अगर आप कम सोते हैं, तो सावधान !
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भारत में सबसे कम उम्र के सीईओ में से एक, रंजन दास, “एसएपी-भारतीय उपमहाद्वीप” के सीईओ और प्रबंध निदेशक का निधन महज 42 वर्ष की आयु में हो गया।
क्या कारण हुआ कि रंजन दास इतनी जल्दी चल बसे ?
वे बहुत सक्रिय खिलाड़ी थे, शारीरिक स्वाथ्य्य को लेकर बेहद जागरूक थे, यहाँ तक कि एक मैराथन धावक भी थे।
अपनी दैनिक कसरत के बाद, उन्हें अचानक दिल का दौरा पड़ा और नतीजतन अपने पीछे अपनी पत्नी व दो बहुत छोटे बच्चों को छोड़ गए ।
यह निश्चित रूप से कॉरपोरेट इंडिया के लिए एक सजग हो जाने का सन्देश है । साथ ही धावकों के लिए खतरनाक भी ।
सवाल यह है कि एक असाधारण रूप से सक्रिय, पुष्ट व्यक्ति केवल 42 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से चल बसे, यह स्थिति क्यूकर पैदा हुई, इसका असली कारण क्या है?
रंजन की दिनचर्या में केवल एक ही कमी थी, और वह थी नींद | वे नींद के प्रबंधन में चूक गए | वे 4-5 घंटे से अधिक नहीं सोते थे ।
जैसा कि उन्होंने एनडीटीवी के कार्यक्रम ‘Boss' day out’ में साक्षात्कार देते हुए पूर्व में स्वीकार भी किया था कि वे अधिक सोना पसंद करते हैं, लेकिन कम सो पाते हैं ।
जो लोग प्रति रात छः घंटे से अधिक सोते हैं, उनकी तुलना में रात्रीं में कम सोने वालों (<5 या 5-6 घंटे) में उच्च रक्तचाप का खतरा 350% से 500% तक अधिक होता है ।
25 से 49 वर्ष की आयु वाले युवाओं में कम नींद के कारण उच्च रक्तचाप होने की दोगुनी संभावना रहती है।
रात्रि में 5 घंटे से कम नींद लेने वालों में हार्ट अटैक की 3 गुना संभावना है ।
केवल एक रात की कम नींद भी शरीर में इंटरल्युकिन -6 (आईएल -6), ट्यूमर नेक्रोसिस फैक्टर-अल्फा (TNF-अल्फा) और सी-रिएक्टिव प्रोटीन (सीआरपी) जैसे अत्यंत विषाक्त तत्व बढा देता है । जिनके कारण कैंसर, गठिया और हृदय रोग हो सकते हैं ।
प्रति रात <= 5 घंटे की नींद, दिल की बीमारी में 39% की वृद्धि करती है। प्रति रात <= 6 घंटे के नींद से दिल की बीमारी में 8% की वृद्धि हो जाती है।
तो आदर्श नींद क्या है?
संक्षेप में नींद के दो चरण हैं : रेम (रैपिड आई मूवमेंट) और नॉन-रेम | पहला मानसिक एकाग्रता का कारक है तो दूसरा शारीरिक आरोग्य और पुनर्निर्माण में मदद करता है ।
यही कारण है कि जब नींद 5-6 या उससे कम होती है तो व्यक्ति रेम नींद की कमी के कारण दिनभर चिडचिडा रहता है ।
और अगर कोई 5 घंटे से भी कम सोया है तो वह नॉन-रेम नींद कम होने के कारण दिन भर थकान महसूस करता है ।
निष्कर्ष के तौर पर:
तनाव नियंत्रण को छोड़ दें, तो रंजन दास की दिनचर्या में सब कुछ सही था। उचित भोजन, संतुलित बजन बनाए रखने को नियमित व्यायाम, बस कमी थी तो कम से कम 7 घंटे की उचित और पर्याप्त नींद । और इसी एक कमी के कारण उनका असामयिक निधन हुआ ।
भले ही हम तनावमुक्त रहते हों, किन्तु अगर हम 7 घंटे से कम सो रहे हैं तो निश्चय ही हम आग से खेल रहे हैं |
अतः 7 घंटे से कम के लिए अपनी घड़ी का अलार्म सेट न करें।
रंजन दास जैसे लोग और भी हैं ।
इसलिए इस लेख को अपने उन अच्छे मित्रों से साझा अवश्य करें, जिन्हें आप अपना मानते हैं ...
DR.N Siva (Senior Cardiologist) के अनुसार
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स्वास्थ्य
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