कहने को तो नाम है पाकिस्तानी इंटेलीजेंस और सीक्योरिटी एजेंसी, लेकिन वस्तुतः भारतीय उप महाद्वीप में आतंक का घोषित पर्याय है | पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भारत में आर्थिक प्रतिष्ठानों पर हमला करवाने और दक्षिणपंथी नेताओं पर हमले का षडयंत्र रचा है | इस हिंसक कार्ययोजना में भारत में बसे विश्वासघाती स्लीपर सेल उसके सहयोगी होंगे । यह सनसनीखेज खुलासा कल 9 नवम्बर के न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने किया है |
भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसियां लम्बे समय से सीमा पार से बातचीत करने वालों पर नजर रखे हुए थीं, उसके चलते ही आईएसआई की बदली हुई रणनीति का खुलासा हुआ है | यह भी ज्ञात हुआ है कि आईएसआई द्वारा आतंकवादी संगठनों को नए दिशानिर्देश दिए गए है।
सूत्रों के अनुसार सबसे पहले विशेष रूप से राष्ट्रीय स्वयं सेवक सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े धार्मिक नेताओं को निशाना बनाया जाना है। पंजाब में आरएसएस नेता जगदीश कुमार गंगनेजा की हत्या से इसकी शुरूआत हो चुकी है | खुफिया एजेंसियों द्वारा इसके विषय में पहले ही कई राज्य सरकारों को सूचित किया जा चुका था कि आईएसआई दक्षिणपंथी समूह के सदस्यों पर हमले करवाने बाला है। रिपोर्ट में इस बात का विशेष रूप से उल्लेख किया था कि ' आईएसआई के लिए भारत में काम कर रहे मॉड्यूल के निशाने पर शीर्ष आरएसएस के नेता रहने वाले हैं ।'
सूत्रों ने बताया कि बाहरी जासूसी एजेंसी “रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (आर एंड एडब्ल्यू)” के माध्यम से इंटेलीजेंस को जानकारी मिली थी कि छह गुप्त आईएसआई हैंडलर कनाडा से पंजाब में एक विशेष समुदाय पर हिंसक हमले की योजना बना रहे थे |
"विदेश में आईएसआई और कुछ सिख आतंकवादी समूहों के नेताओं के बीच का तालमेल पहले से ही जानकारी में है। लेकिन, यह पहली बार है जब आईएसआई परदे के पीछे से संचालन करने के स्थान पर सीधे ऑपरेशन का संचालन कर रहा है। इसके लिए वित्त पोषण कनाडा में स्थित इन आईएसआई एजेंटों द्वारा ही किया गया था। इसके पीछे उनका उद्देश्य वर्ग संघर्ष को बढ़ावा देना है | आईएसआई का प्रयास पंजाब में सिख आतंकवाद को पुनर्जीवित करना है ।
"हाल ही में गिरफ्तार किये गए जगतार और जिमी, पंजाब में हुई पांच अन्य हत्याओं में भी शामिल थे तथा इनका सम्बन्ध कनाडा के आईएसआई ऑपरेशन से भी था। इनका मुख्य उद्देश्य सांप्रदायिक हिंसा को उभारना था ।“
आईएसआई की दिलचस्पी अब भारत के दूरदराज के इलाकों में बम विस्फोट करने की नहीं है। आतंकवाद को प्रश्रय देने वाले इस संगठन आईएसआई की जिस नवीनतम योजना का खुलासा हुआ है, उससे भारतीय सुरक्षा तंत्र को चिंतित कर दिया है । गुप्त निगरानी ऑपरेशन से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार अब आईएसआई के निशाने पर भारत के आर्थिक केंद्र है।
"अधिकारी ने बताया कि इस गर्मी में चांदनी चौक बाजार में हुए दो प्रमुख अग्नि काण्ड के पीछे आईएसआई के स्लीपर सेल का हाथ था, जिसमें सैकड़ों दुकानें नष्ट हुई थीं । इस बात की भी जांच की जा रही है कि दिल्ली के कमला मार्केट और गफ्फार मार्केट में हुई दो अन्य घटनाओं में भी आईएसआई का हाथ था । कोलकाता के अग्निकांड के भी सबूतों की जांच की जा रही है ।
अधिकारी ने स्पष्ट किया कि आईएसआई की रणनीति में बदलाव के पीछे हाल में बना अंतरराष्ट्रीय दबाव भी एक कारण है, विशेष रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा दिए गए कड़े वक्तव्य और दूसरी तरफ भारत में आतंकी गतिविधियों को वित्तपोषण में आई कठिनाई उनके सामने एक बड़ी समस्या बन रही है।
तीसरा सबसे बड़ा कारण है कि बड़े बाजारों को निशाने पर लेना अपेक्षाकृत आसान भी है, तथा उसमें आईएसआई के हाथ होने का प्रमाण जुटाना कठिन है, क्योंकि उसके लिए जांचकर्ताओं को पाकिस्तान जाना होगा । " यही कारण है कि अब आईएसआई रडार द्वारा आतंकवादी हमले के स्थान पर तोड़फोड़ के संचालन पर जोर दिया जा रहा है | इस ओपरेशन में अपेक्षाकृत लागत कम लगेगी लेकिन क्षति अधिक होगी |
साभार आधार : न्यू इंडियन एक्सप्रेस
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