कौन है योगी राज में हिंदुओं का सामूहिक धर्म परिवर्तन कराने का ऐलान करने वाला मौलाना तौकीर रजा ?

 

योगी राज में सामूहिक धर्म परिवर्तन का ऐलान इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के मौलाना तौकीर रजा ने किया है। मौलाना तौकीर रजा ने धर्म परिवर्तन को लेकर बड़ा दावा किया है। लड़के-लड़कियों के सामूहिक धर्म परिवर्तन का ऐलान करते हुए तौकीर रजा ने कहा है कि 21 जुलाई को एक साथ 5 लड़के लड़कियों का धर्म परिवर्तन कराया जाएगा, जिसमें सामूहिक निकाह होगा। तौकीर रजा ने कहा कि इसके लिए उन्होंने बरेली के नगर मजिस्ट्रेट से सामूहिक शादी कार्यक्रम आयोजन की अनुमति मांगी है, लेकिन प्रशासन ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया है।

कौन है मौलाना तौकीर रजा ?

मौलाना तौकीर रजा उत्तर प्रदेश के बरेली के इत्तेहाद-ए-मिल्‍लत काउंसिल (आइएमसी) का प्रमुख है। वह सुन्नी मुसलमानों के बरेली संप्रदाय से ताल्लुक रखते हैं। वह आला हजरत खानदान से आते हैं, जिन्होंने इस्लाम धर्म के सुन्नी बरेलवी मसलक की शुरुआत की थी। राजनीति में कदम रखने वाले तौकीर रजा इस परिवार के पहले सदस्य हैं। उन्होंने साल 2001 में अपनी पॉलिटिकल पार्टी इत्तेहाद-ए-मिल्लत परिषद की स्थापना की थी। अपने पहले ही चुनाव में उनकी पार्टी ने नगरपालिका की 10 सीटें जीती थीं। साल 2009 में रजा ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। उनके सहयोग से कांग्रेस के प्रत्याशी बीजेपी उम्मीदवार संतोष गंगवार को हरा पाए थे।

मौलाना तौकीर रजा समय समय पर अपने विवादित बयानों से देश में गंभीर हालात उत्पन्न करते रहे हैं। हाल ही में उन्होंने RSS पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि साजिश के तहत मुस्लिम लड़कियों का मजहब बदलवाया जा रहा। उन्होंने उत्तराखंड के हल्द्वानी में अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा था कि हम अब किसी बुलडोजर को बर्दाश्त नहीं करेंगे। सुप्रीम कोर्ट अगर संज्ञान नहीं ले रहा है तो हम अपनी हिफाजत खुद करेंगे। हमें कानून ने अधिकार दिया है कि अगर हम पर कोई हमला होता है तो हम उसे जान से मार दें। वह पहले से भी अपने बयानों के कारण विवादों में रहे हैं। वहीं, 2010 बरेली दंगे के आरोपी मौलाना तौकीर रजा को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फौरी राहत दी है। उत्तर प्रदेश के बरेली में हुए हिंदू-मुस्लिम दंगों में तौकीर रजा को पुलिस ने आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार किया था।


विवादों से पुराना नाता

तौकीर रजा का विवादों से पुराना नाता रहा है। उन्होंने द्रौपदी को लेकर साल 2017 में एक विवादित बयान दिया था। 2022 में बरेली में मुसलमानों को संबोधित करते हुए उन्होंने हिंदुओं को कथित तौर पर धमकी दी थी। उन्होंने कहा था कि मैं अपने हिंदू भाइयों को चेतावनी देना चाहता हूं कि मुझे डर है कि जिस दिन मेरे मुस्लिम युवाओं को कानून हाथ में लेने को मजबूर किया जाएगा, आपको भारत में कहीं भी छिपने की जगह नहीं मिलेगी।

ज्ञानवापी पर धमकी

ज्ञानवापी में कथित शिवलिंग मिलने पर तौकीर रजा ने कहा था कि फव्वारे को शिवलिंग समझकर धर्म और कानून का मजाक उड़ाया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा था कि अयोध्या मसले पर सारे झूठ सहन कर लिए गए थे, अब नहीं करेंगे। सरकार हर मस्जिद को मंदिर बनाना चाहती है। ऐसा ही रहा तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।

मोदी सरकार को बताया धृतराष्ट्र

दिल्ली के जहांगीरपुरी में हिंसा के बाद तौकीर रजा ने मोदी सरकार पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि अगर सरकार धृतराष्ट्र बनी रही तो देश में महाभारत जरूर होगा। मुसलमान अगर सड़कों पर उतर आया तो उसे कोई रोक नहीं पाएगा।

सरकार से हिसाब लेने की धमकी

तौकीर रजा ने जेल से छूटने के बाद आजम खान से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि योगी सरकार ने आजम खान पर बहुत जुल्म किए हैं। सरकार से एक-एक करके सभी जुल्मों का हिसाब लिया जाएगा।

नागरिकता कानून के खिलाफ बयान

देश भर में सीएए के खिलाफ चल रहे प्रोटेस्ट के दौरान भी तौकीर रजा ने विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि हिन्दुस्तान की हुकूमत ने नागरिकता संशोधन बिल वापस नहीं लिया तो गलियों में खून बह जाएगा। सबसे पहले वह गोली खाएंगे। दंगे-फसाद हो जाएंगे और इसमें मुस्लिम और दलित भी उनका साथ देंगे।

तसलीमा नसरीन के खिलाफ फतवा

साल 2007 में तौकीर रजा ने बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन के खिलाफ फतवा जारी किया था। उन्होंने तसलीमा का सिर काटकर लाने वाले को 5 लाख के इनाम की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि फतवा वापस लेने का एक ही तरीका था कि वह अपनी किताबें जला देतीं और भारत छोड़ दिया होता।

मौलाना तौकीर रजा का दलबदलू राजनैतिक इतिहास

साल 2001 में अपनी पॉलिटिकल पार्टी इत्तेहाद-ए-मिल्लत परिषद की स्थापना के बाद वर्ष 2009 में काँग्रेस का दामन थामने वाले मौलाना नें साल 2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का समर्थन किया। इसके बाद वर्ष 2013 में सपा सरकार ने उन्हें हथकरघा निगम के उपाध्यक्ष का चार्ज दिया था, जिसे मुजफ्फरनगर दंगों के बाद उन्होंने वापस कर दिया। बाद में उन्होंने सपा से भी इस्तीफा दे दिया। इस बीच उन्होंने आप के अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात कर सुर्खियां बटोरीं। साल 2014 में तौकीर रजा ने मायावती की बसपा को समर्थन दिया। साल 2015 में उन्होंने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (जेडेड) का गठन किया।

  

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