वैश्विक आतंकी मसूद अजहर और शालिनी दुबे !
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भारत की सर्वांगीण उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं वे युवा उद्यमी, जो विदेशों में रहकर सफलता की बुलंदियों को चूमने के साथ साथ, भारतीयता व भारत के हितों के संरक्षण का भी ध्यान रखते हैं | ऎसी ही एक युवा शख्सियत हैं शालिनी दुबे |
दुनिया भर में युवा किस तरह भारत के लिए काम कर रहे है , शालिनी उसका एक बड़ा उदाहरण हैं। मित्रों को जानकर हैरत होगी कि संयुक्त राष्ट्र संघ में मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करवाने में भी शालिनी ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी।
आईये जानते हैं कि कौन है यह शालिनी दुबे –
शालिनी मूलतः उत्तर प्रदेश के कानपुर महानगर निवासी श्री राम शरण दुबे (पूर्व आईएफएस अधिकारी) तथा अमेरिकी माता क्रिस्टीना गेट्स की बेटी हैं | उनका जन्म अमेरिका में ही हुआ, अतः वे अमेरिका की नागरिक हैं और उनकी गणना वहाँ की अत्यधिक प्रभावशाली महिलाओं में होती है। उनकी माता बिल गेट्स की चचेरी बहन हैं |
शालिनी ने मात्र 16 वर्ष की आयु में अपनी खुद की सुपर मार्किट सीरीज स्टार्ट की, लेकिन व्यवसाय का कोई अनुभब न होने के कारण उनका यह स्टार्टअप सफल नहीं हो सका और सारे पैसे डूबता देख उन्होंने इस सीरीज को वालमार्ट ग्रुप को बेच दियाl इस सौदे से शालिनी $3000 डॉलर मिले | उन्होंने वालमार्ट से मिले अपने 3000 डॉलर एक प्रमुख VPN सर्विस कंपनी में निवेश कर दिए, और बस यहीं से उनकी सफलता की शुरुआत हो गयी | 21 वर्ष की आयु में ही वे लगभग 24000 करोड़ की संपत्ति की मालकिन हो गईं, जिसमें 14 लग्जरी गाडियों और 2 शानदार प्राइवेट जेट्स भी शामिल हैं |
आज वह लगभग 35 बडी कंपनियो की सायलेंट पार्टनर बन चुकी है। जिनमें लग्जरी सनग्लासेज बनाने वाली कंपनी Rayban, हवाईजहाज निर्माता Boing, हैलीकॉप्टर्स निर्माता Bell Helicopters, आटोमोबाइल कंपनी Toyota, ग्लोबल एजुकेशनल सर्च इंजन ask.com, विश्व की सबसे बड़ी एयरलाइंस Lufthansa, भारत की सबसे बड़ी एयरलाइंस Indigo, भारत की सबसे बड़ी ईकॉमर्स कंपनी Snapdeal और अन्य कई बडी कंपनियाँ भी है। इतना ही नहीं तो वे अमेरिकी राष्ट्रपति ‘डोनाल्ड ट्रंप’ कीं भी बिजनेस पार्टनर रही हैं।
अब सवाल उठता है कि एक उद्योगपति युवती ने कैसे आतंकी मसूद अजहर मामले में भारत को मदद पहुंचाई | इसका जबाब यह है कि शालिनी दुबे केवल एक सफल उद्योगपति भर नहीं है | वह अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA की साइबर सिक्योरिटी हैड भी हैं और वे इस पद के लिए अवैतनिक सेवाएं देतीं हैं | इससे पहले वे अमेरिकन आर्मी में भी अपनी सेवाएं दे चुकीं हैं और उन्हें अमरीका की सेना में तीनों शाखाओं की ट्रेनिंग मिली है | अर्थात उन्हें वन वुमन आर्मी कहा जा सकता है |
वे अमेरिका की सदभावना राजदूत होने के साथ साथ व्हाइट हाउस कीं सुरक्षा सलाहकार समिति की हैड भी हैं | हमेशा मुस्लिम चरमपंथियों के निशाने पर रहने के कारण उनके साथ हमेशा प्राइवेट 18 सशस्त्र बॉडी गार्डस रहते हैं और अमेरिका भी उन्हें भारी भरकम सुरक्षा मुहैया कराता हैं | उनकी सुरक्षा पर अमेरिका का लगभग 10 करोड हर साल खर्च होता हैं |
कल एक पाकिस्तानी पत्रकार ने टाईम्स पत्रिका की कवर स्टोरी में भारत के प्रधानमंत्री को विघटनकारी निरूपित किया | स्वाभाविक भी है, क्योंकि लोकसभा चुनाव 2019 वस्तुतः सभ्यताओ के संघर्ष में बदल चुका है। यह निर्णय का घाट है, जिसमें काशी भी है, गोरखपुर भी है और जितना यह भारत के भीतर लड़ा जा रहा है उससे भी अधिक यह पूरी दुनिया मे लड़ा जा रहा है। यह अब तक स्पष्ट हो गया है कि इस चुनाव में वह पूरी वैश्विक जमात है जो पहले से ही आपस मे लड़ती आ रही है। इस्लाम और चर्च के संघर्ष वाले त्रिभुज का कर्ण बन कर हिंदुत्व का उभरना विश्व की बहुत बड़ी घटना है। भारतीयता विरोधी कथित सेक्युलर बुद्धिजीवी यह भूल गए हैं कि भारत के लोगो ने उनके लिखे इतिहास को कूड़ा समझना शुरू कर दिया है। उनकी सेक्युलर दलीलों का समय अस्त हो चुका है । यह नए स्वाभिमानी सनातन भारत की स्थापना का समय है। जिसमें दुनिया भर में बसे शालिनी दुबे जैसे भारतीय प्रखर प्रबुद्ध लोग भी अपना अपना योगदान दे रहे हैं |
किस तरह से पिछले 70 वर्षों में देश को लूटने, गलत इतिहास लिखवाने और एक खानदानी शफाखाना की तरह देश पर काबिज रहने के लिए की गई हर गंदगी इस समय उतरा कर सबके सामने आ चुकी है। उसकी दुर्गंध को यह नया भारत कतई स्वीकार नही करने वाला। यह नया भारत है जिसको भारतीयता के अलावा कुछ भी पसंद नही।भारतीयता के रंग में रंगी इस नई पीढ़ी की कार्य शैली भी अलग है। यही शैली देश और देश से बाहर सलीके से अपना काम कर रही है।
जब शालिनी दुबे शांति से इतना बड़ा काम करने में जुटी हुई थी, तब खुद को भारत भाग्य विधाता समझने वाले कुंठित नामदार प्रधानमंत्री को चोर बताने में व्यस्त थे । इस चुनाव के दरमियान ही और भी बड़े बड़े काम हुए जिनमे भारत को वैश्विक मजबूती मिली।
साभार आधार श्री संजय तिवारी जी की फेसबुक पोस्ट
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