मध्यप्रदेश देश,विदेश के सैलानियों के लिए स्वाभाविक आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। प्रदेश को कुदरत ने पर्यटन,स्थल के रूप में नायाब तोहफे विविधता के साथ प्रदान किये हैं। देश का हृदय मध्यप्रदेश पर्यटन के नजरिए से बेजोड़ है। हालांकि देश के विभिन्न राज्य अपनी विविध प्राकृतिक सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से बहुतेरे दर्शनीय स्थलों का आकर्षण सँजोए हुए हैं लेकिन मध्यप्रदेश के दर्शनीय स्थलों का आकर्षण सैलानियों को बरबस अपनी ओर खींच लाता है।
मध्यप्रदेश में इस साल "वाटर टूरिज्म" की दिशा में अभिनव पहल की शुरूआत की गई। खण्डवा जिले में स्थित इंदिरा सागर बाँध के हनुवंतिया टापू पर 12 से 21 फरवरी 2016 तक जल-महोत्सव के सुरुचिपूर्ण और रोमांचक आयोजन से न केवल पर्यटन के नये क्षेत्र खुले हैं बल्कि मध्यप्रदेश में वाटर-टूरिज्म का नया अध्याय प्रारम्भ हुआ है।
यह सुखद संयोग है कि प्राकृतिक रूप से समृद्ध मध्यप्रदेश में इंदिरा सागर बाँध जैसी विपुल जल-राशि है। इसके अतिरिक्त बरगी गाँधी सागर तवा बाण-सागर जैसे बड़े बाँध भी वॉटर टूरिज्म को बढ़ावा देने और सैलानियों को आकर्षित करने के लिये मौजूद हैं।
प्रदेश के विशाल भू-भाग में वन्य क्षेत्र नर्मदा चंबल बेतवा केन नदियाँ एवं विशाल जलाशय नैसर्गिक सौंदर्य वन्य-प्राणियों की बड़ी तादाद पुरातात्विक एवं ऐतिहासिक महत्व के स्थल तथा धार्मिक आस्था के पुरातन केन्द्र सभी कुछ तो है हमारे प्रदेश में।
पुरस्कार-प्रशंसा
पर्यटन के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए प्रदेश को एक साथ 6 राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है। राष्ट्रीय महत्व के प्रतिष्ठापूर्ण पुरस्कार राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने नई दिल्ली में प्रदान किये। पर्यटन के समग्र विकास के लिए मध्यप्रदेश को द्वितीय पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ विरासत शहर का पुरस्कार ग्वालियर को मिला। बी. श्रेणी के पर्यटक स्थलों में जन-सुविधा प्रबंधन में खरगोन जिले की महेश्वर नगर परिषद को पहलाए पर्यटकों के लिए अनुकूल रेलवे स्टेशन का पुरस्कार हबीबगंज को बेस्ट मेंटेन्ड डिसेबल्ड फ्रेंडली मान्यूमेंट भोजपुर के शिव मंदिर को मोस्ट इनोवेटिव एण्ड यूनिक टूरिज्म प्रोजेक्ट का गौरव पर्यटन विकास निगम की इकाई सैर-सपाटा भोपाल को हासिल हुआ है। पर्यटन के क्षेत्र में इस वर्ष पर्यटन के अनुकूल वेबसाइट और उत्कृष्ट पारिस्थितिकी पर्यटन स्थल होने के दो राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार और मिले। पर्यटन विकास निगम द्वारा पर्यटन के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों को राष्ट्रीय स्तर पर निजी क्षेत्रों से भी सराहना प्राप्त हो रही है। टुडेज ट्रेवलर अवार्ड 2015 में मध्यप्रदेश को पर्यटन के क्षेत्र में सराहनीय कार्य के लिए मोस्ट प्रोग्रेसिव स्टेटस का पुरस्कार प्रदान किया गया है।
प्रदेश में निवेशकों को आकर्षित करने हेतु पर्यटन नीति 2012 (यथा संशोधित 2014) लागू है। इसके जरिये भूमि को जन-निजी भागीदारी के तहत निजी निवेशकों को दिये जाने की कार्यवाही की जा रही है। निजी निवेश को बढ़ावा दिये जाने के लिए प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर लगभग 370 हेक्टेयर भूमि का लेण्ड बैंक स्थापित किया गया है। वर्तमान में इंदिरा सागर जलाशय एवं फेफरिया खुर्द आईलेण्ड मेंहदीखेड़ा जिला धार माण्डू एवं ढ़कना.चपनाए निनोद तथा साँची जिला रायसेन में स्थित जमीन को निजी क्षेत्र को दिये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है।
पर्यटन नीति में उपलब्ध हैरिटेज होटल स्थापना पर विलासिता कर से 10 वर्ष की छूट और पूंजीगत व्यय के 35 प्रतिशत की दर से 1.50 करोड़ तक अनुदान सुविधा निवेशकों को उपलब्ध करवायी गयी है। इसके अलावा पंजीयन एवं मुद्रांक शुल्क केप्टिव पावर जनरेशन पर भी छूट की सुविधा है। पर्यटन क्षेत्र में बजट होटल निर्माण होटल एवं रिसोर्ट निर्माण कन्वेंशन सेन्टर आदि पर अनुदान सुविधाएँ तथा मनोरंजन परिवहन डायवर्शन टैक्स आदि की छूट के प्रावधान किये गये हैं।
