लाडो फेम निर्देशक प्रकर्ष तिवारी से क्रांतिदूत की खास बातचीत
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अब बॉलीवुड में दिखने लगा है गोरखपुर का जलवा
सबसे कम उम्र के निर्देशक , एडिटर और सिनेमाटोग्राफर हैं प्रकर्ष
बॉलीवुड में गोरखपुर का जलवा दिखने लगा है। अभी तक म्यूजिक विडिओ में धूम मचा रहे सबसे कम उम्र के निर्देशक, सिनेमाटोग्राफर और एडिटर शॉट बाई इन्फ्लिक्ट यानी प्रकर्ष तिवारी ने ब्लैक होल मीडिया के बैनर से बॉलीवुड में एंट्री ले ली है। वह एशियन अकादमी ऑफ़ फिल्म एंड टेलीविजन, नोएडा में सिनेमा विज्ञान में स्नातक स्नातक हैं। अभी हाल ही में उनसे क्रांतिदूत की लम्बी चर्चा हुई। प्रस्तुत हैं उसी बातचीत के प्रमुख अंश -
आपने फिल्म और म्यूजिक वीडियो को ही अपना करियर बनाने की क्यों सोचा , जबकि आपके परिवार में कोई इस क्षेत्र में नहीं है ?
यह तभी मेरे मन में आ चुका था जब मैं प्राइमरी सेक्शन में पढ़ता था। जब छठी सातवीं कक्षा में आया तब तक घर में कंप्यूटर आ चुका था। मैंने उसी पर हाथ आजमाना शुरू किया। आठवीं में था जब गूगल ने मुझे सबसे कम उम्र के ऑनलाइन एडिटर घोषित कर दिया। इसके बाद इस दिशा में काम करने का मन बन गया।
आपने ऑनस्क्रीन की बजाय ऑफस्क्रीन की विधाओं में जाने का निर्णय क्यों लिया ?
देखिये , ऑनस्क्रीन काम करने के लिए अलग किस्म की मानसिकता होती है। मेरा लक्ष्य ऑनस्क्रीन प्रस्तुत होने वाले तत्वों को और अधिक बारीकी से प्रस्तुत करने का रहा है। ऑफस्क्रीन जितने भी काम होते हैं उनमे मुझे मजा आता है क्योकि वही से ऑनस्क्रीन को पैदा करने की क्षमता आती है। इसकी एक और भी साफ़ वजह है। हमारे पास समय बहुत कम है। इस समय मैं 25 साल का हूँ। अभी से काम पर केंद्रित नहीं होऊंगा तो आगे कुछ भी करने में बहुत दिक्कत आएगी। यहाँ प्रतिस्पर्धा बहुत है। हम जिस परिवार से आते हैं वह से इस फील्ड में कोई सम्बल नहीं मिल सकेगा यह मुझे मालूम है। ऐसे में मुझे अभी से लगना ही है।
आपने अभी तक किन कलाकारों के लिए काम किया है ?
अभी ही बादशाह एम सी जैसे बड़े कलाकारों के लिए कई बड़े प्रोजेक्ट पूरे किए हैं। लाडो जैसे गाने की धूम से सभी परिचित हैं। यह गाना इस साल शादी की पार्टियों में हर जगह बहुत बजा है। इसे करोड़ों व्यूज मिले हैं। ऐसे 50 से अधिक गाने इस समय एफएम और बैंड में धूम मचा रहे हैं।
इससे पहले मैनें हन्नी सिंह के क्रू के साथ काम किया है। प्रख्यात रैपर लिलगोलू को शूट भी किया है , डायरेक्ट भी किया है और एडिट भी किया है। यह म्यूजिक वीडिओ की दुनिया में बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है। इसमें पहली बार मुझे एक सौ से अधिक लोगो की यूनिट को डायरेक्ट करने का अवसर मिला। पूरी शूटिंग गुरुग्राम में हुई। इसके अलावा रैपर कृष्णा के लिए व्यंजन किया है। इसके दो लाख से अधिक व्यूअर हैं। बॉटम्स अप लक्ष्य किया है। सुणो योंगुस्टा राग किया है जिसके तीन लाख व्यूअर हो चुके हैं। वर्ष 2017 अवार्ड नॉमिनेटेड बेस्ट म्यूजिक विडिओ हिडिम्बा - मिरासी किया है जिसकी इस समय धूम मची है। लिलगोलू के साथ ही गड्डी , लव , शैव्य , बाज़ी , युंगस्टा , डीएसबी 100 आदि बड़े प्रोजेक्ट्स पूरे हो चुके है ।
आपका लक्ष्य क्या है ?
देखिये , बॉलिवुड में एक निर्देशक और सिनेमाटोग्राफर के रूप में काम करना है। हमारे सामने बॉलीवुड में कई युवा निर्देशक हैं जिन्होंने प्रभावित भी किया है और उनके साथ काम करने का प्रस्ताव भी है। यहाँ अभी किसी नाम का जिक्र करना उचित नहीं है। लेकिन आप बहुत जल्दी मुझे वही देखेंगे एक बहुत उम्दा प्रोडक्शन के साथ।
आपसे पहले गोरखपुर के कई लोग हैं जो बॉलीवुड में हैं , कभी किसी से मुलाकत हुई ?
जी , मैं उन सभी को जनता हूँ। अनुराग कश्यप जी जाने माने फिल्मकार हैं। माइक पांडेय जी जानेमाने फोटोग्राफर हैं। रवि किशन जी तो हमारे सांसद ही हैं। गोरखपुर के और भी कई लोग हैं जो बॉलीवुड में बहुत अच्छा कर रहे हैं। अनुभव सिन्हा जी की यात्रा भी मेरी तरह ही म्यूजिक वीडियो से हुई और आज वह बॉलीवुड के बहुत बड़ी हस्ती हैं।
आपके परिवार में कौन कौन है , क्या कभी इस दुनिया में जाने को लेकर विरोध भी हुआ ?
मेरी माँ डॉ. अर्चना तिवारी एक शिक्षक है। पिताजी संजय तिवारी लेखक और पत्रकार है। मेरी माँ ने हमेशा ही मुझे प्रोत्साहित किया और आज भी करती हैं। पिताजी को उतना समय नहीं मिलता लेकिन माँ से मैं अपनी हर बात शेयर करता हूं और उनसे सटीक सलाह मिलती है। बड़े भाई उत्कर्ष तिवारी कानपुर आईआईटी में है। उससे भी हमेशा प्रोत्साहन मिला है। वह स्वयं भी बहुत शानदार गिटार वादक और गायक भी है।
आपकी नजर में पूर्वांचल के युवाओं में कितनी सभावनाए हैं?
बहुत ज्यादा। यहां के कलाकार अब बड़े स्तर पर अपने को स्थापित कर रहे हैं। गोरखपुर, देवरिया, वाराणसी, लखनऊ जैसी जगहों के अनेक लोग हैं जिनके लोकप्रिय अल्बम आ चुके हैं। बॉलीवुड में उनके गानों की डिमांड भी बढ़ी है।
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साक्षात्कार
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