उद्योग स्थापना के लिए कलेक्टर कार्यालय में बनाया जाएगा पृथक प्रकोष्ठ



मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। इस संकल्प को पूरा करने में मध्यप्रदेश अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मध्यप्रदेश में उद्योग स्थापना के लिए आवश्यक अनुमतियां शीघ्र प्रदान करने के लिए कलेक्टर कार्यालय में एक पृथक प्रकोष्ठ बनाया जाएगा। अनुमतियां शीघ्र प्रदान करने की जिम्मेदारी कलेक्टर की होगी। इसकी प्रदेश स्तर से भी सतत मॉनिटरिंग की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज देवास में लघु भारती द्वारा आयोजित अखिल भारतीय उद्यमी सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बुधवार 7 और गुरूवार 8 अगस्त को प्रदेश में निवेश प्रोत्साहन के लिए बेंगलुरु में प्रमुख उद्योगपतियों के साथ इंटरेक्टिव सेशन आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने "मध्यप्रदेश उद्योग दर्शन पुस्तिका" का विमोचन भी किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश क्षेत्रीय, भौगोलिक आदि सभी दृष्टि से औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल हैं। प्रदेश में बेहतर रोड एवं रेल कनेक्टिविटी के साथ पर्याप्त कुशल मानव संसाधन की उपलब्धता हैं। मध्यप्रदेश में नवीन सरकार के गठन के पश्चात से ही निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए निरंतर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। उज्जैन और जबलपुर में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के सफल आयोजन के पश्चात अब ग्वालियर, सागर और रीवा में भी रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित की जाएगी।


मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रोजगार आधारित उद्योगों तथा अन्य उद्योगों के साथ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों का विकास भी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि न केवल लघु उद्योग अपितु कुटीर उद्योग, हॉर्टिकल्चर आदि के भी व्यापार, व्यवसाय का विकास निरंतर जारी रहेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश की पारदर्शिता और शुचिता आदर्श है। औद्योगिक विकास के लिए सिंगल विंडो की व्यवस्था इसी का बेहतरीन उदाहरण हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने लघु भारती के पदाधिकारियों को अखिल भारतीय उद्यमी सम्मेलन के आयोजन के लिए बधाई दी।


सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री श्री चैतन्य कश्यप ने कहा कि एंप्लॉय इंडिया के स्थान पर जगह एंटरप्रेन्योर इंडिया बनाना मध्यप्रदेश सरकार का लक्ष्य है। स्टार्ट-अप्स आज छोटे-छोटे शहरों तक पहुंचकर भारत की संस्कृति का प्रमुख हिस्सा बन चुके है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार स्टार्ट-अप्स के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। एमएसएमई सेक्टर में संपूर्ण परदर्शिता लाने के लिए सरकार जल्द ही एमएसएमई को दी जाने वाली सभी सब्सिडी डीबीटी से सीधे एमएसएमई उद्योगों के खातों में पहुंचाएगी। मध्यप्रदेश सरकार महिला उद्यमियों का उद्यमिता सम्मेलन 13 अगस्त को भोपाल में आयोजित करेगी। इस सम्मेलन से महिला उद्यमियों को बढ़ावा देकर महिला सशक्तिकरण एवं शहरी- ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए विशेष आरक्षित औद्योगिक क्षेत्रों का गठन किया जाएगा।


श्री कृष्ण गोपाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 2 से 3 दशकों में लघु भारती अखिल भारतीय स्वरूप में सामने आई है। लघु भारती औद्योगिक विकास के लिए कार्य करने वाली प्रभावी संस्था है। उन्होंने कहा कि उद्यमियों का उद्योग चलाकर प्रॉफिट कमाना उद्देश्य नहीं होना चाहिए। उद्योगों के संचालन में उत्पादन की गुणवत्ता, रोजगार सृजन के साथ प्रकृति और विश्व के हित को ध्यान में रखने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि उद्योग एक परिवार हैं, जिसमें श्रमिक और ग्राहक हमारे प्रमुख सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि हमारे संस्कारों और नैतिक मूल्यों को केंद्र में रखकर उद्योगों का संचालन करें।


देवास विधायक श्रीमती गायत्री राजे पवार, सोनकच्छ विधायक श्री राजेश सोनकर, खातेगांव विधायक श्री आशीष शर्मा, विधायक श्री मनोज चौधरी, इंदौर महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव, श्री समीर मूंदड़ा, श्री घनश्याम ओझा, श्री राजेश मिश्रा, श्री राजीव खंडेलवाल, श्री अजय गुप्ता,श्री खगेंद्र भार्गव, श्री महेंद्र सिंह भदौरिया, सचिव एवं आयुक्त एमएसएमई श्री नवनीत मोहन कोठारी, सहित लघु भारती के पदाधिकारी सहित बढ़ी संख्या में उद्यमी उपस्थित रहें।


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