सोशल मीडिया पर पारिवारिक घटनाओं का प्रदर्शन: एक चिंताजनक प्रवृत्ति - दिवाकर शर्मा


आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया केवल व्यक्तिगत अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं रह गया है, बल्कि यह परिवारिक जीवन और निजी मुद्दों को सार्वजनिक करने का एक मंच भी बन चुका है। कई यूट्यूबर्स और कंटेंट क्रिएटर्स पारिवारिक घटनाओं और व्यक्तिगत मामलों को अपने चैनल्स पर दिखाकर लोकप्रियता और व्यूज़ बटोर रहे हैं। इस प्रक्रिया में वे न केवल अपनी निजता को दांव पर लगाते हैं, बल्कि कई बार भारतीय संस्कृति और पारंपरिक मूल्यों के भी विपरीत आचरण करते दिखाई देते हैं।

गौरव तनेजा का मामला और विडंबना

हाल ही में, प्रसिद्ध यूट्यूबर गौरव तनेजा ने अपने परिवारिक विवादों को लेकर कहा कि "Social Media is not a place for discussing family matters" (सोशल मीडिया पारिवारिक मामलों पर चर्चा करने का स्थान नहीं है)। यह बयान एक बड़ी विडंबना के रूप में उभरता है, क्योंकि उनके अपने यूट्यूब चैनल 'Flying Beast' पर उन्होंने कई बार अपने निजी और पारिवारिक मुद्दों को सार्वजनिक रूप से दिखाया है। चैनल पर दिए गए कुछ वीडियो शीर्षक इस प्रकार हैं:

"मेरा अंडरवियर सोसाइटी गार्डन में मिला"

"बाथरूम में घमासान लड़ाई"

"रितु की प्रेगनेंसी"

"पिहु ने राशि की ma'am के सामने पिटाई कर दी"

"आज पहली बार इसने मेरे पर शक किया"


इन वीडियोज़ में पारिवारिक घटनाओं का इस तरह से मज़ाक बनाना और उन्हें सार्वजनिक करना स्पष्ट रूप से एक विरोधाभासी व्यवहार दर्शाता है।

पारिवारिक निजता का उल्लंघन और भारतीय संस्कृति पर प्रभाव

गौरव तनेजा अकेले नहीं हैं जो इस प्रकार की गतिविधियों में शामिल हैं। कई यूट्यूबर्स पारिवारिक जीवन से जुड़े निजी क्षणों को सार्वजनिक करके व्यूज और फॉलोअर्स बटोरने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, ये चैनल्स भारतीय पारिवारिक और सांस्कृतिक मूल्यों के विपरीत जा रहे हैं। भारतीय संस्कृति में पारिवारिक जीवन की गोपनीयता और सम्मान पर जोर दिया जाता है, लेकिन सोशल मीडिया के मंच पर इसे बार-बार तोड़ा जा रहा है।

पारिवारिक मामलों का सार्वजनिक प्रदर्शन न केवल व्यक्तिगत रिश्तों को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि समाज पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। जब युवा पीढ़ी ऐसे कंटेंट को देखती है, तो वे भी इन्हें सामान्य मानने लगते हैं और उनके दिमाग में यह धारणा बनती है कि पारिवारिक विवादों को सोशल मीडिया पर चर्चा के लिए इस्तेमाल करना ठीक है।

यूट्यूबर्स की जिम्मेदारी

एक यूट्यूबर की जिम्मेदारी केवल मनोरंजन या जानकारी प्रदान करने तक सीमित नहीं है। उनका कंटेंट लाखों लोगों द्वारा देखा जाता है, विशेष रूप से युवाओं द्वारा, जो उन्हें रोल मॉडल के रूप में देखते हैं। पारिवारिक मामलों का मजाक बनाकर या उन्हें गलत तरीके से प्रस्तुत करके ये यूट्यूबर्स केवल अपने व्यक्तिगत संबंधों को ही नहीं बिगाड़ रहे, बल्कि भारतीय समाज के सांस्कृतिक मूल्यों और आदर्शों को भी कमजोर कर रहे हैं।

कुछ यूट्यूबर्स पारिवारिक विवादों को बेहद संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत करने के बजाय उन्हें हास्य या विवादास्पद ढंग से दिखाते हैं। इससे केवल व्यूज़ और सब्सक्राइबर्स की संख्या में वृद्धि होती है, लेकिन इसका दीर्घकालिक प्रभाव उनके परिवार और समाज पर नकारात्मक होता है।

सोशल मीडिया की मर्यादा और जिम्मेदारी

सोशल मीडिया पर पारिवारिक मामलों को लेकर बढ़ती हुई प्रवृत्ति चिंता का विषय है। यूट्यूबर्स को यह समझने की जरूरत है कि उनकी हरकतें न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करती हैं, बल्कि समाज के सांस्कृतिक ताने-बाने पर भी असर डालती हैं। पारिवारिक मुद्दों को व्यूज़ और प्रसिद्धि पाने का साधन बनाना न केवल असंवेदनशीलता दर्शाता है, बल्कि यह भारतीय समाज की पारंपरिक और नैतिक मूल्यों के खिलाफ भी जाता है।


यूट्यूबर्स को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और पारिवारिक मुद्दों को निजी रखना चाहिए। सोशल मीडिया का उपयोग सकारात्मक और जिम्मेदार तरीके से करना चाहिए, ताकि यह व्यक्तिगत विकास और सामाजिक उत्थान का माध्यम बने, न कि पारिवारिक विवादों और निजी घटनाओं का मजाक बनाने का स्थान।

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