भाजपा के नवनियुक्त राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष - जे पी नड्डा
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श्री जगत प्रकाश नड्डा
नवनियुक्त राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संभावित
भावी राष्ट्रीय अध्यक्ष
श्री जेपी नड्डा मूलतः हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के निवासी हैं ! वे 1993 में पहली बार विधायक चुने गए ! 1998 में वे दोबारा विधायक निर्वाचित हुए तथा राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बने ।
2007 में पुनः विधायक बनने के बाद उन्हें राज्य मंत्रीमंडल में वन मंत्री के रूप में शामिल किया।
2010 में तत्कालीन अध्यक्ष नितिन गडकरी ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया, और बाद में 2012 में वे राज्यसभा के लिए चुने गए ! माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के गतिशील और सक्षम नेतृत्व में मई 2014 में वे भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री बने ।
1991-92 में श्री नड्डा भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष भी रहे !
व्यक्तिगत विवरण
जेपी नड्डा (जन्म 2 दिसंबर 1960) भारतीय संसद में हिमाचल से राज्यसभा सदस्य है। वे हिमाचल विधान सभा के पूर्व सदस्य और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य है।
राजनीतिक कैरियर
छात्र राजनीति से हुआ सामाजिक जीवन का प्रारम्भ
जे. पी नड्डा. का राजनीति में पदार्पण लोकप्रिय जन आन्दोलन “बिहार आंदोलन” से हुआ । उन दिनों वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सक्रिय कार्यकर्ता थे ! उन्होंने 1977 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (A.B.V.P.) के बेनर पर पटना विश्वविद्यालय के सचिव पद का चुनाव जीता ! वे 1977-1990 तक लगातार 13 वर्ष A.B.V.P के साथ जुड़े रहकर विभिन्न पदों पर रहे:
संयुक्त सचिव, A.B.V.P., हिमाचल प्रदेश राज्य इकाई, 1980-1982।
सचिव, A.B.V.P., हिमाचल प्रदेश राज्य, 1980-1983।
अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय छात्र संघ, 1983-84।
जोनल सचिव, A.B.V.P., हिमाचल प्रदेश क्षेत्र, 1985-1986।
राष्ट्रीय सचिव और संगठन मंत्री, A.B.V.P., दिल्ली इकाई, 1986-1989।
स्कूलों के उन्नयन की मांग को लेकर आन्दोलन चलाने के परिणाम स्वरुप 1987 में वे 45 दिनों के लिए हिरासत में रखे गए ! तत्कालीन सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस के प्रमुख घोटालों को उजागर करने के लिए 1987 में ही उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ राष्ट्रीय संघर्ष मोर्चा गठित किया । 1989 और मई 1990 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की युवा शाखा की ओर से वे चुनाव प्रभारी नियुक्त किये गए ! 1991 में 31 वर्ष की उम्र में जेपी नड्डा भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने ! अपनी युवावस्था से ही भाजपा के साथ सक्रिय सहभागिता ने उन्हें अहसास कराया कि निचले स्तर पर प्रशिक्षण का कितना महत्व है, अतः उन्होंने जमीनी नेताओं के साथ उनके लिए व्यक्तित्व विकास और समय प्रबंधन कार्यशालाओं का काम हाथ में लिया !
(http://news.realhimachal.com/for-2014-ls-elections-bjp-bracing-all-members.html)
हिमाचल विधानसभा
विभिन्न विभागों के मंत्री के रूप में राजनीतिक कैरियर:
जम्मू पी नड्डा ने तीन बार हिमाचल प्रदेश विधान सभा के सदस्य के रूप में कार्य किया। वे राज्य के वन एवं पर्यावरण मंत्री और कानून मंत्री रहे । उनके नेतृत्व में कुछ शानदार विकास और प्रक्रिया उन्मुख योजनायें प्रारम्भ हुईं । बजट में महत्वपूर्ण परियोजनाओं के वित्त पोषण की मंजूरी के लिए वे प्राणपण से सचेष्ट रहे और इस प्रकार अपनी दूरदर्शिता का प्रमाण दिया । उन्होंने कई कल्याणकारी योजनाओं पर ध्यान केन्द्रित किया, और विभिन्न परियोजनाओं में नवीनतम तकनीकी साधन लाकर प्रथम विश्व के समकक्ष बनाने की दिशा में काम किया । वन मंत्री के रूप में उन्होंने ग्रीन क्लीन उत्पादन के लिए सार्वजनिक व निजी क्षेत्र की भागीदारी से स्वच्छ प्रौद्योगिकी पर जोर दिया । उनके नेतृत्व में ग्रामीण विकास के लिए पर्यावरण के अनुकूल तकनीक की निगरानी के लिए समुदाय की अगुआई में परामर्श और कार्य योजना The community led advocacy and action program (CLAP) शुरू की गई, तथा पोलीथिन पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाया गया !