पर्यटन विकास निगम द्वारा भोपाल में पर्यटन संवर्धन इकाई स्थापित की गई है। इसके साथ ही जिलों में भी जिला पर्यटन संवर्धन इकाईयाँ काम कर रही हैं।
पर्यटक सुरक्षा
प्रदेश में भ्रमण पर आने वाले पर्यटकों की सहायता के लिये मध्यप्रदेश पुलिस की सहायता से 228 पुलिसकर्मियों को "पर्यटक पुलिस" का प्रशिक्षण भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंध संस्थानए ग्वालियर के माध्यम से करवाया गया। प्रशिक्षण में पर्यटन उद्योग का परिचयए अतिथि सेवा एवं संवाद-कुशलता पर्यटक शिकायत का निराकरण शिष्टाचार पर्यटन के विकास में पुलिस की भूमिका पर्यटक सत्कार तथा सहायता विषयों पर पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया गया। प्रदेश की प्रथम पर्यटक पुलिस चौकी पचमढ़ी में स्थापित की गई है। पर्यटक सहायता की दृष्टि से पर्यटक पुलिस के लिए पर्यटन निगम द्वारा विशेष बेज बनवाये गये हैं जिसे पर्यटक पुलिसकर्मी अपनी वर्दी पर धारण किये रहेंगे। इससे पर्यटकों को पर्यटक पुलिस से संपर्क करने में आसानी होगी।
प्रदेश सरकार पर्यटन के सभी क्षेत्रों में जैसे फिल्म ईको एडवेंचर और वाटर टूरिज्म के विकास के साथ प्रदेश में सस्टेनेबल टूरिज्म मॉडल विकसित करने की दिशा में काम कर रही है।
निवेशकों के लिये प्रदेश में एक टूरिज्म लेण्ड एवं प्रापर्टी बैंक तैयार किया गया है। बैंक में लगभग 700 हेक्टेयर भूमि चिन्हित है। लेण्ड बैंक परियोजनाओं की स्थापना हेतु लेण्ड पार्सल 8 हैरिटेज भवन उपलब्ध हैं। इसके अलावा 50 से अधिक स्थान पर पर्यटकों की सुविधा के लिये मार्ग सुविधा केन्द्र निर्मित किये जा रहे हैंए जो निजी निवेशकों को संचालन हेतु उपलब्ध करवाये जायेंगे।
पर्यटक-मित्र
रेल मार्ग से प्रदेश में आने वाले पर्यटकों के लिए पर्यटन की प्रथम कड़ी का कार्य रेलवे स्टेशन के कुली करते हैं। इसके दृष्टिगत प्रदेश के चार महानगर. भोपाल इन्दौर ग्वालियर एवं जबलपुर में रेलवे स्टेशन से चयनित कुलियों को पर्यटन का प्रारंभिक प्रशिक्षण दिया गया है। कुली को पर्यटक मित्र का बाजू में बाँधा जाने वाला पीतल का बेज एवं संबंधित नगर की संक्षिप्त पर्यटन जानकारी की जेब में रखी जाने वाली पुस्तिका दी गई है। इससे सैलानी पर्यटक मित्र कुली का बेच देखकर संबंधित से पर्यटन संबंधी प्रारंभिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
प्रदेश में युवाओं को पर्यटन के क्षेत्र में प्रशिक्षित कर स्वावलंबी बनाने के लिये स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ हॉस्पिटेलिटी मेनेजमेंट राऊ इन्दौर फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट जबलपुर मध्यप्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ हॉस्पिटेलिटी ट्रेनिंग भोपाल का संचालन किया जा रहा है।
इन संस्थाओं के माध्यम से प्रशिक्षित युवाओं को न केवल रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे बल्कि पर्यटन उद्योग को भी प्रशिक्षित एवं कुशलकर्मी प्राप्त होंगे। खजुराहो में फूड क्राफ्ट इंस्टीटयूट का भूमि-पूजन हाल ही में हुआ है। शीघ्र ही रीवा में भी नये फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट के संचालन की शुरूआत होने जा रही है।
पर्यटन विकास निगम द्वारा संचालित 23 होटल्स हाईवे ट्रीट्स तथा बोट क्लब्स को आईएसओ मानक प्राप्त है। इस उपलब्धि से प्रदेश को "विश्व में पर्यटन के क्षेत्र में सर्वाधिक आईएसओ प्रमाणित इकाइयाँ संचालित करने वाला राज्य मध्यप्रदेश का गौरव प्राप्त हुआ है।
प्रदेश में आने वाले सैलानियों की संख्या में हर वर्ष इजाफा हो रहा है। वर्ष 2003 में मध्यप्रदेश में लगभग 60 लाख पर्यटक का आगमन हुआ था जो वर्ष 2015 में बढ़कर 7 करोड़ से भी अधिक पहुँच गई है। इस प्रकार पिछले एक दशक में प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या में लगभग 10 गुना से भी अधिक वृद्धि हुई है।
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