लॉक डाउन में भी नहीं रुका स्मैक का कारोबार, कमलागंज में स्मैक के साथ युवक गिरफ्तार



लॉकडाउन के दौरान शिवपुरी के बाजार बंद हैं, लोगों के काम धंधे रुके हुए हैं, लेकिन नहीं रुका है तो केवल स्मैक का काला कारोबार, यह आज भी धड़ल्ले से चल रहा है | अभी दस माह पूर्व की ही तो बात है जब जुलाई 2019 में शिवानी नामक एक किशोरी को नशे के दलदल में धकेल कर स्मेक कारोबारियों ने उसे असमय ही मौत की नींद में सुला दिया था | एक शिवानी तो चर्चित हो गई, लेकिन शिवपुरी के अनगिनत नौजवान स्मैक की गिरफ्त में आकर अपनी जान गँवा चुके हैं | गत वर्ष स्मैक के मामले चर्चा में आने के बाद स्मैक के गैर कानूनी धंधे पर लगाम लगाने की बात जिला प्रशासन के द्वारा कही गई थी, परन्तु अब कमलागंज के एक युवक को स्मैक के साथ पकडे जाने के बाद यह तथ्य उजागर हो चुका है कि शिवपुरी शहर जहर का यह कारोबार अभी भी ठाठ से चल रहा है | सवाल उठ रहा है कि कैसे लॉक डाउन के दौरान युवक को स्मैक उपलब्ध हुई ? आखिर वो कौन लोग है जो लॉक डाउन के दौरान भी इस जहरीले धंधे को संचालित कर शहर वासियों को मौत की ओर धकेल रहे है ?

दिनांक 5 मई को दोपहर १ बजे फिजिकल पुलिस के द्वारा कमलागंज स्थित प्रभात के बाड़े से शिवानन्द उर्फ रानू शर्मा पुत्र पुरूषोत्तमदास शर्मा उम्र 30 साल नि. मामा पान वाली गली कमलागंज को बाडे में स्मैक पीते हुए पकड़ा गया | रानू के कब्जे से स्मैक पीने की सिल्वर फोल, माचिस तीली, बीडी व दस रू. के नोट की पुन्गी जप्त कर एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्यवाही की गयी है | आरोपी रानू इससे पूर्व भी स्मैक के साथ पकड़ा जा चुका है |

पूर्व में जब शहर में स्मैक के कारोबार की जानकारी सार्वजनिक हुई थी तब भी यह मांग उठी थी कि शहर में स्मैक का सेवन करने वाले पकडे गए लोगों से कड़ाई से पूछताछ कर स्मैक का घिनौना कारोबार करने वाले लोगों को भी पकड़ा जाए, क्योंकि बड़े गुनाहगार तो वे ही हैं | परन्तु उस समय भी पुलिस के द्वारा छोटी मोटी मछलियों को पकड़ कर बड़े मगरमच्छों पर हाथ डालने से परहेज किया था | मजे की बात यह कि कई पुलिस वालों के नाम भी स्मैक के इस कारोबार में सामने आये थे | पुरानी शिवपुरी में स्मैक के कारोबारियों की गाडी जब्त कर उनके विरुद्ध कोई ठोस कार्यवाही न किये जाने का बहुचर्चित मामला भी सामने आया था | कई मेडिकल स्टोर संचालक अवैध तरीके से नशीली दवाओं एवं इंजेक्शन को गैरकानूनी तरीके से बेचते हुए पाए गए थे | लेकिन धीरे धीरे यह मामला दबता चला गया |

कोरोना संक्रमण के इस दौर में स्मैक का मामला सामने आने से इसके गंभीर परिणाम निकट भविष्य में शहरवासियों के सामने आने की संभावनाओं को बल मिला रहा है, क्योंकि यह जाना माना तथ्य है कि स्मैक का सेवन करने वाले लोगों की रोगप्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है और कोरोना संक्रमण का सर्वाधिक खतरा भी उन्ही लोगों को है जिनकी रोगप्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो | कोरोना के बारे में जानकार लोगों की स्पष्ट चेतावनी है कि बच्चे और बूढ़े घर पर ही रहें क्योंकि कोरोना का खतरा इन पर अधिक है | बचे केवल युवा तो उन्हें मौत के मुंह में धकेलने के लिए स्मेक मार्केट में उपलब्ध है |

अब देखना यह है कि प्रशासन सामान्य दिखने वाले इस गंभीर मामले को कैसे लेता है ? भविष्य में संभावित बड़े खतरे को टालने हेतु कोई ठोस कार्यवाही करता है अथवा एक बार पुनः लीपा पोती कर किसी गंभीर घटना के सामने आने का इंतजार करता है ?

एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें