अग्निवीर योजना के विरोध को समाजद्रोह क्यों न कहा जाए ?
आजकल विपक्षी दल भारत सरकार की अग्निवीर योजना को लेकर काफी
मुखर आलोचना कर रहे हैं। दबाब इतना बढ़ा है कि सरकार में भी इसकी समीक्षा के स्वर
उठने लगे हैं। यह
विषय ऐसा है की इसे महज किसी नेता की बालबुद्धि कहकर हलके में नहीं लिया जा सकता।
यह देश की सुरक्षा और समाजहित से जुड़ा मुद्दा है। जैसा की मित्रगण जानते हैं मुझे
चासनी में लपेटकर बोलना नहीं आता। मेरी मान्यता है कि किसी राष्ट्रहितैषी योजना का
विरोध करते हुए देश के नौजवानों को गुमराह करना समाजद्रोह है।
आईये विषय को थोड़ा और स्पष्ट करता हूँ, कि मैं इस
योजना के विरोध को समाजद्रोह क्यों कह रहा हूँ। इजराइल में तो देश के सभी नागरिकों
के लिए चार वर्ष की सेना की सेवा अनिवार्य है और इसके बिना कोई भी नागरिक वहां
स्नातक नहीं कहलाता है। आज इजराइल दुनिया का सबसे अधिक आत्मनिर्भर देश है और जिस
पर चारों ओर से आक्रमण होते रहने के बावजूद वह एक सुरक्षित राष्ट्र है। भारत भी आज
जिस प्रकार की, सुरक्षा सम्बंधी, आंतरिक एवं बाहरी
चुनौतियों को झेल रहा है, उसे देखते हुए हमें भी इजराईल की तरह समाज
में राष्ट्रभक्त अनुशासित सुयोग्य युवाओं की आवश्यकता है। यह योजना इसी आवश्यकता
को पूर्ण का सकती है। इस योजना के अंतर्गत प्रति वर्ष लगभग 40-45 हजार युवाओं को
भारतीय सेना में भर्ती किया जाएगा। चार वर्ष बाद उनमें से 25 प्रतिशत तो योग्यता
के आधार पर सेना में ही रह जाएंगे, शेष तीस पेंतीस
हजार युवा प्रति वर्ष सेना की सेवा से मुक्त होकर समाज जीवन में प्रवेश करेंगे।
सेना में रहते हुए उन्हें वेतन के रूप में लगभग तेतीस लाख रुपये मिलेंगे, और सेना से
बाहर आते समय लगभग बारह लाख रुपये एकमुश्त मिलेंगे।
यह सर्वविदित तथ्य है कि भारतीय सेना में अनुशासन, कड़ी मेहनत, सैन्य कौशल, शारीरिक
फिटनेस, नेतृत्व गुण, साहस, देशभक्ति को
अत्यधिक महत्व दिया जाता है। मेरी दृष्टि में इस योजना का मुख्य उद्देश्य भी समाज
जीवन में उक्त गुणों से युक्त युवाओं की वृद्धि करना ही है। यह योजना महज रोजगार
देने की नहीं है, बल्कि देश के सर्वांगीण विकास की है। जरा
विचार कीजिये कि मां भारती के श्रीचरणों में सेवा का अवसर पाने के बाद, लगभग बारह
लाख रुपये हाथ में लेकर, जब ये अनुशासित और देशभक्त युवा आर्थिक रूप
से स्वावलम्बी होकर समाज जीवन में प्रवेश करेंगे तो चाहे किसी शसकीय सेवा में जाएँ, अथवा स्वयं
का रोजगार स्थापित करें, सामाजिक परिवर्तन के संवाहक बनेंगे। और शायद
यही विपक्षी राजनेता नहीं चाहते। वे तो समाज को
उन्हीं दुर्गुणों से युक्त बनाना चाहते हैं जैसे वे स्वयं हैं।
आज भारत की सबसे बड़ी समस्या है स्वार्थान्ध होना। देश हित
समाज हित के विषय में चिंतन करना केवल किताबों और लफ्फाजी में रह गया है। अब
देखिये ना - केजरीवाल जी सत्ता में आये आदर्श और सादगी के वायदे के साथ। और वास्तव
में निकले क्या ? कहते थे मुख्यमंत्री दो कमरों में क्यों
नहीं रह सकता और और मुख्यमंत्री बनने के बाद ठाठ से आलीशान महल बनवाकर
ऐश्वर्यपूर्ण जीवन जीने लगे। यह अलग बात है कि रहना पड़ रहा है जेल में।
छोड़िये राजनीति की बात, रोजगार प्रदान करने
वाले विभिन्न संस्थानों द्वारा लगातार यह शिकायत की जाती रही है कि देश में
बेरोजगार युवाओं के पास कौशल का नितांत अभाव दिखाई देता है। अतः भारत के बेरोजगार
युवाओं में कौशल का विकास करना अति आवश्यक है ताकि उनकी उत्पादकता बढ़ाकर उन्हें
विभिन्न क्षेत्रों में आसानी से रोजगार उपलब्ध कराया जा सके। अतः रोजगार के नए अवसर
निर्मित करने, युवाओं में
कौशल विकसित करने, एवं देशभक्ति का भाव जगाने हेतु, केंद्र सरकार ने
अग्निपथ योजना को देश में लागू करने का निर्णय लिया। ऎसी ही योजनाएं इजराईल, फ्रान्स, अमेरिका, रूस, चीन, आदि कई शक्तिशाली
देश पूर्व में ही लागू कर चुके हैं।
इसके बाद भी अगर योजना का विरोध किया जा रहा है तो हर देशभक्त
भारतवासी के लिए चिंता का विषय होना चाहिए। भारत ने हाल ही के समय में जिस प्रकार
की प्रगति विभिन्न क्षेत्रों में की है इससे वैश्विक स्तर पर भारत की साख बहुत
तेजी से बढ़ी है और हमारे पड़ौस के कुछ देश एवं कुछ विकसित देश भारत से ईर्ष्या
करते दिखाई दे रहे हैं। भारत सरकार द्वारा लगातार लागू की जा रही विभिन्न नवोन्मेष
योजनाएं यदि सफल रहती हैं तो भारत सशक्त होकर शीघ्र ही विश्व गुरु के रूप में पुनः
अपने आप को पूरे विश्व में स्थापित कर सकेगा। उक्त परिस्थितियों को देखते हुए देश
की सज्जन शक्ति, प्रबुद्ध वर्ग, राष्ट्रभक्त
नागरिकों को आगे आकर, अपने कर्तव्य एवं धर्म का पालन करते हुए, अंतरराष्ट्रीय
स्तर पर कुछ देशों द्वारा भारत के विरुद्ध किए जा रहे षड्यंत्रो को निष्फल करना अब
समय की मांग है। अगर हम चुप रहे तो यह राष्ट्र और समाज के लिए उपयोगी योजना भी ठीक
उसी प्रकार वापस लेने को केंद्र सरकार विवश हो जाएगी जैसे पूर्व में किसान हितैषी
योजनाए वापस हुई। भ्रमजाल से बचें - जागो
भारत जागो।
अग्निवीर योजना को सही ढंग से समझाया है..इस योजना के विरोध का उद्धेश्य भी स्पष्ट कर दिया है. ऐसे लेख देश को दिशा देतें हैं
जवाब देंहटाएंआभार.