प्रकृति अपने अन्दर क्या क्या रहस्य छुपाये हुए है जिनके सामने आने पर सम्पूर्ण विश्व आश्चर्यचकित रह जाता है ! मानव सदियों से प्रकृति के अनोखे रहस्य जानने की कोशिश में जुटा है ! वह कई रहस्य जान चुका है लेकिन आज भी सृष्टि का अनजाना सत्य उसे कुछ और जानने और समझने की चुनौती देता है ! सच और रहस्य की इस दूरी को कम या खत्म करने का सिलसिला बहुत पुराना है ! हर सवाल जवाब मांगता है और हर जवाब अपने पीछे सवालों की सूची छोड़ जाता है !
क्या आप कल्पना कर सकते है कि कोई ऐसा स्थान है जहां ताली बजाने से पानी अपने आप निकल कर आ सकता है ? अगर आप इस प्रश्न को सुनकर हैरान हो रहे हैं तो इसका जवाब है जी हां ऐसा होता है और वह स्थान भारत के झारखंड स्थित बोकारो जिले में हैं !
ताली बजाने से तालाब से तेजी से निकलता है पानी
झारखंड के बोकारो जिले में एक ऐसा तालाब है जहां पर ताली बजाने से पानी तेजी से बाहर निकलता है ! तालाब में पानी इतनी तेजी से निकलता है मानो किसी बर्तन में पानी उबल रहा हो !
सर्दी में गर्म पानी और गर्मी में ठंडा पानी आता है
इस तालाब की एक खास बात यह है कि इसमें सर्दी में गर्म पानी और गर्मियों मे ठंड़ा पानी आता है ! लोगों का कहना है कि इस पानी से नहाने पर चर्म रोग भी दूर हो जाते हैं !
आस्था से जुडी मान्यता : सच्चे मन से मांगने पूरी होती है हर मनोकामना
इस कुंड को लेकर ऐसी मान्यता है कि यहाँ जो कोई भी मनोकामना सच्चे मन से मांगी जाती है उसकी सभी मनोकामनाएं अवश्य पूरी होती हैं ! इस तालाब से निकलने वाला पानी जमुई नामक नाले से होता हुआ गरगा नदी में जाता है ! इस तालाब को दलाही कुंद के नाम से भी जाना जाता है ! यह जलाशय कंक्रीट की दीवार से घिरा हुआ है इस कुंड का जल एकदम साफ है और यह पानी औषधियों से भरा हुआ है !
कुंड के पानी पर वैज्ञानिक भी कर चुके है शोध
इस कुंड पर किए गए शोध से पता चला कि ऐसी जगहों पर पानी बहुत नीचे होता है अगर लोग कहते है कि इस पानी से नहाने से चर्म रोग दूर होते हैं तो यानि इस पानी में कोई ना कोई चीज मिली हुई है ! शोधकर्ताओं का कहना है कि ताली बजाने से पानी में ध्वनि तरंगों की वजह से पानी पर असर पड़ता है लेकिन यह ऊपर कैसे आता है यह पता अभी नहीं चल पाया है !
बोकारो से 27 किलोमीटर दूर स्थित है यह अद्भुत कुंड
1984 के समय से इस कुंड के पास मकर संक्रांति का मेला लगता है ! लोग इस कुंड में स्नान करने के लिए आते है ! प्रत्येक रविवार को लोग बड़ी संख्या में इस कुंड में स्नान करने आते थे तत्पश्चात पूजा पाठ करते है ! यह कुंड बोकारो से करीब 27 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है !
बन सकता है पर्यटन केंद्र
2011-12 में पर्यटन विभाग ने इसकी दीवार बनवाई ! इसके बाद इसकी तरफ किसी का ध्यान नहीं गया लेकिन प्रशासन चाहे तो यह बेहतरीन पर्यटन स्थल बन सकता है !
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