मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 - जानिए नर्मदापुरम की समस्त 4 विधानसभाओं की स्थिति

 

नर्मदापुरम विधान क्षेत्र की बात करें तो विगत तीन चुनावों से यह भाजपा का गढ़ बना हुआ है। वर्तमान में यहाँ की चारों विधानसभा सीटों नर्मदापुरम, सिवनी मालवा, सोहागपुर तथा पिपरिया पर भाजपा ही काबिज है। नर्मदापुरम को पूर्व में होशंगाबाद के नाम से जाना जाता था। भाजपा के इस गढ़ को भेदने हेतु काँग्रेस अपने प्लान 66 के तहत कार्य करने का दावा कर रही है वहीं भाजपा भी अपनी कमियों को ध्यान में रखकर आगामी रणनीति तैयार कर रही है।

नर्मदापुरम

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के डॉ. सीताशरण शर्मा नें काँग्रेस के सरताज सिंह को 15217 मतों के अंतर से पराजित किया था। इस चुनाव में बीजेपी को 82216(52.34%) व काँग्रेस को 66999(42.65%) मत प्राप्त हुए थे। 

वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के डॉ. सीताशरण शर्मा नें काँग्रेस के रविकिशोर जैसवाल को 49296 मतों के अंतर से पराजित किया था। इस चुनाव में बीजेपी को 91760(64.41%) व काँग्रेस को 42464(29.81%) मत प्राप्त हुए थे।

वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के गिरिजाशंकर शर्मा नें काँग्रेस के विजय दुबे को 25820 मतों के अंतर से पराजित किया था। इस चुनाव में बीजेपी को 54523(55.14%), काँग्रेस को 29203(29.53%) तथा बीएसपी के डॉ. नरेंद्र कुमार पांडे को 11126(11.25%) मत प्राप्त हुए थे। इस चुनाव में भाजश की ओर से वंदना मनीष दुबे भी मैदान में थी परंतु उन्हें मात्र 1499(1.52%) मत ही प्राप्त हुए थे।

वर्ष 2023 विधानसभा चुनाव की संभावित स्थिति –

भाजपा के वर्तमान विधायक डॉ. सीताशरण शर्मा 73 वर्ष के होने जा रहे हैं अब देखना यह होगा कि उन्हें व उनके परिवार को टिकट प्रधानमंत्री मोदी के परिवारवाद को लेकर सीधा मना करने के बाद दिया जाता है अथवा नहीं। यदि इस विधानसभा सीट पर शर्मा परिवार को भाजपा की ओर से टिकट नहीं दिया जाता ऐसी स्थिति में सोहागपुर के वर्तमान विधायक विजयपाल सिंह का नाम भी चर्चा में है।

काँग्रेस की ओर से इस सीट पर सविता दीवान शर्मा, विजय दुबे, रवि किशोर जैसवाल या किसी अन्य नए चेहरे पर दांव लगाया जा सकता है।

जातिगत समीकरण – 

इस विधानसभा सीट पर 25 प्रतिशत ब्राह्मण, 25% कुर्मी, 15% ठाकुर मतदाता निर्णायक स्थिति में है।

विशेष- इस बार उम्र के तकाजे को देखते हुए वर्तमान विधायक डॉ. सीताशरण शर्मा के टिकट कटने के कयास के साथ ही उनके भाई तथा पूर्व विधायक गिरिजाशंकर शर्मा काँग्रेस में नई संभावनाएं तलाश रहे हैं। शर्मा नें भाजपा संगठन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी एनजीओ के समान कार्य कर रही है तथा उसे अब सीनियर नेताओं की आवश्यकता नहीं है और यदि उन्हें काँग्रेस से ऑफर आया तो वह विचार करेंगे। याद रहे कि गिरिजाशंकर शर्मा वर्ष 2014 के नगर पालिका चुनाव में भाजपा प्रत्याशी का खुलकर विरोध करने के कारण 6 वर्ष के लिए पार्टी से निष्काषित कर दिए गए थे हालांकि वर्ष 2018 में तत्कालीन प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे नें उनकी पार्टी में वापसी कराई थी। 
स्मरणीय है कि नर्मदापुरम में भाजपा के प्रति कितनी प्रतिबद्धता है, इसका सबसे बड़ा प्रमाण है 2018 का चुनाव। इस चुनाव में भाजपा के पूर्व सांसद, पूर्व विधायक व मीसाबन्दी रहे सरताज सिंह ने कांग्रेस टिकिट पर चुनाव लड़ा था, किन्तु उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा। श्री गिरिजाशंकर शर्मा सरताज सिंह से अधिक लोकप्रिय तो नहीं ही हैं। अतः उनका विरोध कितना असर करेगा, इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है। 

