जैविक खेती: स्थायी समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम - इंजी . राजेश पाठक

 


आज के समय में, जब किसान अपने फसलों की सुरक्षा के लिए रासायनिक कीटनाशकों और खादों पर अत्यधिक निर्भर हो गए हैं, जैविक खेती एक प्रभावी विकल्प के रूप में उभरी है। हाल ही में, शिवशक्ति बायोग्रूप द्वारा आयोजित ‘किसान-संगोष्ठी’ ने इस विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की और जैविक खेती की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।


जैविक खेती की महत्ता


संगोष्ठी का आयोजन मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के ग्राम शेखपुरा में हुआ, जहाँ किसान और कृषि विशेषज्ञ एकत्रित हुए। संगोष्ठी में ओमप्रकाश त्यागी ने जैविक खेती की प्रमुख लाभों को समझाते हुए बताया कि प्राकृतिक कीट, जैसे कि किसान-मित्र कीट, भूमि को जीवन प्रदान करते हैं। ये कीट फसलों को स्वस्थ बनाने में मदद करते हैं और फसलों की इम्यूनिटी बढ़ाते हैं।


जैविक खाद से उगाई गई फसलें प्राकृतिक रूप से रोग प्रतिरोधक क्षमता से लैस होती हैं, जिससे इनका रासायनिक कीटनाशकों पर निर्भरता कम हो जाती है। इसके परिणामस्वरूप, फसलें हानिकारक रसायनों से मुक्त रहती हैं, जो न केवल किसान के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि उपभोक्ताओं के लिए भी सुरक्षित है।

रासायनिक खादों के दुष्परिणाम

वहीं, रासायनिक खादों की तेजी से उपयोग ने भूमि की सरंध्रता (porosity) को कम कर दिया है, जिससे भूमि कठोर परत से ढक जाती है। इससे खाद और पानी की अधिक आवश्यकता पड़ती है, जिससे खेती की लागत बढ़ जाती है। इसके अलावा, रासायनिक खादों और कीटनाशकों के उपयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति घट रही है और मानवीय स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

जैविक खेती के लाभ

जैविक खेती भूमि की उर्वरता को बढ़ाती है और इसमें किसान-मित्र कीटों और जीवाणुओं की संख्या भी बढ़ाती है। इससे भूमि का संरक्षण होता है और पर्यावरण की रक्षा होती है। जैविक खेती से प्राप्त फसलें न केवल पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं, बल्कि ये किसानों को अनावश्यक खर्चों से भी बचाती हैं।

संगोष्ठी की सफलता और किसान संकल्प

संगोष्ठी के बाद, किसानों ने जैविक खेती को अपनाने का संकल्प लिया। उन्होंने एक से दो एकड़ जमीन पर प्रतिवर्ष जैविक खेती करने का वचन दिया। इससे न केवल उनकी खेती की लागत में कमी आई, बल्कि वे स्वास्थ्यवर्धक और सुरक्षित फसलें भी उगाने लगे हैं।

जिला केंद्र के निकट जमनी-पलड़ी गाँव के नागर परिवार द्वारा 4 एकड़ भूमि पर की गई सफल जैविक खेती ने आसपास के गाँवों में चर्चा का विषय बन गया है। यह सफल प्रयोग जैविक खेती की संभावनाओं को उजागर करता है और अन्य किसानों को प्रेरित करता है।

निष्कर्ष

जैविक खेती की ओर बढ़ते हुए, हम स्थायी समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा सकते हैं। यह न केवल भूमि और पर्यावरण की रक्षा करती है, बल्कि किसानों को आर्थिक और स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करती है। संगोष्ठी और सफल प्रयोग इस बात की पुष्टि करते हैं कि जैविक खेती भविष्य की कृषि विधि हो सकती है, जो हमें एक स्वस्थ और समृद्ध भविष्य की ओर ले जाएगी।


इंजी . राजेश पाठक
३११,डीके सुरभि ,नेहरु नगर ,
भोपाल मप्र

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