राहुल गांधी के “हमने राम जन्मभूमि आंदोलन को हरा दिया” बयान के असल मायने – दिवाकर शर्मा

 

विगत दिनों दिनों लोकसभा चुनाव के बाद से ही नेता प्रतिपक्ष और कॉंग्रेसी सांसद राहुल गांधी हिंदुओं की आस्था पर लगातार प्रहार कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हो जब राहुल गांधी हिंदुओं की आस्था पर चोट कर रहे हों, वह पहले भी ऐसा करते रहे हैं परंतु अब उनके हमले स्पष्ट और नुकीले हो गए हैं जो हर हिन्दू को यह सोचने पर मजबूर कर रहे हैं कि राहुल गांधी आखिर यह सब किसके इशारे पर कर रहे हैं?

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष तथा कॉंग्रेसी सांसद राहुल गांधी नें गुजरात के अहमदाबाद में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अपनी हिन्दू विरोधी मानसिकता का एक बार पुनः प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने लाल कृष्ण आडवाणी का जिक्र करते हुए राम जन्म भूमि आंदोलन पर बदजुबानी कर डाली। उन्होंने कहा कि “जो आंदोलन लालकृष्ण आडवाणी ने चालू की थी, जिसका केंद्र अयोध्या था, उसे I.N.D.I. गठबंधन ने अयोध्या में हरा दिया है”। इसके आगे उन्होंने यह भी कहा कि ‘‘संसद में मैंने प्रधानमंत्री से पूछा कि क्या वह मनुष्य हैं, क्योंकि उन्होंने खुद कहा था कि वह ‘नॉन बायोलॉजिकल’ हैं और उनका भगवान से सीधा संबंध है। अगर आप सीधे भगवान से जुड़े हैं, तो अयोध्या में आप कैसे हार गए?’’

अब जरा सोचने वाली बात है कि लोकसभा चुनाव प्रचार के समय से ही राहुल गांधी लगातार क्यों ‘शक्ति के विनाश’ जैसी बातें कर रहे थे ? और अब लोकसभा चुनाव के बाद 543 में से मात्र 99 सीटें मिलने पर राहुल गांधी को ऐसा कौन सा अलादीन का चिराग मिल गया जो अब वो खुल कर अपना हिन्दू विरोधी राग अलाप रहे है ? कभी हिंदुओं को हिंसक बता रहे हैं, कभी भगवान शिव को लेकर भी अनर्गल बयान दे रहे हैं, कभी शिव के अभय मुद्रा को काँग्रेस के चुनाव चिह्न से जोड़ रहे हैं।

अगर आप सोच रहे हैं कि यह सब अचानक हो रहा है तो समझ लीजिए कि यह सब कुछ अचानक नहीं बल्कि लंबी सोची समझी रणनीति के तहत हो रहा है। मुलायम सिंह यादव ने कारसेवकों पर गोलियाँ चलवाई, लालू यादव ने लालकृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार करवाया और मनमोहन सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट देकर कहा कि भगवान श्रीराम काल्पनिक थे और अब राहुल गांधी का यह बयान कि हमने राम जन्मभूमि आंदोलन को हरा दिया, कुछ समझ में आया? एक और बड़ा प्रश्न यह भी उठता है कि राहुल गाँधी ने ये बयान ऐसे समय में क्यों दिया दिया जब 96 वर्षीय पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण अडवाणी बिगड़ते स्वास्थ्य के कारण दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती हुए। 7 दशक से भी अधिक समय तक राजनीति में सक्रिय रहे एक नेता और उसके योगदानों का अपमान करने के लिए राहुल गाँधी ने इसी समय को क्यों चुना है?

चुनावों के समय कभी खुद को जनेऊ धारी ब्राह्मण कहते राहुल केरल जाकर चिकन मटन का स्वाद लेते भी देखे गए हैं। कहा यह भी जाता रहा है कि मुस्लिम तुष्टीकरण में अंधे हो चुके राहुल गांधी हिन्दू धर्म के विरुद्ध खतरनाक और सुनियोजित साजिश का प्रमुख भाग हैं। कहा यह भी जा रहा है कि राहुल गांधी आजकल निम्न स्तर व भ्रांतिपूर्णता राजनीति के प्रतीक बन गए हैं। उनके द्वारा हिंदुओं का निरादर व भ्रांतिपूर्ण टिप्पणी उनके व्यक्तित्व की शर्मनाक प्रतिबिंब है। हिंदुओं के प्रति राहुल गांधी की घृणा उनके कण-कण में बसी है। कहा यह भी जा रहा है कि भले ही राहुल गांधी वर्तमान में स्वयं को कितना ही परिपक्व दिखाने की चेष्टा करें परंतु वास्तव में राहुल गांधी के द्वारा समय समय पर दिए जा रहे हिंदू विरोधी बयान उनकी अपरिपक्वता को दर्शाते है, साथ ही कांग्रेस और उसके सहयोगी अब चुनावों के बाद अपना असली रूप दिखा रहे हैं। कहा यह भी जा रहा है कि राहुल गांधी राष्ट्रविरोधी ताकतों के साथ खेल रहे हैं। 

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने तो राहुल गांधी पर यह तक आरोप लगाया है कि राहुल गांधी द्वारा बोली जाने वाली भाषा वही भाषा है जो भारत के खिलाफ काम करने वाले, भारत के खिलाफ साजिश रचने वाले बोलते हैं। राहुल गांधी लंदन में जाकर भारत के बारे में "झूठ" बोलते हैं, कभी कहते हैं कि भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं, राहुल गांधी अपने भाषण के दौरान भारत के शत्रु देश चीन को शांति का पक्षकार बताते हैं, वह जब भी विदेश जाते हैं, भारत का अपमान करते हैं। आखिरकार राहुल गांधी चीन/पाकिस्तान के एजेंट की भांति भाषा क्यों बोल रहे हैं? क्यों कांग्रेस का हर बयान देश को कमज़ोर और सेना का मनोबल तोड़ने का असफल प्रयास प्रतीत होता दिख रहा है? जबकि सभी जानते और मानते हैं कि विश्व का सबसे शक्तिशाली नेता और सेना भारत के पास है जिनके रहते कभी भी तिरंगे की आन बान शान, देश की एकता अखंडता को आँच नहीं आने वाली है।

दिवाकर शर्मा
संपादक www.krantidoot.in
एवं क्रांतिदूत यू ट्यूब चैनल
राज्यस्तरीय अधिमान्य पत्रकार मप्र
मोबाईल नंबर - 7999769392
मेल आईडी - krantidooot@gmail.com

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