नेपाल अराजकता की ओर - काठमांडू एक सैन्य छावनी में तब्दील


नेपाल में हिंदूराष्ट्र समर्थकों और धर्मनिरपेक्षतावादियों के बीच संघर्ष पर नियंत्रण के लिए काठमांडू में सशस्त्र पुलिस तैनात। काठमांडू एक सैन्य छावनी में तब्दील ?
श्री उपानंद ब्रह्मचारी की रिपोर्ट 

नई दिल्ली | 27 अगस्त 2015 ::, काठमांडू से प्राप्त समाचारों के अनुसार नेपाली संविधान सभा परिसर के आसपास हिंदूराष्ट्र समर्थकों और सेकुलरवादी और माओवादियों के गठजोड़ के बीच बड़ा तनाव गहरा गया है । राष्ट्र विरोधी धर्मनिरपेक्षतावादियों और माओवादियों के संयुक्त गठजोड़ ने सीए भवन (संविधान सभा परिसर), के पश्चिमी ओर कब्जा जमा लिया है, तो दूसरी ओर हिंदू राष्ट्र समर्थक राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी नेपाल (RPPN) संविधान सभा परिसर के पूर्वी भाग में एकत्रित हैं ।

स्पष्टतः नेपाल का नया संविधान निर्माण अपने अंतिम चरण में है | इसमें अपना अपना दृष्टिकोण शामिल कराने की मांग को लेकर दोनों ओर से 4-5 हजार प्रदर्शनकारी परस्पर विरोधी मूड में एकत्र हुए है । हिंदू राष्ट्र समर्थक कार्यकर्ता पारंपरिक हिमालयीन हिंदू साम्राज्य की एक निश्चित मान्यता के साथ नेपाल में हिंदू राज्य व्यवस्था चाहते हैं । जबकि सेकुलरवादी और माओवादीयों की मांग है कि नेपाल में एक संघीय धर्मनिरपेक्ष राज्य कायम रहे, जिसका प्रारम्भ वर्ष 2007 में सत्ता में आये चीन समर्थक माओवादियों ने हिंदू प्रतिमा को धता बताते हुए नेपाल में किया था ।

ताजा समाचारों के अनुसार, नेपाल में किसी भी संभावित स्थिति से निबटने के लिए बड़ी संख्या में सशस्त्र पुलिस बलों की नियुक्ति की गई है । सीए भवन की ओर जाने वाली काठमांडू की विभिन्न सड़कों को कंटीले तार लगाकर अवरुद्ध कर दिया गया है। सशस्त्र पुलिस बल की भारी उपस्थिति के कारण काठमांडू शहर एक सैन्य छावनी के रूप में बदल गया है । जिसके कारण आम जनजीवन भी प्रभावित हुआ है ।

एक दिन पहले हिंदू राष्ट्र समर्थक आरपीपी-एन के अध्यक्ष कमल थापा ने मौजूदा राजनीतिक अराजकता के लिए 4 प्रमुख राजनीतिक दलों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि इन चार प्रमुख राजनीतिक दलों के क्षुद्र राजनैतिक स्वार्थ नेपाल में 'राजनीतिक तबाही' को आमंत्रित कर रहे हैं ।

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