सिवनी मालवा

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी प्रेमशंकर वर्मा नें काँग्रेस प्रत्याशी ओम प्रकाश रघुवंशी को 11604 मतों के अंतर से पराजित किया था। इस विधानसभा चुनाव में भाजपा को 88022(40.44%), काँग्रेस प्रत्याशी को 76418(36.58%) व गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह पर्ते को 9682(5.12%) मत प्राप्त हुए थे।

वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी सरताज सिंह नें काँग्रेस प्रत्याशी हजारीलाल रघुवंशी को 12547 मतों के अंतर से पराजित किया था तथा एसडब्ल्यूजेपी के फागराम तीसरे स्थान पर रहे थे। इस चुनाव में बीजेपी को 78374(47.54%), काँग्रेस को 65827(39.93%) व एसडब्ल्यूजेपी को 6565(3.98%) मत प्राप्त हुए थे।

वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी सरताज सिंह नें काँग्रेस प्रत्याशी हजारीलाल रघुवंशी को 7845 मतों के अंतर से पराजित किया था। इस चुनाव में बीएसपी के हरी पटेल तीसरे स्थान पर रहे थे। इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 54132(44.70%), काँग्रेस को 46287(38.22%) व बीएसपी को 7123(5.88%) मत प्राप्त हुए थे।

वर्ष 2023 विधानसभा चुनाव की संभावित स्थिति –

भाजपा – योगेंद्र सिंह मंडलोई, संतोष पारिख, डॉ. राजेश शर्मा

काँग्रेस – ओमप्रकाश रघुवंशी, राधेश्याम पटेल, सुधीर पटेल, जितेंद्र सिंह सोलंकी, कमल रघुवंशी सहित कई अन्य चेहरे

सोहागपुर

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी विजयपाल सिंह नें काँग्रेस प्रत्याशी सतपाल पलिया को 11417 मतों के अंतर से पराजित किया था। इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 87488(48.09%) तथा काँग्रेस को 76071(41.81%) मत प्राप्त हुए थे।

वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी विजयपाल सिंह ने काँग्रेस प्रत्याशी रणवीर सिंह गालचा को 28891 मतों के अंतर से पराजित किया था। इस चुनाव में बीजेपी को 92859(54.33%) तथा काँग्रेस को 63968(37.43%) मत प्राप्त हुए थे।

वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी विजयपाल सिंह नें काँग्रेस प्रत्याशी मेहरबान सिंह पटेल को 16541 मतों के अंतर से पराजित किया था। इस चुनाव में बीजेपी को 56578(48.44%) व काँग्रेस को 40037(34.27%) मत प्राप्त हुए थे।

वर्ष 2023 विधानसभा चुनाव की संभावित स्थिति –

सोहागपुर विधानसभा सीट वर्ष 2008 में अस्तित्व में आई थी और तब से ही इस सीट पर भाजपा के विजयपाल सिंह काबिज हैं। परंतु इस बार वर्तमान भाजपा विधायक के विरुद्ध स्थानीय जनता में बाहरी होने व विगत तीन बार से विधायक होने के कारण एंटी इंकमबेंसी हैं। चर्चा है कि विजयपाल सिंह इस बार सोहागपुर के स्थान पर नर्मदापुरम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक है। ऐसे में इस विधानसभा सीट से भाजपा की ओर से भाजपा के संस्थापक सदस्य तथा 4 बार के पार्षद रहे स्व. लक्ष्मण दास गोलानी के सुपौत्र विशाल गोलानी का नाम चर्चा में है। विशाल गोलानी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के बाल्यकाय स्वयंसेवक, स्वदेशी जागरण मंच नर्मदापुरम के पूर्व जिला संयोजक व विभाग प्रभारी, वीर हिन्द सेना के संयोजक, भाजपा के बूथ विस्तारक तथा अनेकों कार्यक्रमों में वक्ता के साथ साथ अपने सामाजिक कार्यों के चलते सोहागपुर विधानसभा में खासे चर्चित भी हैं। विशाल गोलानी सोहागपुर विधानसभा के स्थानीय तथा युवा चेहरा होने के कारण पार्टी तथा संगठन की पसंद बन सकते हैं।

कॉंग्रेस से इस विधानसभा से सतपाल पलिया, सविता दीवान शर्मा, हरगोविंद पुरविया, पुष्पराज पटेल के नाम चर्चा में हैं।

