मध्यप्रदेश विधानसभा भिंड जिले के अंतर्गत 5 विधानसभा सीटें भिंड, महगाँव, गोहद, अटेर व लहार आती हैं। कभी दस्यु समस्या से ग्रस्त यह क्षेत्र आज भारतीय सेना में बड़ी संख्या में भर्ती होते सैनिकों के लिए जाना जाता है। वर्तमान 5 विधानसभा सीटों में से 3 पर भाजपा तथा 2 पर काँग्रेस काबिज है। आइए जानते हैं भिंड जिले की इन 5 विधानसभा सीटों की राजनैतिक स्थिति के बारे में –
भिंड
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बीएसपी प्रत्याशी संजीव सिंह नें भाजपा प्रत्याशी चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी को 35896 मतों के अंतर से पराजित किया था। सपा के नरेंद्र सिंह कुशवाह नें 30474 मत प्राप्त कर तीसरा स्थान प्राप्त किया जबकि काँग्रेस प्रत्याशी रमेश दुबे को महज 8297 मत प्राप्त हुए और वह चौथे स्थान पर रहे। बाद में विधायक संजीव सिंह बीएसपी छोड़ बीजेपी में तथा भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी भाजपा छोड़ काँग्रेस में शामिल हो गए। इस चुनाव में संजीव सिंह को 69107(46.72%), चौधरी राकेश सिंह को 33211(22.45%), सपा प्रत्याशी नरेंद्र सिंह को 30474(20.60%) व काँग्रेस प्रत्याशी रमेश दुबे को 8297(5.61%) मत प्राप्त हुए।
वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र सिंह कुशवाह नें बीएसपी प्रत्याशी संजीव सिंह कुशवाह को 5993 मतों के अंतर से पराजित किया था तथा काँग्रेस प्रत्याशी डॉ. राधेश्याम शर्मा तीसरे स्थान पर रहे। इस चुनाव में बीजेपी को 51170(40.66%), बीएसपी को 45177(35.90%) व काँग्रेस को 21281(16.91%) मत प्राप्त हुए थे।
वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर काँग्रेस प्रत्याशी चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी ने सपा प्रत्याशी नरेंद्र सिंह कुशवाह को 9096 मतों के अंतर से पराजित किया था व बीएसपी के चतुरी सिंह यादव तीसरे तथा बीजेपी के डॉ. रामलखन सिंह चौथे स्थान पर रहे। इस चुनाव में काँग्रेस को 34602(33.82%), सपा को 25506(24.93%), बीएसपी को 23570(23.04%) व बीजेपी को 13478(13.44%) मत प्राप्त हुए थे।
वर्ष 2023 विधानसभा चुनाव की संभावित स्थिति –
वर्ष 2023 विधानसभा चुनाव में इस सीट से बीजेपी की ओर से वर्तमान विधायक संजीव कुशवाह, पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह के नाम ही प्रमुख रूप से सामने है परंतु कुछ अन्य नाम भी चर्चा में हैं।
काँग्रेस की ओर से इस सीट पर चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी (भिंड के साथ अटेर व मेहँगाँव में भी सक्रिय), राधेश्याम शर्मा, शांतिदेवी कुशवाह (प्रदेशाध्यक्ष महिला इंटक काँग्रेस), राहुल भदौरिया के नाम चर्चा में हैं।
साथ ही बीएसपी इस बार भी अपना प्रत्याशी मैदान में उतारेगी पर उसका प्रत्याशी कौन होगा(?) यह आने वाली राजनैतिक परिस्थितियाँ तय करेंगी।
भिंड सीट के जातिगत समीकरण –
भिंड विधानसभा सीट पर 35% क्षत्रिय, 26% ब्राह्मण, 12% जैन निर्णायक स्थिति में हैं।
मेहगाँव
