शिवपुरी के माधव चौक पर सफाईकर्मी ने परिवार संग आत्महत्या का प्रयास, सफाई दरोगा पर प्रताड़ना के आरोप

 

शिवपुरी – शहर के ह्रदय स्थल माधव चौक पर नगर पालिका के सफाईकर्मी मनीष वाल्मीकि ने परिवार सहित आत्महत्या का प्रयास किया। घटना के दौरान मनीष अपने परिवार के साथ माधो महाराज की प्रतिमा के पास पहुंचा और आत्महत्या की धमकी दी। इस घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और पत्रकार मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया।

मनीष वाल्मीकि का आरोप है कि वह 2006 से नगर पालिका में कार्यरत है और सीवर सफाई का काम करता है। एक साल पूर्व अपने बच्चे की मृत्यु के बाद उसने अपना ट्रांसफर डीजे कोठी पर करवा लिया था, लेकिन सफाई दरोगा राकेश गेचर उसे लगातार प्रताड़ित कर रहा था और वापस सीवर सफाई के काम में शामिल होने के लिए दबाव बना रहा था। मनीष का दावा है कि दरोगा ने उसे और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी थी।

सफाई दरोगा का पक्ष


दूसरी ओर, सफाई दरोगा राकेश गेचर ने मनीष द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया। राकेश का कहना है कि मनीष पिछले लंबे समय से कार्य से अनुपस्थित था और वह नशे का आदी है। नपा के पास सफाई कर्मचारियों की भारी कमी है, और मनीष की गैरहाजिरी के कारण अन्य कर्मचारियों पर दबाव बढ़ रहा था। राकेश ने यह भी कहा कि मनीष को कुछ बाहरी व्यक्तियों ने भड़काया और षड्यंत्रपूर्वक उसे आत्महत्या करने के लिए उकसाया।

उठते सवाल


यह मामला कई महत्वपूर्ण प्रश्न खड़े करता है, जिनका उत्तर प्रशासन और पुलिस को देना होगा:

सार्वजनिक स्थल पर आत्महत्या का प्रयास: 

मनीष द्वारा सार्वजनिक स्थल पर आत्महत्या का प्रयास करना अपने आप में एक कानूनन अपराध है। ऐसे कृत्य से न केवल उसकी जान खतरे में पड़ी, बल्कि उसका परिवार और आम नागरिक भी प्रभावित हो सकते थे। यह सवाल उठता है कि क्या मनीष के खिलाफ इस प्रयास को लेकर कोई कानूनी कार्यवाही की जाएगी?

प्रशासनिक लापरवाही या साजिश:

यदि मनीष वाकई दरोगा के उत्पीड़न का शिकार था, तो क्या उसने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी दी थी? यदि नहीं, तो क्यों? और अगर दी, तो उन अधिकारियों ने क्या कदम उठाए? दूसरी ओर, अगर दरोगा का दावा सही है कि यह एक साजिश थी, तो उन लोगों की पहचान कौन करेगा जिन्होंने मनीष को इस कृत्य के लिए उकसाया?

मनीष की नशे की स्थिति:

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि घटना के समय मनीष नशे की हालत में था। यदि ऐसा था, तो क्या प्रशासन ने उसका मेडिकल परीक्षण कराया? यदि मनीष नशे में था, तो उसके आत्महत्या के प्रयास का कारण मानसिक अस्थिरता हो सकता है, जिसे ध्यान में रखा जाना चाहिए।

परिवार की भूमिका:

मनीष का परिवार इस घटना के दौरान उसके साथ था। क्या परिवार ने इस आत्महत्या के प्रयास में मनीष का समर्थन किया, या वे इसके खिलाफ थे? प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मनीष ने अपने परिवार को जबरन अपने साथ लाया था। यह भी जांच का विषय है कि परिवार की स्थिति क्या थी और उन्होंने इस प्रयास को रोकने के लिए क्या किया।

नगर पालिका की भूमिका

इस मामले में नगर पालिका के एचओ योगेश शर्मा से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन दो बार फोन करने के बावजूद उनका पक्ष नहीं मिल सका। फिलहाल पुलिस और नगर प्रशासन मामले की जांच कर रहे हैं और सच्चाई सामने आने की उम्मीद की जा रही है। पुलिस और प्रशासन को इस मामले की गहन जांच करनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके।

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