क्या पूर्व मुख्यमंत्री उमाश्रीभारती को मिलने वाला है कोई बड़ा चुनावी दायित्व ?



संघ के सहसरकार्यवाह अरुणकुमार संघ और भाजपा के बीच समन्वय का दायित्व संभाल रहे हैं। इसीलिए जब लगभग एक माह पूर्व उनकी गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष बी पी नड्डा और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी एल संतोष के साथ लम्बी बैठक हुई, तो अनुमानों का बाजार गर्म हो गया कि अब जल्द ही संगठन और सरकार में चुनावी दृष्टि से कोई फेबदल संभावित है। लेकिन समय गुजरता गया और कोई हलचल नहीं हुई। 

इसके बाद पिछले दिनों राष्ट्रपति दोपदी मुर्मू के साथ चर्चा से लौटकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं विगत बुधवार को गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी नड्डा और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी एल संतोष के साथ पांच घंटे की लम्बी बैठक की। स्वाभाविक ही अनुमानों का बाजार एक बार फिर गर्म हो गया है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या चुनावी राज्यों के संगठन और केंद्रीय मंत्रिमंडल में कोई फेरबदल होने की संभावना है ?

ठीक उसी दिन अर्थात प्रधान मंत्री और अन्य नेताओं की चर्चित बैठक के तत्काल बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने स्वयं पूर्व मुख्यमंत्री साध्वी उमाश्री भारती के आवास पर पहुंचकर उन्हें माला और गुलदस्ता भेंट किया, तो खबरनबीसों के कान खड़े हो गए। एक पत्रकार बंधू ने लिखा कि हर बार तो उमाजी को जब भी शिवराज माला पहनाने का प्रयास करते थे, तो वे तुरंत माला उनके हाथ से लेकर खुद शिवराज जी को पहना देती थीं। बेशक यह उनका अपनत्व भी होता था और आशीर्वाद भी। लेकिन इस बार जब शिवराज जी ने माला पहिनाकर गुलदस्ता भेंट किया, उमा जी ने उसे सहर्ष स्वीकार कर लिया। 

पत्रकार महोदय ने अनुमान लगाया कि बहुत संभव है कि शिवराज उमाजी को किसी संभावित किन्तु सुनिश्चित दायित्व के लिए वधाई देने गए हों और उमाजी ने उसे सहर्ष स्वीकार भी कर लिया हो। 

वास्तविकता क्या है, यह तो आने वाले कुछ दिनों में स्पष्ट होगा। लेकिन इतना तय है कि भाजपा इस बार कोई कमी नहीं रहने देना चाहती। उमाजी जैसे दिग्गज सेनापति उत्तरदायित्व के बिना रहें, भला यह शीर्ष नेतृत्व कैसे होने देगा ? भाजपा के तरकश में बहुत शस्त्रास्त्र हैं। देखना दिलचस्प होगा कि कौनसा ब्रह्मास्त्र किसके खिलाफ उपयोग होगा ? या किसकी कौनसी भूमिका संगठन और विचार को लाभ पहुंचाएगी ?

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