वर्ष 2020 के विधानसभा उपचुनाव में इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी ओपीएस भदौरिया नें काँग्रेस प्रत्याशी हेमंत सत्यदेव कटारे को 12036 मतों के अंतर से पराजित किया था व बीएसपी प्रत्याशी योगेश मेघ सिंह कटारे तीसरे स्थान पर रहे। इस चुनाव में बीजेपी को 73599(45.15%), काँग्रेस को 61563(37.77%) व बीएसपी को 22305(13.68%) मत प्राप्त हुए थे।
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर काँग्रेस प्रत्याशी ओपीएस भदौरिया नें भाजपा प्रत्याशी राकेश शुक्ला को 25814 मतों के अंतर से पराजित किया था। बहुजन संघर्ष दल के रंजीत सिंह गुर्जर तीसरे, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के डॉ. राजकुमार कुशवाह चौथे, बीएसपी के कौशल तिवारी पाँचवे तथा सपा के सुरेश सिंह सिकरवार छठे स्थान पर रहे। इस चुनाव में काँग्रेस को 61560(37.90%), बीजेपी को 35746(22.01%), बीएसडी को 28160(17.34%), आरएलएसपी को 15307(9.42%), बीएसपी को 7597(4.68%) व सपा को 6151(3.79%) मत प्राप्त हुए थे।
वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी नें काँग्रेस प्रत्याशी ओपीएस भदौरिया को 1273 मतों के अंतर से पराजित किया था तथा सपा प्रत्याशी डॉ. राजकुमार सिंह तीसरे, बीएसपी प्रत्याशी रंजीत सिंह गुर्जर चौथे, BSD के राजेन्द्र सिंह गुर्जर पाँचवे, LSWP के राकेश शुक्ला छठे, AASP के अरविन्द सिंह नरवरिया सातवे व RSMD के हर्षवर्धन सिंह भदौरिया आठवे स्थान पर रहे। इस चुनाव में बीजेपी को 29733(21.08%), काँग्रेस को 28460(20.17%), सपा को 16893(11.98%), बीएसपी को (15358(10.89%), BASD को 12783(9.06%), LSWP को 11776(8.35%), AASP को 9758(6.92%) व RSMD को 5572(3.95%) मत प्राप्त हुए थे।
वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी राकेश शुक्ला नें RSMD के प्रत्याशी राय सिंह भदौरिया को 5344 मतों के अंतर से पराजित किया था व काँग्रेस के हरी सिंह नरवरिया तीसरे, बीएसपी के दशरथ सिंह गुर्जर चौथे तथा LJP के केदारनाथ कुशवाह पाँचवे स्थान पर रहे। इस चुनाव में बीजेपी को 33634(26.56%), RSMD को 28290(22.34%), काँग्रेस को 20408(16.12%), बीएसपी को 18818(14.86%) व LJP को 13307(10.51%) मत प्राप्त हुए।
वर्ष 2023 विधानसभा चुनाव की संभावित स्थिति –
इस विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से वर्तमान विधायक तथा मंत्री ओपीएस भदौरिया, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी सहित मायाराम शर्मा, राकेश शुक्ला के नाम चर्चा में है। वर्तमान विधायक ओपीएस भदौरिया के विरुद्ध जनता में नाराजगी है तथा भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी इस सीट से मजबूत प्रत्याशी बताए जा रहे है तथा काँग्रेस से प्रमोद चौधरी, राकेश सिंह चतुर्वेदी व गोविंद सिंह के भतीजे राहुल भदौरिया का नाम चर्चा में हैं।
जातिगत समीकरण –
मेहगाँव विधानसभा में लगभग 40 हजार क्षत्रिय, 40 हजार ब्राह्मण, 27 हजार जाटव, 20 हजार बघेल, 20 हजार काछी, 25 हजार गुर्जर, 19 हजार लोधी, 10 हजार मुसलमान निर्णायक स्थिति में है। इसके अलावा नरवरिया, राठौर, जैन भी चुनावी समीकरण में खासा प्रभाव रखते हैं।
