मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 - जानिए मुरैना की समस्त 6 विधानसभाओं की स्थिति

 

वर्ष 2023 के अंत में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर राजनैतिक दल अपनी अपनी तैयारियों में जुट चुके हैं। आज हम आपको मुरैना जिले की समस्त 6 विधानसभा सीटों मुरैना, सबलगढ़, जौरा, सुमावली, दिमनी तथा अम्बाह की जानकारी देने जा रहे है।
वर्ष 2020 में जब ज्योतिरादित्य सिंधिया काँग्रेस छोड़ कर भाजपा में आए तो मुरैना जिले के 6 में से 5 विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में सम्मिलित हुए परंतु उपचुनाव में 5 में से 3 विधायकों को पराजय का सामना करना पड़ा। वर्तमान में मुरैना जिले की 6 सीटों में से 4 पर काँग्रेस तथा 2 पर भाजपा का कब्जा है।

मुरैना

वर्ष 2020 के विधानसभा उपचुनाव में कॉंग्रेस के राकेश मावई नें भाजपा के रघुराज सिंह कंषाना को 5751 मतों के अंतर से पराजित किया था। इस चुनाव में काँग्रेस प्रत्याशी को 53301(35.67%), भाजपा को 47550(31.82%) तथा बीएसपी प्रत्याशी रामप्रकाश राजौरिया को 43084(28.83%) मत प्राप्त हुए थे।

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से काँग्रेस प्रत्याशी रघुराज सिंह कंषाना नें बीजेपी प्रत्याशी रुस्तम सिंह को 20849 मतों के अंतर से पराजित किया था। इस विधानसभा चुनाव में कॉंग्रेस को 68965(45.62%), बीजेपी को 48116(31.83%) तथा बीएसपी प्रत्याशी बलवीर सिंह दंडोतिया को 21149(13.99%) मत प्राप्त हुए। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में लड़े रामप्रकाश राजौरिया को 7160(4.74%) मत प्राप्त हुए।

वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से भाजपा प्रत्याशी रुस्तम सिंह नें बीएसपी प्रत्याशी रामप्रकाश राजौरिया को 1704 मतों के अंतर से पराजित किया। कॉंग्रेस प्रत्याशी दिनेश 21801 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे। इस चुनाव में बीजेपी को 56744(40.24%), बीएसपी को 55040(39.03%) तथा काँग्रेस को 21801(15.46%) मत प्राप्त हुए।

वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी प्रत्याशी पारसराम मुद्गल नें कॉंग्रेस प्रत्याशी सोबरन सिंह मावई को 5336 मतों के अंतर से पराजित किया था। इस चुनाव में भाजपा के रुस्तम सिंह तीसरे स्थान पर रहे। बीएसपी को 39242(38.66%), कॉंग्रेस को 33906(33.40%) व बीजेपी को 23662 (23.31%) मत प्राप्त हुए।

वर्ष 2023 विधानसभा चुनाव की संभावित स्थिति –

बीजेपी – रघुराज सिंह कंषाना, राकेश रुस्तम सिंह, परशुराम मुद्गल अन्यथा कोई नया चेहरा

काँग्रेस – राकेश मावई, रामप्रकाश राजौरिया (पूर्व प्रत्याशी बीएसपी, आप तथा समधी पोहरी के पूर्व विधायक हरीबल्लभ शुक्ला), प्रबल प्रताप सिंह मावई, दिनेश गुर्जर, रिंकू मावई

जातिगत समीकरण – 

यह सीट गुर्जर बाहुल्य है। यहाँ गुर्जर के अतिरिक्त ब्राह्मण और अनुसूचित जाति के मतदाता निर्णायक स्थिति में है।

कुल मतदाता – 254558 (140152 पुरुष, 114389 महिला)


सबलगढ़

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से कॉंग्रेस प्रत्याशी बैजनाथ कुशवाह नें बीएसपी के लाल सिंह केवट को 8737 मतों के अंतर से पराजित किया था। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सरला रावत तीसरे स्थान पर रहीं। काँग्रेस को 54606(35.60%), बीएसपी को 45869(29.9%) तथा भाजपा को 45100(29.41%) मत प्राप्त हुए।

वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से बीजेपी प्रत्याशी मेहरबान सिंह रावत नें काँग्रेस के सुरेश चौधरी को 22504 मतों के अंतर से पराजित किया था। इस चुनाव में बीजेपी के मेहरबान सिंह रावत को 55950(42%), कॉंग्रेस प्रत्याशी सुरेश चौधरी को 33446(25%), बीएसपी प्रत्याशी कमल सिंह रावत को 19701(14.54%) तथा बीएएसडी प्रत्याशी ब्रजेश भदौरिया को 15391(11.36%) मत प्राप्त हुए थे।

वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में काँग्रेस प्रत्याशी सुरेश चौधरी नें बीजेपी प्रत्याशी मेहरबान सिंह रावत को 9041 मतों के अंतर से पराजित किया था। इस चुनाव में बीएसपी प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे। काँग्रेस को 40015(36.06%), बीजेपी को 30974(27.91%) तथा बीएसपी को 23539(21.21%) मत प्राप्त हुए थे।

वर्ष 2023 विधानसभा चुनाव की संभावित स्थिति –

वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से रावत वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए, बीजेपी की ओर से इस क्षेत्र के कद्दावर नेता रहे स्व. मेहरबान सिंह रावत की पुत्रवधू एवं वर्ष 2018 विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी रहीं सरला रावत तथा शिवपुरी जिले की करैरा विधानसभा के पूर्व विधायक, भाजपा शिवपुरी के पूर्व जिलाध्यक्ष तथा वर्तमान में भाजपा मप्र के प्रदेश महामंत्री रणवीर सिंह रावत का नाम सर्वाधिक चर्चा में हैं। रणवीर सिंह रावत केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेहद करीबी माने जाते है। वहीं काँग्रेस से इस विधानसभा सीट पर बैजनाथ कुशवाह एवं कमल रावत के नाम चर्चा में हैं। बैजनाथ कुशवाह इस सीट से वर्तमान विधायक हैं तथा इस बार उनके प्रति स्थानीय जनता में बेहद नाराजगी है। इस विधानसभा सीट पर बीएसपी अनेक बार दूसरे स्थान पर रही है अतः इस बार के विधानसभा चुनाव में भी इस सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिलेगा।

जातिगत समीकरण – 

इस विधानसभा सीट पर रावत समाज के लगभग 35 हजार, दलित समाज के लगभग 36 हजार, कुशवाह समाज के लगभग 20 हजार तथा मल्लाह समाज के लगभग 12 हजार मतदाताओं के साथ शेष अन्य समाज के मतदाता हैं।

कुल मतदाता – 202156 (109497 – पुरुष, 92656 – महिला)


जौरा

वर्ष 2020 के विधानसभा उपचुनाव में इस सीट से भाजपा प्रत्याशी सूबेदार सिंह राजोधा नें काँग्रेस प्रत्याशी पंकज उपाध्याय को 13478 मतों के अंतर से पराजित किया था तथा बीएसपी के सोनेराम कुशवाह तीसरे स्थान पर रहे थे। इस चुनाव में बीजेपी को 67599(38.95%), काँग्रेस को 54121(31.19%) तथा बीएसपी को 48285(27.82%) मत प्राप्त हुए थे।

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में काँग्रेस प्रत्याशी बनवारी लाल शर्मा नें बीएसपी के प्रत्याशी मनीराम धाकड़ को 15173 मतों के अंतर से पराजित किया था, बीजेपी प्रत्याशी सूबेदार सिंह राजोधा तीसरे, महान दल प्रत्याशी अतर सिंह गुर्जर चौथे स्थान पर रहे थे। इस चुनाव में काँग्रेस को 56187(34.45%), बीएसपी को 41014(25.14%), बीजेपी को 37988(23.29%) तथा महान दल को 17167(10.52%) मत प्राप्त हुए थे।

वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से भाजपा प्रत्याशी सूबेदार सिंह राजोधा ने काँग्रेस प्रत्याशी बनबारी लाल शर्मा को 2498 मतों के अंतर से पराजित किया था, बीएसपी प्रत्याशी मनीराम धाकड़ तीसरे तथा महान दल की सुमन शाक्य चौथे स्थान पर रही थी। इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 42421(28.94%), काँग्रेस को 39923(27.23%), बीएसपी को 30418(20.75%) तथा एमडी को 17478(11.92%) मत प्राप्त हुए थे।

वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से बीएसपी के मनीराम धाकड़ नें काँग्रेस के वृंदावन सिंह सिकरवार को 8595 मतों के अंतर से पराजित किया था, बीजेपी प्रत्याशी नागेंद्र तिवारी तीसरे व आरएसएमडी प्रत्याशी सोनेराम कुशवाह चौथे स्थान पर रहे। बीएसपी नें इस चुनाव में 36485(31.39%), काँग्रेस नें 27890(23.99%), बीजेपी नें 17610(15.15%) व आरएसएमडी नें 15772 मत प्राप्त किए।

वर्ष 2023 विधानसभा चुनाव की संभावित स्थिति –

इस विधानसभा सीट पर इस बार पुनः भाजपा, काँग्रेस व बीएसपी के मध्य त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिल सकता है। इस विधानसभा सीट पर भाजपा, काँग्रेस व बीएसपी से अनेक दावेदारों के नाम चर्चा में हैं। 

बीजेपी से वर्तमान विधायक सूबेदार सिंह राजोधा, अरविन्द सिंह, प्रदीप शर्मा, नागेंद्र तिवारी, हरिओम शर्मा, प्रकाश त्यागी, आशुतोष माहेश्वरी, मनोज पाल सिंह, कैलाश मित्तल जैसे नाम चर्चा में है।

काँग्रेस से जीतू पटवारी के निकटतम एवं विगत विधानसभा उपचुनाव में काँग्रेस के प्रत्याशी पंकज उपाध्याय, भितरवार से काँग्रेस विधायक लाखन सिंह के भतीजे व युवा काँग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष संजय यादव, रिटायर डीजीपी पुरुषोत्तम शर्मा सहित मानवेंद्र सिंह गांधी, पूर्व विधायक महेश दत्त मिश्र, बलवीर कुशवाह, हरीसिंह कुशवाह, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राकेश यादव, भानू प्रताप सिंह तथा सुनील शर्मा जैसे नाम चर्चा में हैं। वहीं मनीराम धाकड़ व सोनेराम कुशवाह का भी चुनाव लड़ना तय है, परंतु किस दल से (?) यह आने वाला समय बताएगा।

जातिगत समीकरण – 

इस विधानसभा सीट पर ब्राह्मण, क्षत्रिय, धाकड़, कुशवाह निर्णायक स्थिति में हैं एवं इस सीट पर चुनाव जातिगत आधार पर ही होता है, मतदाता भी अपनी जाति अनुसार प्रत्याशियों के समर्थन में आगे आते हैं तथा राजनैतिक दल भी अपने टिकट जातिगत समीकरणों के आधार पर तय करते हैं।

कुल मतदाता – 243546 (132050 - पुरुष, 111481 – महिला)


सुमावली

वर्ष 2020 के विधानसभा उपचुनाव में इस सीट पर काँग्रेस के प्रत्याशी अजब सिंह कुशवाह नें भाजपा के प्रत्याशी ऐंदल सिंह कंषाना को 10947 मतों के अंतर से पराजित किया था। इस चुनाव में काँग्रेस को 86909(51.65%) तथा बीजेपी को 75962(45.15%) मत प्राप्त हुए थे।

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर काँग्रेस के प्रत्याशी ऐंदल सिंह कंषाना नें भाजपा प्रत्याशी अजब सिंह कुशवाह को 13313 मतों के अंतर से पराजित किया था तथा बीएसपी प्रत्याशी के रूप में मानवेंद्र सिंह गांधी तीसरे स्थान पर रहे थे। इस चुनाव में काँग्रेस को 65455(41.07%), बीजेपी को 52142(32.72%) तथा बीएसपी को 31331(19.66%) मत प्राप्त हुए थे।

वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी नीटू सत्यपाल सिंह नें बीएसपी प्रत्याशी अजब सिंह कुशवाह को 14076 मतों के अंतर से पराजित किया था तथा काँग्रेस के ऐंदल सिंह कंषाना तीसरे स्थान पर रहे। इस चुनाव में बीजेपी को 61557(39.81%), बीएसपी को 47481(30.71%) तथा काँग्रेस को 41189(26.84%) मत प्राप्त हुए थे।

वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर काँग्रेस प्रत्याशी ऐंदल सिंह कंषाना नें बीएसपी प्रत्याशी अजब सिंह कुशवाह को 9651 मतों के अंतर से पराजित किया था तथा बीजेपी प्रत्याशी गजराज सिंह सिकरवार तीसरे स्थान पर रहे। इस चुनाव में काँग्रेस को 46490(38.63%), बीएसपी को 36839(30.61%) व बीजेपी को 31688(26.33%) मत प्राप्त हुए।

वर्ष 2023 विधानसभा चुनाव की संभावित स्थिति – 

इस सीट के इतिहास पर यदि नजर डालें तो विगत विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे ऐंदल सिंह कंषाना के बारे में बड़ी दिलचस्प जानकारी प्राप्त होती है जो संभवतः इस विधानसभा के मतदाताओं तथा राजनेताओं की मानसिकता को भी स्पष्ट करती है।

ऐंदल सिंह कंषाना वर्ष 1993 व 1998 में बीएसपी प्रत्याशी के रूप में विधायक बने, परंतु वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में काँग्रेस प्रत्याशी के रूप में लड़ते हुए बीजेपी के गजराज सिंह सिकरवार से पराजित हुए। वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में ऐंदल सिंह कंषाना काँग्रेस पार्टी के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए तथा 2003 के विधायक गजराज सिंह तीसरे स्थान पर रहे। 2013 के विधानसभा चुनाव में गजराज सिंह के पुत्र सत्यपाल सिंह सिकरवार बीजेपी के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए तथा ऐंदल सिंह कंषाना काँग्रेस प्रत्याशी के रूप में तीसरे स्थान पर रहे। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में ऐंदल सिंह कंषाना नें काँग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लडते हुए बीजेपी प्रत्याशी अजब सिंह कुशवाह (जो पिछले चुनावों में बीएसपी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ते रहे थे) को हराया तथा वर्ष 2020 के विधानसभा उपचुनाव में कभी बीएसपी तो कभी बीजेपी से चुनाव लड़े अजब सिंह कुशवाह को काँग्रेस नें टिकट दिया व अजब सिंह कुशवाह नें इस बार बीजेपी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे ऐंदल सिंह कंषाना को पराजित किया।

पिछले चुनावों की स्थिति के आधार पर कहा जा सकता है कि अब वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में ऐंदल सिंह कंषाना, अजब सिंह कुशवाह तो चुनावी मैदान में होंगे ही होंगे साथ ही इस बार सत्यपाल सिंह सिकरवार नीटू, राजकुमार पारासर जैसे चेहरे भी काँग्रेस की ओर से टिकट की मांग कर रहे हैं। सत्यपाल सिकरवार ग्वालियर पूर्व के विधायक सतीश सिकरवार के भाई हैं और सतीश सिकरवार का टिकट ग्वालियर पूर्व से लगभग फाइनल है अतः ऐसे में सत्यपाल सिंह शायद काँग्रेस के टिकट से वंचित रह सकते हैं तथा काँग्रेस के वर्तमान विधायक अजब सिंह कुशवाह के विरुद्ध स्थानीय जनता की नाराजगी के साथ साथ उन पर लगभग एक दर्जन से अधिक दर्ज मुकदमे उनके लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं। ऐसे में इस विधानसभा सीट के पूर्व इतिहास व वर्तमान राजनैतिक घटनाओं के आधार पर ऐंदल सिंह कंषाना निश्चित ही रूप से प्रसन्नचित होंगे।

जातिगत समीकरण – 

इस विधानसभा सीट पर क्षत्रिय, गुर्जर व कुशवाह निर्णायक स्थिति में हैं।

कुल मतदाता – 239853 (132067 – पुरुष, 107778 – महिला)


