फ़िल्मी दुनिया पर एक कास्टिंग डायरेक्टर के बेबाक विचार |
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शिवपुरी के एक नौजवान हैं रोहित जुनेजा | विगत पांच वर्षों से मायानगरी मुम्बई में कास्टिंग डायरेक्टर हैं | ५० से अधिक एड फ़िल्में कर चुके हैं, और एक हिन्दी मूवी भी | ख़ास बात यह है कि उन्होंने इसके लिए न तो किसी के अधीन काम किया और न ही कोई विशेष प्रशिक्षण लिया | उनके परिवार का भी कोई सदस्य फ़िल्मी दुनिया से सम्बंधित नहीं रहा | उनके पिता श्री अजय जुनेजा, ७० के दशक में मेरी शाखा के शिशु स्वयंसेवक थे तथा आज वे भाजपा के जानेमाने नेता हैं |
तो बात हो रही है रोहित की | मैंने सबसे पहले उन्हें उनके विद्यार्थी जीवन में शहंशाह अकबर का रोल करते देखा था | पूत के पाँव पालने में दिख जाते हैं, उनके पिता के सम्मुख मेरी सहज प्रतिक्रिया थी, बेटा फ़िल्मी दुनिया में जाने योग्य है | और भविष्य में मेरा उस दिन सहज कहा गया यह कथन सत्य भी हो गया | रोहित फ़िल्मी दुनिया में गए भी और सफल भी हो गए | हर शिवपुरी वासी के समान मुझे भी उनकी उपलब्धि पर गर्व है |
फिल्मी दुनिया का सबसे खौफनाक शब्द है, कास्टिंग काउच | कहा जाता है कि इस ग्लेमर की दुनिया में नवयुवतियों का शोषण होता है, तभी वे सफलता की सीढियां चढ़ पाती हैं | पिछले दिनों यूट्यूब पर रोहित जुनेजा का एक साक्षात्कार प्रसारित हुआ, जिसमें उन्होंने इस विषय पर भी अपने बेबाक विचार व्यक्त किये | इस वीडियो में उन्होंने विस्तार से फिल्मी दुनिया के विषय में बताया है | नई पीढी के जो सदस्य ग्लेमर की इस दुनिया में जाना चाहते हैं, उनके लिए यह साक्षात्कार उपयोगी हो सकता है |
अंत में रोहित को उनकी सफलता के लिए हार्दिक वधाई व शुभकामना कि वे सफलता की और बुलंदियों को स्पर्श करें | सच में शिवपुरी को उन पर नाज है |
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