गोहद
गोहद विधानसभा अनुसूचित जाती वर्ग के लिए आरक्षित सीट है। इस सीट पर स्थानीय के स्थान पर बाहरी प्रत्याशियों नें अधिकतर विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज की है। मूल रूप से यह सीट बीजेपी की परंपरागत सीट मानी जाती रही है, परंतु विगत 2 विधानसभा चुनाव में इस सीट से काँग्रेस नें जीत दर्ज की है। वर्तमान में इस सीट से काँग्रेस के मेवाराम जाटव विधायक हैं जिनका स्थानीय जनता में विरोध है। इस सीट पर इस बार भाजपा, काँग्रेस के साथ साथ अन्य दलों में संघर्ष देखने को मिल सकता है। आइए जानते है इस सीट की संभावित स्थिति –
वर्ष 2020 के विधानसभा उपचुनाव में इस सीट पर काँग्रेस प्रत्याशी मेवाराम जाटव नें बीजेपी प्रत्याशी रणवीर जाटव को 11899 मतों के अंतर से पराजित किया था तथा बीएसपी के जसवंत पटवारी तीसरे स्थान पर रहे जिनकी जमानत जब्त हो गई थी। इस चुनाव में काँग्रेस को 63643(51.57%), बीजेपी को 51744(41.93%) व बीएसपी को 3614(2.93%) मत प्राप्त हुए थे।
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर काँग्रेस प्रत्याशी रणवीर जाटव नें बीजेपी के लाल सिंह आर्य को 23989 मतों के अंतर से पराजित किया था तथा बीएसपी के जगदीश सिंह सगर तीसरे स्थान पर रहे थे। इस चुनाव में काँग्रेस को 62981(48.58%), बीजेपी को 38992(30.07%) व बीएसपी को 15477(11.94%) मत प्राप्त हुए थे।
वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी लाल सिंह आर्य ने काँग्रेस के मेवाराम जाटव को 19814 मतों के अंतर से पराजित किया था तथा BASD के फूल सिंह बरैया तीसरे, बीएसपी के गोपालकृष्ण चौरसिया चौथे व सीपीएम के प्रेमनारायण माहोर पाँचवे स्थान पर रहे। इस चुनाव में बीजेपी को 51711(45.65%), काँग्रेस को 31897(28.16%), BASD को 14633(12.92%), बीएसपी को 5890(5.20%) व सीपीएम को 4748(4.19%) मत प्राप्त हुए थे।
वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर काँग्रेस प्रत्याशी माखनलाल जाटव नें बीजेपी के लालसिंह आर्य को 1553 मतों के अंतर से पराजित किया था तथा बीएसपी के मेवाराम जाटव तीसरे, सीपीएम के प्रेमनारायण माहोर चौथे तथा एलजेपी के चतुरीलाल बरहदिया पाँचबे स्थान पर रहे। इस चुनाव में काँग्रेस को 27751(30.37%), बीजेपी को 26198(28.67%), बीएसपी को 18603(20.36%), सीपीएम को 7541(8.25%) व एलजेपी को 6429(7.04%) मत प्राप्त हुए थे।
वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव की संभावित स्थिति –
बीजेपी से लालसिंह आर्य, रणवीर जाटव, हरेन्द्र सिंह व अनूप मिश्रा समर्थक पुरुषोत्तम बनोरिया के नाम सर्वाधिक चर्चा में है।
काँग्रेस से वर्तमान विधायक मेवाराम जाटव, गोविंद सिंह समर्थक केशव देसाई, डॉ. धर्मवीर दिनकर, 20 वर्षों तक कम्युनिष्ट पार्टी से जुड़े रहे कैलाश माहोर व फूल सिंह बरैया समर्थक केदार कौशल के नाम चर्चा में है।
आम आदमी पार्टी से रिटायर्ड आर्मी मेन महेश करारिया का नाम भी चर्चा में है।