जातिगत समीकरण – 

इस विधानसभा सीट पर ब्राह्मण, गुर्जर, रघुवंशी, पुरबिया, यादव, मुस्लिम निर्णायक स्थिति में रहते है परंतु इस विधानसभा क्षेत्र के लोग जातिगत आधार पर कम व्यक्ति देखकर अधिक मतदान करते है।

विशेष – वर्तमान विधायक विजयपाल सिंह का टिकट इस बार भाजपा की चुनावी नीति के चलते इस विधानसभा सीट से कट सकता है। भाजपा की ओर से टिकट वितरण में दावेदार का क्षेत्रीय होना प्राथमिकता पर होगा। इसके साथ जनता के बीच उसकी छवि, पिछले काम और संगठन में आलाकमान से उनके रिश्ते भी महत्व रखेंगे। चर्चा यह भी है कि पहली बार भाजपा अपने वर्तमान 40% पुराने विधायकों के टिकट काट कर नए दावेदारों को मैदान में उतार सकती है।
दूसरी ओर काँग्रेस से इस सीट पर दावेदारी कर रहे तथा वर्ष 2018 में काँग्रेस प्रत्याशी रहे सतपाल पलिया 5 वर्ष बाद पुनः अपने वातानुकूलित कक्ष से बाहर निकल आए हैं। पिछला विधानसभा चुनाव हारने के बाद सतपाल पलिया के पिता पूर्व विधायक अर्जुन पलिया नें सतपाल पलिया की हार का ठीकरा कांग्रेस संगठन को ठहराते हुए, कॉन्ग्रेसी नेताओं को हरामखोर संबोधित करते हुए, धमकी देते हुए यहाँ तक कह डाला था कि यदि ऐसे नेता दोबारा पिपरिया क्षेत्र में दिखाई दिए तो उन्हें जूते की माला पहनाई जाएगी।
सोहागपुर विधानसभा सीट से इस बार दावेदारी जता रहीं पूर्व विधायक सविता दीवान शर्मा जो कि पूर्व मंत्री मधु हर्णे से लगभग 27 हजार मतों से पराजित हो चुकी हैं तथा जिनका स्थानीय निवास भोपाल हैं, वह भी कॉंग्रेस के टिकिट की आस में कभी कभी दर्शन देने सोहागपुर विधानसभा में दिखाई देने लगीं है। हालांकि जनता ही नहीं बल्कि स्थानीय कार्यकर्ता तक उन्हे भुला चुके है परंतु श्रीमती दीवान पुनः सक्रिय होकर कार्यकर्ताओं के साथ साथ जनता को अपने पुराने संबंध याद दिला रहीं हैं।

पिपरिया (एससी)

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी ठाकुरदास नागवंशी ने काँग्रेस प्रत्याशी हरीश बेमन को 18130 मतों के अंतर से पराजित किया था। इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 84521(49.97%) तथा काँग्रेस को 66391(39.25%) मत प्राप्त हुए थे।

वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा के ठाकुरदास नागवंशी नें काँग्रेस प्रत्याशी ममता मनोज नागोत्रा को 51157 मतों के अंतर से पराजित किया था। इस चुनाव में भाजपा को 91206(60.21%) व काँग्रेस को 40069(26.44%) मत प्राप्त हुए थे।

वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा के ठाकुरदास नागवंशी नें काँग्रेस प्रत्याशी तुलाराम बेमन को 22765 मतों के अंतर से पराजित किया था। इस चुनाव में बीजेपी को 51249(51.34%) व काँग्रेस को 28484(28.53%) मत प्राप्त हुए थे।

वर्ष 2023 विधानसभा चुनाव की संभावित स्थिति –

आगामी विधानसभा चुनाव में इस सीट पर काँग्रेस की ओर से राजेन्द्र मेहरा, वीरेंद्र बैलवंशी, धर्मेन्द्र नागवंशी, रमेश वामने, हरीश बेमन तथा ममता मनोज नागोत्रा के नाम चर्चा में हैं तथा भाजपा से संध्या सिंगारे, हेमंत भन्नरवार तथा निष्ठा नागर के साथ वर्तमान विधायक ठाकुरदास नागवंशी का नाम चर्चा में हैं।

जातिगत समीकरण –

आरक्षित वर्ग से करीब 55 हजार मतदाता। लगभग 35 हजार अहिरवार समाज हैं फिर कतिया एवं अन्य समाज के वोटर। किरार, ब्राम्हण, गुर्जर, रघुवंशी, वैश्य ,मुस्लिम,सिंधी,सिख समाज के मतदाता का झुकाव निर्णायक होता है।                                                                


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