कार्बन तटस्थता के बारे में जानने के लिए उन्होंने अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ कोस्टारिका का दौरा किया। उनके नेतृत्व में हिमाचल, राज्य के हरित क्षेत्र द्वारा अवशोषित की जाने वाली ग्रीन हाउस गैसों के एवज में कार्बन क्रेडिट की मांग करने वाला देश का पहला राज्य बना । वन एवं पर्यावरण मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने विभिन्न पर्यावरण परियोजनाओं में इको बटालियन (जिसमें भूतपूर्व सैनिक शामिल थे) को बढ़ावा दिया ! उन्होंने सांझा वन, संजीवनी वन, अपना वन अपना धन और पीपल-बरगद, जैसी तीन महत्वाकांक्षी वृक्षारोपण योजना प्रारम्भ कीं, जिनके माध्यम से 2500 हेक्टेयर क्षेत्र में एक करोड़ पौधा रोपण हुआ । हिमाचल में प्रवाहित होने वाले जल स्त्रोतों और नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए, उनके द्वारा वन सरोवर योजना भी प्रारम्भ की गई ! कानून मंत्री के रूप में उन्होंने न्यायिक कार्य में आईटी के उपयोग को बढ़ावा देने की शुरूआत की । अदालत में मामलों का शीघ्र निराकरण सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने जिला अदालतों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की शुरुआत की । वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जिला जेल में भी प्रारम्भ हुई ।
हिमाचल सरकार में मंत्री (1998-2003)
1998 में जेपी नड्डा हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री (स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और संसदीय कार्य) बने और इस पद पर 2003 तक कार्य किया ! इस दौरान उन्होंने कई स्वास्थ्य कार्यक्रमों को शुरू करवाया और जेनेरिक दवाओं को बढ़ावा दिया, उन्होंने विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों में एमबीबीएस डॉक्टरों के साथ आयुर्वेद एवं होम्योपैथिक डॉक्टरों का भी उपयोग किया ।
उनके पहल पर संचालित परियोजनाओं के कारण हिमाचल प्रदेश को हरित क्षेत्र बढाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए 'डायमंड स्टेट "पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनके कार्यकाल के दौरान हिमाचल प्रदेश गुजरात के बाद ई-प्रदूषण क्लियरेंस शुरू करने वाला दूसरा राज्य बन गया।
राज्यसभा
मई 2012 में जेपी नड्डा राज्य सभा के लिए निर्वाचित हुए ! अगस्त 2012 में उन्हें विभिन्न समितियों का सदस्य बनाया गया, जैसे परिवहन समिति, पर्यटन और संस्कृति, दिल्ली विश्वविद्यालय कोर्ट, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण समिति ।
यात्रा और राजनयिक कार्य
जे पी नड्डा कई प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा रहे है ! ज्ञान और प्रक्रिया के आदान-प्रदान हेतु उन्होंने कनाडा, कोस्टारिका, ग्रीस, ब्रिटेन और तुर्की जैसे कई देशों के दौरे किये । 1992-93 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया का अध्ययन करने के लिए उन्होंने भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में संयुक्त राज्य अमेरिका का दौरा किया । बाद में मार्च 2008 में 'समृद्ध मध्य पूर्व के आर्थिक भविष्य' विषय पर एक संगोष्ठी में भाग लेने के लिए वे दोहा (कतर) गए, उन्होंने स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का अध्ययन करने के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा भी किया, ।
सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों
जे पी नड्डा 2008 से 2012 तक हिमाचल प्रदेश ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे ! एसोसिएशन से 14 खेलों को जोड़ने की योजना है ! खेलों के बुनियादी ढांचे का उन्नयन के लिए और अधिक अनुशासन से खेल संघ अगले पांच साल में लगभग 40Cr खर्च करने जा रहा है । पिछले दो दशकों से अधर लटकी हुई खेल गतिविधियों के लिए यह जीवनदायिनी है । इसके पीछे खेलों के लिए जेपी नड्डा की प्रतिबद्धता है ! तथ्य यह है कि उन्होंने अपने बचपन में दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय जूनियर तैराकी चैम्पियनशिप में बिहार राज्य का प्रतिनिधित्व किया था ।
http://hillpost.in/2008/08/himachal-olympic-association-to-upgrade-sporting-infrastructure-%E2%80%93-nadda/5963/
व्यक्तिगत जीवन
उनका विवाह डॉ. मल्लिका नड्डा से हुआ, जो वर्तमान में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में इतिहास की प्रोफेसर है। उन्होंने हिमाचल विश्वविद्यालय से पीएचडी किया है। अपने पति श्री नड्डा की तरह ही डॉ मल्लिका भी समाज सेवा में रूचि रखती हैं, उन्होंने एक गैर सरकारी संगठन “चेतना” शुरू किया, जो खेल के माध्यम से दिव्यांग बच्चों के सामाजिक एकीकरण पर जोर देता है । यह समुदाय आधारित कार्यक्रम पहले बिलासपुर जिले की 10 पंचायतों में शुरू किया गया था, लेकिन जल्द ही इसे 150 पंचायतों में फैला दिया गया है। चेतना के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम भी चलाये जाते हैं । डॉ मल्लिका को इस क्षेत्र में उनके योगदान के लिए राजीव गांधी मानव सेवा पुरस्कार, 2010 प्राप्त हुआ है।
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बीजेपी
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