दारूल उलूम देवबंद द्वारा जारी अद्भुत फतवे - बैंक में काम करने वालों से न करें मुस्लिम महिलायें शादी !


दुनिया इक्कीसवीं सदी में जी रही है, लेकिन मुस्लिम समाज आज भी पुरानी सोलहवीं सदी की मानसिकता से बाहर आने को तैयार नहीं है | इसका जीता जागता सबूत है मुस्लिम धर्मगुरुओं द्वारा जारी ये फतवे | सबसे हैरत की बात यह है कि मुस्लिम जगत में इन्हें अस्वीकार करने की कोई आवाज भी सुनाई नहीं देती | आईये नजर डालते हैं कुछ हैरत अंगेज फतवों पर -

अपने आप को दुनिया का महान इस्लामी विश्वविद्यालय बताने वाले "दारुल उलूम देवबंद" ने हाल ही में एक फतवा जारी किया है, जिसमें कहा है कि सभी महिला टीवी एंकरों को एंकरिंग करने के दौरान स्‍कार्फ बांधना जरूरी है | फतवे में यह भी कहा गया है कि महिला एंकरों को खुले बाल रखने की भी इस्‍लाम इजाजत नहीं देता है | देवबंद के मुफ्ती अहमद ने मुस्लिम महिलाओं के लिए बयान दिया है कि टीवी पर जो मुस्लिम महिलाएं एंकरिंग या रिपोर्टिंग कर रही हैं, उन्हें स्‍कार्फ बांधकर काम करना चाहिए | इससे उनके बाल खुले नहीं रहेंगे, बेहतर होगा कि वे बुर्के का इस्‍तेमाल करें | फतवे में यह भी कहा गया है कि महिला एंकरों को खुले बाल रखने की भी इस्‍लाम इजाजत नहीं देता है |

दारुल उलूम देवबंद के द्वारा पूर्व में जारी किये गए फतवे -

गैर मर्दों से मेहंदी लगवाना हराम

इस फतवे में कहा गया है कि मुस्लिम महिलाओं का किसी अनजान आदमी से मेहंदी लगवाना गैर-इस्लामिक है। शरीयत कानून में इसे स्वीकार नहीं किया जाता है। मेहंदी लगवाने के लिए किसी गैर मर्द को अपना हाथ देना गैर इस्लामिक है। इतना ही नहीं इससे महिलाओं के छवि भी खराब होती है। मुस्लिम महिलाओं को ऐसी संभावनाओं से दूर रहना चाहिए। दारुल उलूम का यह फतवा एक सवाल के जवाब में जारी किया गया है। सवाल में एक व्यक्ति ने पूछा था कि महिलाएं मार्केट जाकर प्रफेशनल पुरुषों से हाथों में मेहंदी लगवाती है, क्या यह सही है? मदरसा अशरफिया के वरिष्ठ मौलाना मुफ्ती अतहर काजमी ने कहा, 'इस्लाम में पर्दा प्रथा का विशेष महत्व है। अगर कोई महिला गैर पुरुष को छूती है या उससे मेहंदी लगवाती है तो यह हदीस के लिहाज से सही नहीं है।'

मुस्लिम महिलाओं के बाल कटवाने और आइब्रो बनवाने के खिलाफ फतवा

इस फतवे में महिलाओं का आइब्रो बनवाना और बाल कटवाना नाजायज करार दिया गया | फतवे में कहा गया कि महिलाओं के लिए इस्लाम में दस प्रतिबंध बताए गए हैं। इनमें से बाल कटवाना और आइब्रो बनवाना जायज नहीं है। अगर कोई महिला ऐसा करती है तो यह इस्लाम के खिलाफ माना जाएगा।

बैंक में काम करने वाले परिवार में न करें शादी

इस फतवे में कहा गया है कि वे ऐसे परिवारों से दूर रहें जो बैंकिंग सेक्टर में नौकरी से रुपये कमा रहे हैं। ऐसे रुपये हराम हैं। ऐसे परिवार में शादी न करने की बात भी फतवे में कही गई है। दारुल उलूम ने यह फरमान एक व्यक्ति द्वारा पूछे गए सवाल पर जारी किया है। इसमें उस व्यक्ति ने पूछा था कि भारत से उसकी शादी के लिए कई ऐसे प्रस्ताव आ रहे हैं जिनके पिता बैंक में नौकरी करते हैं। बैंकिंग तंत्र पूरी तरह से सूद (ब्याज) पर आधारित है, जो इस्लाम में हराम है। क्या ऐसे परिवार में शादी की जा सकती है? यह सवाल दारुल उलूम के फतवा सेक्शन में भेजा गया। इस सवाल के जवाब में फरमान जारी किया गया कि इस तरह के परिवार में शादी नहीं करनी चाहिए जो हराम की कमाई कर रहे हों।