जातिगत समीकरण –
एससी-एसटी लगभग 90 हजार, ब्राह्मण लगभग 55 हजार, क्षत्रिय लगभग 40 हजार, गुर्जर लगभग 25 हजार, मुस्लिम लगभग 25 हजार निर्णायक स्थिति में है।
अटेर
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा के अरविन्द सिंह भदौरिया नें काँग्रेस के हेमंत कटारे को 4978 मतों के अंतर से पराजित किया था तथा बीएसपी के संजीव बघेल तीसरे स्थान पर रहे थे। इस चुनाव में बीजेपी को 58928(43.45%), काँग्रेस को 53950(39.78%) व बीएसपी को 16585(12.23%) मत प्राप्त हुए थे।
वर्ष 2017 के विधानसभा उपचुनाव में इस सीट पर काँग्रेस के हेमंत सत्यदेव कटारे नें बीजेपी प्रत्याशी अरविन्द सिंह भदौरिया को 857 मतों के मामूली अंतर से पराजित किया था वो भी तब जब हेमंत कटारे के साथ सहानुभूति की लहर थी। इस चुनाव में काँग्रेस को 59228(48.12%) व बीजेपी को 58371(47.42%) मत प्राप्त हुए थे।
वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव मे इस सीट पर काँग्रेस प्रत्याशी सत्यदेव कटारे नें भाजपा प्रत्याशी अरविन्द सिंह भदौरिया को 11426 मतों के अंतर से पराजित किया था तथा बीएसपी के महेंद्र सिंह भदौरिया तीसरे व BASD के नरोत्तम सिंह नरवरिया चौथे स्थान पर रहे। इस चुनाव में काँग्रेस को 45592(40.29%), बीजेपी को 34166(30.19%), बीएसपी को 19972(17.65%) व BASD को 6680(5.90%) मत प्राप्त हुए थे।
वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी अरविन्द सिंह भदौरिया नें काँग्रेस प्रत्याशी सत्यदेव कटारे को 1851 मतों के अंतर से पराजित किया था तथा भाजश के पहलवान सिंह पाल तीसरे व बीएसपी के दिनेश सिंह भदौरिया चौथे स्थान पर रहे। इस चुनाव में बीजेपी को 33669(32.92%), काँग्रेस को 31818(31.11%), भाजश को 13723(13.42%) व बीएसपी को 12560(12.28%) मत प्राप्त हुए थे।
वर्ष 2023 विधानसभा चुनाव की संभावित स्थिति –
इस सीट पर हमेशा की तरह बीजेपी से अरविन्द सिंह भदौरिया तथा काँग्रेस से हेमंत सत्यदेव कटारे के मध्य चिर परिचित मुकाबला ही देखने को मिलने की प्रबल संभावना है तथा पूर्व पुलिस अधीक्षक अशोक सिंह भदौरिया के भी चुनावी मैदान में उतरने की संभावनाएं भी व्यक्त की जा रहीं है पर किस दल से (?) यह आने वाले समय में ही पता चलेगा।
जातिगत समीकरण –
अटेर विधानसभा सीट के जातीय समीकरण की बात की जाए तो इस सीट पर ठाकुर (भदौरिया), ब्राह्मण मतदाता निर्णायक स्थिति में हैं. नरवरिया, कुशवाह, बघेल, अजा, मुस्लिम मतदाताओं का भी प्रभाव यहां रहता है।
लहार
लहार विधानसभा से मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह लगातार सात बार से विधायक है। इस विधानसभा में अवैध रेत खनन व परिवहन के कारण कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े होते रहे हैं। इस विधानसभा क्षेत्र की स्थिति सड़कों पर धूल के गुबार, सड़कों पर गहरे गहरे गड्डों, अस्तव्यस्त और अतिक्रमण से घिरे बाजारों से स्पष्ट होती दिखाई देती है। रोजगार के नाम पर इस क्षेत्र के लोगों को आत्मरक्षा हेतु मिली