दिमनी

वर्ष 2020 के विधानसभा उपचुनाव में इस सीट पर काँग्रेस के रविंद्र सिंग तोमर भिड़ोसा ने बीजेपी प्रत्याशी गिर्राज दंडोंतिया को 26467 मतों के अंतर से पराजित किया था तथा बीएसपी प्रत्याशी राजेन्द्र सिंह कंषाना तीसरे स्थान पर रहे थे। इस चुनाव में काँग्रेस को 72445(54.74%), बीजेपी को 45978(34.74%) व बीएसपी को 10337(7.81%) मत प्राप्त हुए थे।

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर काँग्रेस के प्रत्याशी गिर्राज दंडोंतिया नें बीजेपी के शिवमंगल सिंह तोमर को 18477 मतों के अंतर से पराजित किया था तथा बीएसपी के छतर सिंह तोमर तीसरे स्थान पर रहे। इस चुनाव में काँग्रेस को 69597(49.23%), बीजेपी को 51120(36.16%) व बीएसपी को 14456(10.23%) मत प्राप्त हुए थे।

वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी प्रत्याशी बलवीर सिंह दंडोंतिया नें काँग्रेस के रविंद्र सिंह तोमर भिडोसा को 2106 मतों के अंतर से पराजित किया था तथा बीजेपी के शिवमंगल सिंह तोमर तीसरे स्थान पर रहे। इस चुनाव में बीएसपी को 44718(35.78%), काँग्रेस को 42612(34.09%) व बीजेपी को 33308(26.65%) मत प्राप्त हुए।

वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी शिवमंगल सिंह तोमर नें बीएसपी प्रत्याशी रविंद्र सिंह तोमर को महज 256 मतों के अंतर से पराजित किया था तथा काँग्रेस प्रत्याशी गिर्राज दंडोंतिया तीसरे स्थान पर रहे। इस चुनाव में भाजपा को 24777(26.69%), बीएसपी को 24521(26.41%) तथा काँग्रेस को 22470(24.20%) मत प्राप्त हुए थे। इस चुनाव में आरएसएमडी के रमाशंकर शर्मा नें 7468, सपा के जितेंद्र सिंह तोमर नें 6340 तथा भाजश के शिवचरण उपाध्याय नें 2110 मत प्राप्त कर इस चुनाव को और अधिक रोचक बना दिया था।

वर्ष 2023 विधानसभा चुनाव की संभावित स्थिति –

इस सीट पर पुनः एक बार त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिलेगा। बलवीर दंडोंतिया नें बीएसपी से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है जिसके मूल में बीएसपी के परंपरागत मतदाता तथा ब्राह्मण मतदाता है।

काँग्रेस से वर्तमान विधायक रविंद्र तोमर, जिला अध्यक्ष मधुराज तोमर, दिग्विजय सिंह समर्थक वीरेंद्र तोमर, प्रबल प्रताप को टिकिट दिए जाने की संभावना है।

बीजेपी से शिवमंगल सिंह तोमर, गिर्राज दंडोंतिया के साथ ही केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के पुत्र देवेन्द्र प्रताप सिंह तोमर के नाम की भी चर्चा है।

जनचर्चाओं में वर्तमान काँग्रेस विधायक रविंद्र सिंह तोमर के विरुद्ध मतदाताओं में नाराजगी है। उन पर अपने 5 वर्षीय कार्यकाल के दौरान अनेकों कार्यों जैसे प्रॉपर्टी कार्य, ठेकेदारी व कमीशनखोरी के आरोपों के चलते स्थानीय जनता में नाराजगी है।

यह सीट कभी भाजपा का गढ़ हुआ करती थी परंतु वर्ष 2013 मे बीएसपी के बलवीर दंडोंतिया नें चुनाव जीतकर बीजेपी को तीसरे स्थान पर पहुंचा दिया था तब से लेकर अब तक बीजेपी प्रत्याशी लगातार यहाँ से पराजित हो रहे हैं। बीजेपी की लगातार हार का कारण गलत प्रत्याशी का चयन जानकार मानते हैं न कि भाजपा से मतदाताओं का नाराज होना।

जातिगत समीकरण – 

यह क्षेत्र क्षत्रिय बाहुल्य है तथा कुल सवा दो लाख मतदाताओं में से लगभग 65 हजार मतदाता क्षत्रिय समाज से हैं। लगभग 48 हजार मतदाता अनुसूचित जाती वर्ग से हैं साथ ही ब्राह्मण, कुशवाह, गुर्जर, यादव, बघेल व लोधी मतदाता भी निर्णायक स्थिति में हैं।

