी और उन्हें ब्याज सहित समय पर भुगतान किया जाएगा। लेकिन अब, नियत तारीख के बीतने के बावजूद, ना ही मूल राशि दी गई है और ना ही ब्याज का कोई भुगतान हुआ है।

BUDS अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग: आवेदिका ने अपने आवेदन में भारत सरकार के अविनियमित निक्षेप योजना पाबंदी अधिनियम 2019 (BUDS ACT 2019) का हवाला देते हुए उचित कानूनी कार्रवाई की मांग की है, ताकि उनकी जमा राशि ब्याज सहित वापस दिलाई जा सके।

श्रीमती सक्सेना ने जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक दोनों से निवेदन किया है कि उनके मामले में त्वरित हस्तक्षेप कर उन्हें न्याय दिलाने का कष्ट करें, क्योंकि उनकी आयु और वित्तीय स्थिति को देखते हुए यह मामला बेहद संवेदनशील है।

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