बाजार में पराए मर्दों के हाथों से चूड़ियां पहनना गुनाह

फतवे में कहा गया कि जो महिलाएं बाजार में पराए मर्दों के हाथों से चूड़ियां पहनती हैं, वह गुनाह है | इस बारे में शौहर ने मुफ्ती की राय मांगी थी | देश में कई करोड़ लोग चूड़ी के कारोबार से जुड़े हुए हैं | इनका कहना है कि अगर यह फतवा लागू हो जाए तो उनका कारोबार बंद हो जाएगा | क्योंकि यह काम 99 फीसदी मर्दी ही करते हैं | 

रामचंद्र जी की आरती उतारने वाली महिलाओं को किया इस्लाम से बाहर 

पिछले साल दारुल-उलूम ने वाराणसी में मुस्लिम औरतों द्वारा दीवाली के मौके पर रामचंद्र जी की आरती उतारने वाली महिलाओं के बारे में फतवा दिया कि चूंकि उन्होंने आरती की है इसलिए अब वे इस्लाम से बाहर हो गई हैं | हालांकि उन मुस्लिम महिलाओं का कहना था कि वे ऐसा करके हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का संदेश दे रही थीं | लेकिन दारुल उलूम देवबंद के मौलाना मुफ्ती शरीफ़ खान ने फतवा जारी करते हुए कहा कि वाराणसी में भगवान राम की तस्वीर के सामने आरती करना इस्लाम के खिलाफ है | ऐसा करने वाला मुसलमान नहीं रहता | जवाब में मुस्लिम महिलाओं का कहना था कि हम 2006 से लगातार रामजी की आरती करते आ रहे हैं | ग्रुप-लीडर नाज़नीन अंसारी ने इस समारोह के दौरान टिप्पणी की थी, 'श्रीराम हमारे पूर्वज हैं | हम अपने नाम और धर्म बदल सकते हैं, लेकिन हम अपने पूर्वजों को कैसे बदल सकते हैं?

वन्दे मातरम और भारत माता की जय न बोलें मुसलमान 

दारुल उलूम देवबंद ने फतवा जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि जिस तरह 'वंदे मातरम' नहीं बोल सकते उसी तरह 'भारत माता' की जय भी नहीं बोल सकते। फतवा जारी करते हुए दारुल उलूम ने कहा- 'इंसान ही इंसान को जन्म दे सकता है। धरती मां कैसे हो सकती है? मुसलमान अल्लाह के अलावा किसी की पूजा नहीं कर सकता तो भारत को देवी कैसे माने? मुसलमानों को खुद को इस नारे से अलग कर लेना चाहिए। 

दारुल उलूम देवबंद के अतिरिक्त इस्लाम की आड़ में जारी किये गए ऊल जलूल फतवे 

स्कर्ट पहनने पर पाबंदी

कोलकाता के एक इस्लामी संगठन ने टेनिस स्टार सानिया मिर्जा के खिलाफ फतवा जारी करते हुए कहा था कि या तो सानिया ढ़ंग के कपड़े पहनकर टेनिस खेले वरना खेलना छोड़ दे। 

महिलाएं नहीं खा सकती केला-खीरा

मिस्र के एक मौलवी ने फतवा जारी किया कि महिलाएं केला और खीरे को हाथ नहीं लगा सकतीं।

पुरुषों को कराए स्तनपान

अरब के एक मौलवी ने फतवा जारी कर कहा कि अगर महिलाएं ऑफिस में काम करती हैं तो उन्हें अपने सहकर्मियों को स्तनपान करवाना होगा, ऐसा इसलिए क्योंकि स्तनपान करवाने से वो उसकी मां मानी जाएगी।

पोलियो ड्रॉप यहूदियों की साजिश

पाकिस्तान के सबसे बड़े इस्लामी संगठन एमएमए ने फतवा जारी किया कि बच्चों को पोलियो ड्रॉप नहीं पिलाई जाए। इस फतवे के पीछे उनका मानना है कि पोलियो ड्रॉप यहूदियों की साजिश है जिसके तहत मुसलिम पुरुषों को नपुंसक बनाया जा रहा ।

महिलाएं नहीं देखें फुटबॉल

अरब के एक मौलवी ने महिलाओं को फुटबॉल न देखने की हिदायत दी, ऐसा इसलिए क्योंकि उसका मानना था कि महिलाएं पुरुषों की जांघे देखने के लिए फुटबॉल का खेल देखती हैं।

न पढ़ें उपन्यास

अरब के शेख मे फतवा जारी किया कि महिलाएं रोमांटिक नॉवल नहीं पढ़ सकतीं, क्योंकि ये नॉवल उन्हें कल्पना की दुनिया में ले जाते हैं।

शव के साथ सेक्स

मरोक्को में फतवा जारी किया गया कि पुरुष अपनी मृत पत्नी के साथ सैक्स कर सकते हैं।

भूखे हैं तो खा सकते हैं अपनी पत्नी

अरब के मौलाना अब्दुल अजीज बिन अबदुल्ला ने कहा कि अगर पुरुष बहुत भूखे है तो वो अपनी पत्नी को खा सकता है।

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