एक अनोखा व्यक्तित्व - नए क़ानून मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल - आलेख ललित गर्ग
श्री अर्जुनराम मेघवाल, एक अटल कार्यकर्ता, निष्णात प्रशासक, राजनीति में नैतिकता और संवेदनशीलता का समुच्चय है। उनके व्यक्तित्व के बहुआयामी फलक को हर भाजपा कार्यकर्ता को समझने की आवश्यकता है। सांसद एवं मंत्री होना इतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना उत्कर्ष के शिखर पर पहुंचकर भी कार्यकर्ता एवं सरलमना बना रहना है। भारतीय राजनीति में नैतिक मूल्यों, राष्ट्रवादी विचारधारा, संघर्ष और सेवा में तपने वाले अर्जुन राम मेघवाल को उनके सतत पुरुषार्थ, सद्भावना, उत्कृष्ट राष्ट्रसेवा, ईमानदार प्रशासक और निरन्तर उत्कृष्ट कार्यों की ओर संलग्नता ने एक अलग पहचान दी है। राजस्थान के गौरव, बीकानेर लोकसभा के सांसद, भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं सुदीर्घ प्रशासनिक एवं राजनीतिक सेवाओं का अनूठा इतिहास रचने वाले श्री मेघवाल को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने केन्द्रीय कानून एवं न्याय मंत्री का पद देकर उनको जो सम्मान दिया है, उन पर जो विश्वास व्यक्त किया है, यह एक अनूठी घटना है।
भारतीय प्रशासनिक सेवा में चुरू जिले के जिलाधीश रहते हुए वे निरंतर अणुव्रत कार्यक्रमों में भागीदार बनते रहे, तभी उनकी नैतिक मूल्यों के प्रति निष्ठा को देखते हुए आचार्य श्री महाप्रज्ञजी ने उन्हें राजनीति में आने का सुझाव दिया। गुरु से मिले आशीर्वाद को उन्होंने स्वीकार किया और राजनीति में सक्रिय हो गए। त्याग करने वालों की साधना ही सिद्धि का द्वार खोलती है। वे पूर्व में केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री एवं जल संसाधन गंगा विकास मंत्री रह चुके हैं।
अर्जुन राम मेघवाल की मात्र 13 वर्ष की उम्र में पाना देवी से शादी हो गई। पढ़ाई में उनकी कितनी दिलचस्पी थी इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने शादी के बाद भी अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी थी। अपने बुनकर पिता के साथ काम में हाथ बंटाते हुए मेघवाल ने बीकानेर के राजकीय डूंगर कॉलेज से बीए की डिग्री ली थी। राजनीति में आने से पूर्व वे आरएएस से पदोन्नत होकर आईएएस बने और राजस्थान में विभिन्न प्रशासनिक पदों पर अपनी सेवाएं देते हुए प्रदेश के विकास में सहभागी बने। श्री मेघवाल एक सच्चे सामाजिक कार्यकर्ता हैं वहीं उत्कृष्ट समाज सुधारक और संवेदनशील जनसेवक हैं। वे सादगी एवं सरलता की अद्भुत मिसाल हैं। इसका बड़ा उदाहरण यह है कि सरकार की तरफ से कार मिलने के बावजूद वे साइकिल पर घूमना एवं संसद जाना पसंद करते हैं। उनकी यह पसंद चर्चा में तब आई जब वे शपथग्रहण समारोह में राष्ट्रपति भवन साइकिल से ही पहुंचे। कानून मंत्री बनाये जाने पर भी उन्होंने अपनी पारम्परिक वेशभूषा धोती-कुर्ता एवं राजस्थानी पगड़ी को कायम रखा।
एक टेलीफोन आपरेटर से देश के कानून मंत्री बनने तक की यात्रा एक कर्मयोद्धा के यशस्वी जीवन की दास्तान है। श्री अर्जुन राम मेघवाल की अनेकानेक विशेषताओं में एक प्रमुख विशेषता यह है कि वे सदा हंसमुख रहते हैं। वे अपने गहन अनुभव एवं आध्यात्मिकता के कारण छोटी-छोटी घटना को गहराई प्रदत्त कर देते हैं। वे गहरे मानवीय सरोकार से ओतप्रोत एक अल्हड़ व्यक्तित्व हैं। कानून मंत्री के रूप में देश की कानूनी खामियों को दूर करने को तत्पर मीघवाल की के नेतृत्व में आजादी का अमृत काल देश की कानून व्यवस्थाओं के लिए भी अमृतमय बनेगा, ऐसा हमें विश्वास है।
सिर्फ सत्ता के लिये सियासत का वरण करने वाले नये लोगों के लिये मेघवाल एक अनूठा उदाहरण है। ऐसी राजनीति जिसमें कोई शॉर्टकट नहीं है, एक पूरी साधना है, एक अनुशासन है, एक वैचारिक अनुष्ठान है, एक समग्र नैतिक निष्ठा है । वे राजस्थान की राजनीति के अजातशत्रु है, जिनका कोई राजनीतिक शत्रु नहीं है। यही उनकी समन्वयक की असली निशानी है। यही उनका मौलिक वैशिष्ट्य भी है, जो उन्हें अद्भुत एवं अनूठा बनाता है।
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