लायसेन्सी बंदूकों से गार्ड जैसी मामूली नौकरी ही उनकी आजीविका का सहारा दिखाई देती है। शिक्षा की स्थिति यह है कि स्कूली शिक्षा के बाद यहाँ के विधयार्थी ग्वालियर अथवा अन्य बड़े शहरों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने को जाने के लिए विवश हैं तथा शिक्षा विभाग में पदस्थ जिम्मेदार भी स्थानीय मुख्यालय पर निवास करने से कतराते हैं। बावजूद इसके इस विधानसभा सीट पर काँग्रेस के दिग्गज नेता डॉ. गोविंद सिंह लगातार जीतते आ रहे हैं। स्थिति यह हुआ करती थी कि पहले यहाँ से जो भी भाजपा प्रत्याशी चुनाव लड़ता और हारता था, उसे लहार छोड़ देने को विवश होना पड़ता था। परंतु वर्ष 2013 व 2018 के विधानसभा चुनाव में रसाल सिंह नें 33 वर्षों से कॉन्ग्रेसी गढ़ में तब्दील इस विधानसभा सीट पर गोविंद सिंह को कड़ी टक्कर दी है और यदि इस विधानसभा चुनाव में भाजपा एकजुट होकर चुनाव लड़ी तो इतिहास बना सकती है क्योंकि वर्ष 2013 व 2018 के चुनावी परिणामों से भाजपा कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा है तथा इस बात की चिंता गाहे बगाहे डॉ. गोविंद सिंह के इन दिनों दिए जा रहे बयानों से स्पष्ट नजर भी आती है।
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कॉन्ग्रेसी प्रत्याशी डॉ. गोविंद सिंह नें भाजपा प्रत्याशी रसाल सिंह को 9073 मतों के अंतर से पराजित किया था तथा बीएसपी के अम्बरीष शर्मा गुड्डू तीसरे स्थान पर रहे। इस चुनाव में काँग्रेस को 62113(40.11%), बीजेपी को 53040(34.25%) व बीएसपी को 31367(20.26%) मत प्राप्त हुए थे।
वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर काँग्रेस प्रत्याशी डॉ. गोविंद सिंह नें भाजपा प्रत्याशी रसाल सिंह को 6273 मतों के अंतर से पराजित किया तथा बीएसपी के रोमेश महंत तीसरे स्थान पर रहे। इस चुनाव में काँग्रेस को 53012(36.60%), बीजेपी को 46739(32.27%) व बीएसपी को 34585(23.88%) मत प्राप्त हुए थे।
वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर काँग्रेस प्रत्याशी डॉ. गोविंद सिंह नें बीएसपी के रोमेश महंत को 4878 मतों के अंतर से पराजित किया था तथा बीजेपी प्रत्याशी मुन्नी त्रिपाठी की जमानत जब्त हुई थी। इस चुनाव में काँग्रेस को 57426(45.69%), बीएसपी को 52867(41.83%) व बीजेपी को महज 2918(2.31%) मत प्राप्त हुए थे।
वर्ष 2023 विधानसभा चुनाव की संभावित स्थिति –
इस विधानसभा चुनाव में काँग्रेस की ओर से एक बार पुनः डॉ. गोविंद सिंह चुनावी मैदान में होंगे तथा बीजेपी की ओर से रोमेश महंत, अम्बरीष शर्मा गुड्डू, चौधरी मुकेश चतुर्वेदी, अशोक चौधरी जैसे नाम चर्चा में है। वहीं रसाल सिंह की उम्र 81 वर्ष हो जाने के बावजूद भी वह लगातार विधानसभा में सक्रियता के साथ दौरे कर रहे है तथा भाजपा को जिताने की अपील क्षेत्र वासियों से कर रहे है।
जातिगत समीकरण –
ब्राह्मण लगभग 45 हजार, क्षत्रिय लगभग 38 हजार, कुशवाह लगभग 38 हजार, बघेल लगभग 28 हजार निर्णायक स्थिति में हैं।
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