जानिये भारत में स्थित उन स्थानों को जहाँ भारतीयों के जाने पर ही है प्रतिबन्ध, जाने के लिए लेनी होती है विशेष अनुमति !

हमारे देश के विभिन्न इलाकों में कई ऐसे स्थान हैं, जहां भारतीयों के जाने पर ही प्रतिबन्ध है ! आपको भले ही यह जानकर हैरानी हो, परन्तु यह एकदम सच है ! स्थानीय लोगों को छोड़ इन जगहों पर जाने के लिए अन्य स्थानों के लोगों को इनर लाइन परमिट लेना होता है ! यह कानून देश-दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से आए तमाम पर्यटकों के लिए मान्य है !

कहा जाता है कि ये सभी स्थान दूसरे देशों की सीमाओं से या तो सटे हुए है या दुसरे देश की सीमाओं के बेहद नजदीक स्थित हैं, ऐसे में सुरक्षा कारणों से बगैर आदेश के एंट्री नहीं मिलती है ! हालांकि, परमिशन लेकर जाने वाले लोग एक तय समय सीमा तक ही इन क्षेत्रों में घूम सकते हैं ! इसके बाद टूरिस्ट को उन स्थानों का भ्रमण कर वापस लौट जाना होता है ! आज हम आपको भारत के 5 ऐसे ही स्थानों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं !

क्या होती है इनर लाइन परमिट

इनर लाइन परमिट भारत का आधिकारिक यात्रा दस्तावेज है, जो देश और विदेशों के टूरिस्ट्स को संरक्षित स्थानों पर जाने के लिए परमिट देता है ! ये परमिट तय समय सीमा और कुछ लोगों के लिए ही मान्य होता है ! मुख्यत: ये परमिट भारत में इस समय सिर्फ तीन राज्यों – मिजोरम, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में ही पूर्ण रुप से लागू है ! हालांकि, इन राज्यों के अलावा दूसरे देशों के बॉर्डर लाइन पर भी इस परमिट की आवश्यकता होती है !

कोहिमा, नागालैंड

कोहिमा भारत के नागालैंड प्रान्त की राजधानी है ! यह नागालैंड की राजधानी है और बहुत खूबसूरत शहर है ! कोहिमा में अधिकतर आदिवासी रहते हैं ! इन आदिवासियों की संस्कृति बहुत रंग-बिरंगी है जो पर्यटकों को बहुत पसंद आती है ! उन्हें इनकी संस्कृति की झलक देखना बड़ा पसंद आता है ! इनकी संस्कृति के अलावा पर्यटक यहां पर कई बेहतरीन और ऐतिहासिक पर्यटक स्थलों की सैर भी कर सकते हैं ! इनमें राज्य संग्राहलय, एम्पोरियम, नागा हेरिटेज कॉम्पलैक्स, कोहिमा गांव, दजुकोउ घाटी, जप्फु चोटी, त्सेमिन्यु, खोनोमा गांव, दज्युलेकी और त्योफेमा टूरिस्ट गांव प्रमुख हैं ! यह सभी पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं क्योंकि इनकी खूबसूरत उन्हें मंत्रमुग्ध कर देती है ! कोहिमा को अंगामी नागा जनजाति की भूमि भी कहा जाता है ! इसे एशिया का स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है ! यहां पर जाने के लिए इनर परमिट लाइन की आवश्यकता होती है !

लोकतक लेक, मणिपुर 

दुनियाभर में कई ऐसे अजीबोगरीब झीलें हैं, जिनके बारे में जानकर हैरत होती है ! इनमें से कोई झील खून की तरह लाल दिखाई देती है, तो किसी का पानी खौलता रहता है ! ऐसी ही एक अजीबोगरीब झील मणीपुर की राजधानी इम्फाल से कुछ दूरी पर स्थित है ! इसे दुनिया की पहली तैरती हुई झील माना जाता है !

भारत के उत्तर-पूर्व में सबसे बड़े साफ पानी की लेक के रुप में प्रख्यात लोकतक झील झील में कई जगह पर भूखंड के टुकड़े तैरते हुए दिखाई देते हैं, जिनमें पानी भरा हुआ होता है ! इन टुकड़ों को फुमदी के नाम से जाना जाता है, जो मिट्टी, पेड़-पौधों और जैविक पदार्थों से मिलकर कठोर संरचना में बने होते हैं ! अपने अनोखेपन के कारण ये झील लोगों को खूब आकर्षित करती है !

चांगु लेक, सिक्किम

चांगु लेक सिक्किम का प्रमुख पर्यटन स्थल है ! सर्दियों में इस झील का पानी पूरी तरह से जम जाता है ! चांगु लेक पर भी आने के लिए इनर लाइन परमिट लेने की आवश्यकता होती है !

जीरो, अरुणाचल प्रदेश

वैसे जीरो अरुणाचल प्रदेश का एक डिस्ट्रिक्ट है जो ईटानगर से तकरीबन १६७ कि.मी की दूरी पर है ! जीरो जहाँ पर टेम्प्रेचर जीरो डिग्री तक चला जाता है ऐसा लोग कहते है और जब टेम्प्रेचर जीरो होगा तो जाहिर सी बात है कि दिन मे भी हाथ-पैर गलने लगते है ! इतनी ज्यादा ठण्ड होती है कि स्वेटर और जैकेट के बावजूद जाड़ा लगता रहता है पर वहां रहने वालों को देख कर ऐसा नहीं लगता है ! सुबह तो पेड़ पौधों पर बर्फ जमी हुई दिखाई देती है ! जीरो के लोगों का ये कहना था की पहले जीरो को ही अरुणाचल प्रदेश की राजधानी बनाने के लिए सोचा गया था पर बाद मे ईटानगर को राजधानी बनाया गया !

अरुणाचल प्रदेश में भी इनर लाइन परमिट लागू है ! इस कारण से यहां भी परमिशन लेकर ही कोई जा सकता है !

आइजोल, मिजोरम


आइजोल भारत के मिज़ोरम प्रान्त की राजधानी है ! यह ऐज़ौल ज़िले का मुख्यालय भी है यह कर्क रेखा के ठीक उपर है ! मिजोरम की राजधानी आइजोल में कई शानदार स्थान हैं, जिसे देखने के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं ! इनमें म्यूजियम, हिल स्टेशन, स्थानीय लोग और उनकी कला शामिल है ! हालांकि, मिजोरम में भी इनर लाइन परमिट लागू है ! इस वजह से यहां लिमिटेड टाइम पीरियड के लिए कोई व्यक्ति परमिशन लेकर जा सकता है !

एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें