क्या हर पत्रकार को 'वरिष्ठ' का दर्जा देना सही है? पत्रकारिता के मापदंडों पर पुनर्विचार – दिवाकर शर्मा

 



पत्रकारिता एक महत्वपूर्ण पेशा है जो समाज को सही जानकारी, तथ्यों और सच्चाई से रूबरू कराता है। इसके आधार पर किसी पत्रकार को वरिष्ठ, प्रतिष्ठित, अनुभवी, योग्य, पूर्णकालिक या अंशकालीन कहना उसकी कार्यक्षमता, अनुभव और उसकी सामाजिक जिम्मेदारियों को दर्शाता है। लेकिन आजकल सोशल मीडिया और विभिन्न मंचों पर बिना किसी ठोस मापदंड के हर पत्रकार को "वरिष्ठ" का दर्जा दे दिया जा रहा है, जो पत्रकारिता के मूल्यों और गुणवत्ता पर सवाल उठाता है।

1. वरिष्ठ पत्रकार

वरिष्ठ पत्रकार का अर्थ होता है वह व्यक्ति जो लंबे समय तक पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत रहा हो और जिसने पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो। उसकी रिपोर्टिंग में निष्पक्षता, गंभीरता, और सामाजिक मुद्दों की गहरी समझ होनी चाहिए।

असली वरिष्ठ पत्रकार समाज के जटिल मुद्दों पर निष्पक्ष तरीके से जानकारी देता है, अपनी सोच और अनुभव से समाज को नई दिशा देता है। वरिष्ठ पत्रकार केवल उम्र के आधार पर नहीं बल्कि उसकी योग्यता, अनुभव और जिम्मेदारियों के आधार पर पहचाना जाना चाहिए।

2. प्रतिष्ठित पत्रकार

प्रतिष्ठित पत्रकार का मतलब एक ऐसे व्यक्ति से है जिसने अपनी पत्रकारिता में एक विशिष्ट मानक स्थापित किया हो। उन्होंने समाज में अपने योगदान के कारण एक विशेष स्थान प्राप्त किया होता है। प्रतिष्ठा उस व्यक्ति की निर्भीकता, सत्य की खोज और जनता की आवाज़ को निष्पक्ष तरीके से रखने की क्षमता पर निर्भर करती है।

प्रतिष्ठित पत्रकार अपने सटीक और शोधपूर्ण लेखों के लिए जाने जाते हैं। उनके काम का असर समाज पर स्पष्ट दिखाई देता है, और वे एक रोल मॉडल के रूप में अन्य पत्रकारों के लिए प्रेरणा होते हैं।

3. अनुभवी पत्रकार

अनुभवी पत्रकार एक ऐसा व्यक्ति होता है जिसने पत्रकारिता के क्षेत्र में लंबा समय बिताया हो और विभिन्न चुनौतियों का सामना किया हो। वह कठिन परिस्थितियों में काम करने की क्षमता रखता है और पत्रकारिता के नैतिक मानकों का पालन करता है। अनुभव समय के साथ आता है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि अनुभव सही दिशा में और सही लक्ष्यों के साथ अर्जित किया गया हो।

अनुभवी पत्रकार हर स्थिति को गहराई से समझने की क्षमता रखता है और जानकारी को सही तरीके से प्रस्तुत करने में कुशल होता है। वह समाज और पाठकों के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझता है।

4. योग्य पत्रकार

योग्य पत्रकार वह होता है जो अपने कार्य में निष्पक्षता, सत्यनिष्ठा और सामाजिक जिम्मेदारी का पालन करता है। वह तथ्यों की सही जाँच-पड़ताल कर खबरों को प्रस्तुत करता है। उसकी लेखनी में पारदर्शिता और जनहित की भावना होती है।

योग्यता केवल शैक्षिक रूप से ही नहीं, बल्कि अपने काम में ईमानदारी और उद्देश्य के साथ काम करने से प्राप्त होती है। योग्य पत्रकार अपने कार्यों से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की क्षमता रखता है।

5. पूर्णकालिक पत्रकार

पूर्णकालिक पत्रकार वह होते हैं जो पत्रकारिता को अपने पेशे के रूप में अपनाते हैं और इस क्षेत्र में अपनी पूरी ऊर्जा और समय लगाते हैं। ये पत्रकार किसी एक संस्था या मीडिया हाउस के लिए नियमित रूप से काम करते हैं और आमतौर पर खबरों को खोजने, लिखने और संपादित करने में संलग्न रहते हैं।

पूर्णकालिक पत्रकारिता में गहरी विशेषज्ञता, सतत अध्ययन और समय के साथ बदलावों के अनुसार ढलने की आवश्यकता होती है। इनका काम केवल खबरें लिखना ही नहीं होता, बल्कि पत्रकारिता के नैतिक मानकों का पालन करना और समाज के प्रति जिम्मेदार होना भी होता है।

6. अंशकालीन पत्रकार

अंशकालीन पत्रकार वे होते हैं जो पत्रकारिता के क्षेत्र में पूर्णकालिक रूप से नहीं बल्कि अंशकालिक काम करते हैं। ये पत्रकार अक्सर अन्य पेशों के साथ-साथ पत्रकारिता को भी अपनाते हैं। वे विशेष रूप से घटनाओं, रिपोर्टिंग या विशेष कहानियों पर काम कर सकते हैं।

अंशकालीन पत्रकारिता में लचीलापन होता है, लेकिन इसमें चुनौती भी होती है। इन पत्रकारों को अक्सर समय की कमी और संसाधनों की कमी का सामना करना पड़ता है, लेकिन वे अपने अनुभव और ज्ञान को साझा करने का अवसर प्राप्त करते हैं।

समकालीन स्थिति और चुनौतियाँ

आजकल सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव और पत्रकारिता के व्यवसायिकरण के कारण बिना किसी ठोस आधार के कई पत्रकारों को "वरिष्ठ" या "प्रतिष्ठित" कहा जाता है। इससे वास्तविक और मेहनतकश पत्रकारों की पहचान धुंधली हो जाती है।

अक्सर देखने में आता है कि केवल बड़े संस्थानों में काम करने वाले या ज्यादा फॉलोअर्स रखने वाले लोगों को भी बिना अनुभव और गहराई के "वरिष्ठ" का दर्जा दिया जा रहा है। यह सही नहीं है। समाज को ऐसे पत्रकारों को पहचानना चाहिए जो वास्तव में समाज के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं, न कि केवल ग्लैमर और फेम के आधार पर उनकी पहचान बनाई जाए।

वरिष्ठ, प्रतिष्ठित, अनुभवी, योग्य, पूर्णकालिक और अंशकालीन पत्रकारिता की परिभाषाएँ केवल शब्दों तक सीमित नहीं होनी चाहिएं, बल्कि उनके पीछे छिपे मापदंडों और जिम्मेदारियों को समझना चाहिए। किसी भी पत्रकार का मूल्यांकन उसकी उम्र, पद या फेम के आधार पर नहीं, बल्कि उसके द्वारा किए गए योगदान और सामाजिक जिम्मेदारी के आधार पर होना चाहिए। समाज को चाहिए कि वह ऐसे पत्रकारों को मान्यता दे जो पत्रकारिता के वास्तविक मूल्यों का पालन करते हैं और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

दिवाकर शर्मा
संपादक krantidoot.in
राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार
मप्र शासन
शिवपुरी मप्र
मोबाईल - 7999769392
ईमेल- krantidooot@gmail.com

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