कुल मतदाता – 214545 (117416 पुरुष, 97124 महिला)


अम्बाह

वर्ष 2020 के विधानसभा उपचुनाव में इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी कमलेश जाटव नें काँग्रेस प्रत्याशी सत्यप्रकाश सखबार को 13892 मतों के अंतर से पराजित किया था तथा निर्दलीय प्रत्याशी अभिनव छारी तीसरे स्थान पर रहे। इस चुनाव में बीजेपी को 51588(42.17%), काँग्रेस को 37696(30.82%) तथा निर्दलीय अभिनव छारी को 19246(15.73%) मत प्राप्त हुए थे।

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर काँग्रेस प्रत्याशी कमलेश जाटव नें निर्दलीय नेहा किन्नर को 7547 मतों के अंतर से पराजित किया था, बीजेपी के गब्बर सखबार तीसरे व बीएसपी के सत्यप्रकाश सखबार चौथे स्थान पर रहे। इस चुनाव में काँग्रेस को 37343(29.89%), निर्दलीय नेहा किन्नर को 29796(23.85%), बीजेपी को 29715(23.79%) व बीएसपी को 22179(17.76%) मत प्राप्त हुए थे।

वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बीएसपी प्रत्याशी सत्यप्रकाश सखबार नें भाजपा प्रत्याशी बंशीलाल जाटव को 11288 मतों के अंतर से पराजित किया था तथा काँग्रेस के अमर सिंह तीसरे स्थान पर रहे। इस चुनाव में बीएसपी को 49574(44.62%), बीजेपी को 38286(34.46%) व काँग्रेस को 20130(18.12%) मत प्राप्त हुए थे।

वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी कमलेश जाटव नें बीएसपी प्रत्याशी सत्यप्रकाश सखबार को 3927 मतों के अंतर से पराजित किया था, काँग्रेस के सुरेश जाटव तीसरे व भाजश के किशोरी लाल चौथे स्थान पर रहे थे। इस चुनाव में बीजेपी को 29156(36.52%), बीएसपी को 25229(31.60%), काँग्रेस को 15895(19.9%) व भाजश को 5563(6.97%) मत प्राप्त हुए थे।

वर्ष 2023 विधानसभा चुनाव की संभावित स्थिति –

आगामी विधानसभा चुनाव से पूर्व इस सीट पर दल बदल की राजनीति तेज हो चुकी है। बीजेपी से नेता काँग्रेस में तथा काँग्रेस से बीजेपी में शामिल हो रहे है। वर्ष 2020 विधानसभा उपचुनाव में काँग्रेस प्रत्याशी, 2018 व 2008 विधानसभा चुनाव में बीएसपी प्रत्याशी तथा बीएसपी से वर्ष 2013 के विधायक रहे सत्यप्रकाश सखबार बीजेपी में शामिल हो गए हैं तथा वर्ष 2020 उपचुनाव में निर्दलीय ताल ठोक कर बीजेपी काँग्रेस की नींद उड़ाने वाले युवा नेता अभिनव छारी ने काँग्रेस का दामन थाम लिया है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी से सत्यप्रकाश सखबार व काँग्रेस से अभिनव छारी के बीच चुनावी मुकाबला देखने को मिलेगा और हमेशा की तरह बीएसपी इस सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष उत्पन्न करेगी।

बीजेपी से सत्यप्रकाश सखबार, कमलेश जाटव, कमल जाटव तथा काँग्रेस से अभिनव छारी का नाम चर्चा में है।

जातिगत समीकरण – 

क्षत्रिय लगभग 50 हजार, सखबार लगभग 50 हजार, ब्राह्मण लगभग 28 हजार, वैश्य लगभग 15 हजार, मुस्लिम लगभग 12 हजार इसके साथ ही राठोर, जाटव, कुशवाह, बघेल, गुर्जर आदि भी निर्णायक भूमिका में रहते हैं।

कुल मतदाता – 222060 (पुरुष – 119517, महिला – 102538)      

                    


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